राजधानी में 24 घंटे में डेंगू के मामले 300 के पार, 17 की मौत

अब तक मिले 1841 से ज्यादा मरीज

नगर निगम के पास आधी से ज्यादा मशीने खराब




अधिकारी पत्र लिखने में व्यस्त

फॉगिंग कैसे जब आधी मशीनें खराब

राजधानी में डेंगू पीड़ित मरीजों की संख्या 1841 हो गई है. इसमें सबसे अधिक कंकड़बाग,गायघाट, मीनाबाजार, खाजेकला, अगमकुआं इलाके में मरीज है. सोमवार को तीन बड़े सरकारी अस्पतालों में हुई जांच में डेंगू के 253 नए मरीज मिले हैं. इस बीच डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने स्कूल और कॉलेज के प्रचार्य को डेंगू से बचाव के लिए एंटी लार्वा रसायन का छिड़काव कराने और नगर आयुक्त को डेंगू से बचाव के लिए कड़े कदम उठाने के लिए पत्र लिखा है.

डेंगू मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. लेकिन, नगर निगम अब तक समुचित तरीके से फॉगिंग व दवा छिड़काव नहीं करा रहा है. हर दिन आधे वार्ड में ही फॉगिंग व दवा छिड़काव हो रही है, क्योंकि केमिकल की कमी थी. प्रति वार्ड पौने चार लीटर मैलाथियान और केमिफॉस केमिकल की जरूरत थी, लेकिन ढाई लीटर ही केमिकल मिल रहा था. अब जब डेंगू के आंकड़े में बेतहाशा वृद्धि हुई है, तो डीएम के निर्देश पर केमिकल खरीद का फैसला लिया गया है. निगम का कहना है कि तीन शिफ्ट में हर दिन हर वार्ड में फॉगिंग होगी.

अभी 75 फॉगिंग टेम्पो में करीब 35 खराब है. कहीं 10 तो कहीं 6 टेम्पो खराब हैं. 2019 में खरीदी गई थी मशीन, 3 साल में ही आधी खराब, मरम्मत भी नहीं. पाटलिपुत्र अंचल में 16 में से 9 टेम्पो में फॉगिंग मशीन से ही फॉगिंग हो रहा है. 10 हजार ली. मैलाथिन स्टॉक में, इतना ही का ऑर्डर दिया गया है. डेंगू पर नियंत्रण पाने के लिए तीन शिफ्ट में फॉगिंग टेम्पो चल रहा है. 6 घंटे में एक वार्ड को कवर करना है. पौने चार लीटर केमिकल 1 वार्ड में खपत है. डीजल की मात्रा बढ़ाकर 75 लीटर कर दिया गया है. कुछ टेम्पो में तकनीकी खराबी है, उसे ठीक किया जा रहा है.

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By pnc

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