दिल्ली मेट्रो के कार्य निदेशक दलजीत सिंह को मिला प्रतिष्ठित लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार




सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस इंजीनियरिंग के लिए मिला पुरस्कार

मुंबई में आयोजित कार्यक्रम में मिला अवार्ड

निदेशक/कार्य के रूप में द इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) से प्रख्यात इंजीनियर्स अवार्ड 2021 में मिला

वर्तमान में सलाहकार (विशेष कार्य) दिल्ली मेट्रो के पद पर हैं कार्यरत

पटना, मुंबई में आयोजित टनलिंग एशिया सम्मेलन 2023 में टनलिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा टनलिंग और अंडरग्राउंड स्पेस के विकास में प्रतिष्ठित लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार मेट्रो वर्क्स के कार्य निदेशक दलजीत सिंह को दिया गया. इस अवसर पर दलजीत सिंह ने कहा कि मेरे लिए यह सम्मान मिलना बहुत गर्व की बात है. लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार दिल्ली मेट्रो और लखनऊ मेट्रो के साथ काम करते हुए सुरंग और भूमिगत स्थान के विकास में आजीवन योगदान के लिए के लिए दलजीत सिंह निदेशक-कार्य दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड को दिया गया है.

दलजीत सिंह ने वर्ष 1998में अपने करियर के दौरान, वह दिल्ली, लखनऊ, कोच्चि में मेट्रो परियोजनाओं की योजना, डिजाइन और कमीशनिंग में शामिल थे. वह दिल्ली मेट्रो के तीन चरणों में 350 किमी लंबी लाइन की योजना, डिजाइन, निष्पादन और कमीशनिंग में शामिल थे और दिल्ली मेट्रो के चरण-IV में 65 किमी की योजना, डिजाइन, निष्पादन, पटना में 34 किमी डिपोजिट वर्क्स और 23 किमी लंबी लाइन की योजना, डिजाइन, निष्पादन और कमीशनिंग में शामिल थे. लखनऊ मेट्रो परियोजनाएँ जिसमें वह तीन साल से भी कम समय में 8.5 किमी के प्राथमिकता वाले कॉरिडोर को चालू करने का रिकॉर्ड बनाने में जुड़े थे.

उनके पास 2002 में दिल्ली मेट्रो के प्रथम चरण में 11 किलोमीटर के भूमिगत कार्य में टीबीएम का उपयोग करके पहली बार भूमिगत मेट्रो कार्य को निष्पादित करने का अनुभव है.यह उनकी ईमानदार दृढ निश्चय पहल का ही परिणाम है कि आज डीएमआरसी की सभी परियोजनाओं की निगरानी संरचनाओं के एकीकृत बीआईएम मॉडल का उपयोग करके एक बटन के क्लिक पर की जा रही है. परियोजनाओं की प्रगति और विक्रेताओं को भुगतान को इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) के माध्यम से क्लाउड पर एकीकृत किया जा रहा है.

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस इंजीनियरिंग (CETUSE) जो कि दलजीत सिंह के दिमाग की उपज है, एक विरासत है जिसे टनलिंग इंजीनियरों की वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों द्वारा समान रूप से पोषित किया जाएगा. एक अत्याधुनिक सुविधा बनाने की उनकी दृष्टि जो शिक्षा और उद्योग के बीच एक पुल के रूप में कार्य कर सके और भारतीय टनलिंग बिरादरी को एक ही छत के नीचे ला सके, आने वाले दशकों के लिए सुरंग बनाने का कार्य यह सुनिश्चित करने के लिए बाध्य है कि देश इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर होगा.

उन्हें दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड में निदेशक/कार्य के रूप में द इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) से प्रख्यात इंजीनियर्स अवार्ड ‘2021 प्राप्त हुआथा. वह इंटरनेशनल टनलिंग एसोसिएशन के वर्किंग ग्रुप-19 (डब्ल्यूजी-19: कन्वेंशनल टनलिंग) के सदस्य हैं. जिनके  हाल ही में पारंपरिक सुरंग निर्माण पर दिशा निर्देश प्रकाशित किए हैं. वह सेगमेंटल टनल लाइनिंग के निर्माण में स्टील फाइबर कंक्रीट के उपयोग के लिए दिशानिर्देश बनाने में शामिल थे. इससे सुरंग निर्माण कार्यों में कार्बन फुटप्रिंट में कमी आएगी.

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By pnc

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