कोइलवर में मेडिकल कॉलेज खोलने की उठाई मांग
सस्ती दवा से ज्यादा जरूरी कार्य सस्ते चिकित्सक पैदा करना
कोइलवर/भोजपुर : लगातार सरकार की उदासीनता व प्रशासन के ढुलमुल नीति से आहत कोइलवर के ग्रामीणों की ओर से स्थानीय पत्रकारों ने ही कोइलवर में मेडिकल कॉलेज खोले जाने की कवायद में परिवर्तन के मुद्दे पर स्वास्थ्य मंत्री को घेरा. स्वास्थ्य मंत्री के कार्यक्रम में कोइलवर प्रखंड के नरही निवासी व हिन्दुस्तान के पत्रकार दीपक कुमार सिंह ने प्रखंडवासियों के तरफ से कोइलवर में मेडिकल कॉलेज खोले जाने की मांग रखते कहा कि शुरुआती दौर से ही मानसिक अस्पताल की एक सौ अठाइस एकड़ भूमि में मेडिकल कॉलेज खोले जाने को लेकर कई दौर की जिला प्रशासन की बैठकें हो चुकी हैं।वीर कुंवर सिंह यूनिवरसिटी से प्रस्ताव भी भेजा जा चूका है. यही नहीं स्थानीय सांसद व केंद्रीय मंत्री राजकुमार सिंह के सुझाव पर स्थल निरिक्षण कर ब्लू प्रिंट भी तत्कालीन जिलाधिकारी द्वारा सरकार को भेजा जा चूका है. ऐसी परिस्थिति में दूसरे जगह का नया प्रस्ताव माँगा जाना अनुचित तो है ही,राज्य व केंद्र सरकार के राजस्व को भी भारी क्षति पहुँचाना है. जेनेरिक दवाओं की सस्ती सुलभता की बात पर पत्रकार दीपक कुमार सिंह ने कहा कि सस्ती दवा उपलब्ध कराने से ज्यादा जरूरी कार्य सस्ते चिकित्सक पैदा करना है. जिससे आम गांव गवई के लोग सस्ती चिकित्सा पा सकें. स्वास्थ्य मंत्री को इसकी उपयोगिता बताते उन्होंने बताया कि पूरे बिहार के इकलौते मानसिक रोग संस्थान में अगर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल का निर्माण होता तो न किसानों को भूमि का मुआवजा ही देना पड़ता और न ही अस्पताल के पुनर्निर्माण में ज्यादा लागत ही खर्च होती. श्री सिंह ने कहा कि पूरे विहार में सिर्फ कोइलवर में ही मानसिक रोगी इलाज कराने आते हैं जबकि मानसिक चिकित्सकों की भी शिक्षा की व्यवस्था कहीं नहीं है जबकि कोइलवर में कॉलेज खुलने के बाद मेडिकल के छात्रों को यहाँ से इंटर्नशिप की सुविधा मिल सकती है जो कहीं और संभव नहीं है. ऐसे में मुफ्त की जमीन को छोड़ जिले में कहीं और मेडिकल कॉलेज की जमीन खोजना समझ से परे है. मौके पर उपस्थित पत्रकारों में अनामुल हक़ अंसारी,आमोद कुमार,नीरज कुमार व दीपक गुप्ता ने भी स्वास्थ्य मंत्री से इस पर जबाब मांगा।हालांकि मंत्री ने बड़े ही गंभीरता से कोइलवर में मेडिकल कॉलेज खोले जाने के सकारात्मक पहलुओं पर ध्यान देने की बात कही.