नागरिकों की मौजूदगी में अधिकारियों ने जलाए 150 कैंडल
जिले के 150 वाँ स्थापना दिवस पर बनी रंगोली, कटा केक
सेवा और न्याय के सफर के गौरव में नई गाथा जोड़ने का संकल्प
संजय मिश्र, दरभंगा
ग्रगोरियन कैलेंडर के नव वर्ष सोमवार 01 जनवरी 2024 के दिन जहां दरभंगावासी उल्लास में डूबे रहे.. उनके जिले का समाहरणालय परिसर अलसाया सा दिखा. शाम दस्तक देने को आतुर हुई न.. कि उसने.. मानो.. किसी नायिका की छुई मुई सी मादकता का आवरण लपेट लिया. वहां के वातावरण को बेधती सर्द हवाएं अपनी बला से. चहुं ओर चहक फैल गई. समा में खिलखिलाहट पसारते, एक एक कर अधिकारी अपने चैंबर्स से निकलने लगे और मुख्य भवन के सामने के संविधानिक सरकारी कार्यक्रम स्थल पर जमा हो गए.
उनके चेहरे की कांति और चाल में स्फूर्ति आनन्द की कथा सुना रहे थे. उप विकास आयुक्त प्रतिभा रानी की अगुवाई में दरभंगा जिला के 150 वाँ स्थापना दिवस के अवसर पर 150 कैंडल जलाई गई. इस अवसर पर अपर समाहर्त्ता सह अपर जिला दण्डाधिकारी राजेश झा “राजा” और अनुमण्डल पदाधिकारी, सदर चन्द्रिमा अत्रि ने केक काटा. वरीय उप समाहर्त्ता, सामान्य प्रशाखा टोनी कुमारी ने अपने नेतृत्व में दरभंगा समाहरणालय के डिजाइन सरीखी एक खूबसूरत रंगोली बनायी. ये मुख्य भवन भव्य है और दृढ़ता का संदेश देता है. अंग्रेजों ने इसे गोथिक स्कूल ऑफ आरकीटेक्चर शैली में बनाया था. आपको बता दें कि 01 जनवरी 1875 ई. को दरभंगा जिले की स्थापना हुई थी.
जिले के स्थापना दिवस के अवसर पर हर साल की भांति पूरे समाहरणालय परिसर को सतरंगी लाइट से सजाया गया है. यहां के आयोजन के उधव धाव की आभा ऐसी कि सामने की सड़क से गुजरने वाले आम नागरिक अनमनयस्क ही, खिंचे चले आए. उनके साथ आए बच्चों की उत्सुकता का पारावार नहीं रहा जब उनने जाना कि उनका जिला 150 साल का हो गया है.पोलो ग्राउंड से, वे पहली जनवरी का जश्न मना कर लौटे थे. वही ग्राउंड जहां कभी अंग्रेज अधिकारी और तिरहुत नरेश की टीमें पोलो खेला करते. आज वहां बेतरतीब बने कंक्रीट का जंगल है. खैर, अधिकारियों ने विरासत को अपने अंदाज में याद किया.
उप विकास आयुक्त प्रतिभा रानी ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए 150 वाँ दरभंगा जिला स्थापना दिवस के अवसर पर जिलेवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि मौजूद तमाम अधिकारी इस बात से बेहद खुश हैं कि स्थापना दिवस के अवसर पर वे दरभंगा जिला में पदस्थापित हैं. एसडीओ चंद्रिमा अत्रि ने कहा कि ये जिला सेवा और न्याय की सुदीर्घ गाथा ओढ़े है. इस परंपरा को आगे बढ़ाना है. एडीएम राजेश झा ने कहा कि कर्तव्य पथ की ये दमक फीकी नहीं पड़नी चाहिए.
इस अवसर पर अपर समाहर्त्ता अनिल कुमार, अपर समाहर्त्ता (विधि-व्यवस्था) राकेश रंजन, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी बालेश्वर प्रसाद, जिला पंचायती राज पदाधिकारी आलोक राज, प्रभारी निदेशक, डी.आर.डी.ए. राहुल कुमार, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (समेकित बाल विकास परियोजना) डॉ. रश्मि वर्मा के साथ-साथ दरभंगा, समाहरणालय के वरीय पदाधिकारीगण एवं कर्मी गण उपस्थित रहे.
जिले के स्थापना दिवस के अवसर पर हर साल की भांति पूरे समाहरणालय परिसर को सतरंगी लाइट से सजाया गया है. यहां के आयोजन के उधव धाव की आभा ऐसी कि सामने की सड़क से गुजरने वाले आम नागरिक अनमनयस्क ही, खिंचे चले आए. उनके साथ आए बच्चों की उत्सुकता का पारावार नहीं रहा जब उनने जाना कि उनका जिला 150 साल का हो गया है.
पोलो ग्राउंड से, वे पहली जनवरी का जश्न मना कर लौटे थे. वही ग्राउंड जहां कभी अंग्रेज अधिकारी और तिरहुत नरेश की टीमें पोलो खेला करते. आज वहां बेतरतीब बने कंक्रीट का जंगल है. खैर, अधिकारियों ने विरासत को अपने अंदाज में याद किया.
उप विकास आयुक्त प्रतिभा रानी ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए 150 वाँ दरभंगा जिला स्थापना दिवस के अवसर पर जिलेवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि मौजूद तमाम अधिकारी इस बात से बेहद खुश हैं कि स्थापना दिवस के अवसर पर वे दरभंगा जिला में पदस्थापित हैं. एसडीओ चंद्रिमा अत्रि ने कहा कि ये जिला सेवा और न्याय की सुदीर्घ गाथा ओढ़े है. इस परंपरा को आगे बढ़ाना है. एडीएम राजेश झा ने कहा कि कर्तव्य पथ की ये दमक फीकी नहीं पड़नी चाहिए.
इस अवसर पर अपर समाहर्त्ता अनिल कुमार, अपर समाहर्त्ता (विधि-व्यवस्था) राकेश रंजन, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी बालेश्वर प्रसाद, जिला पंचायती राज पदाधिकारी आलोक राज, प्रभारी निदेशक, डी.आर.डी.ए. राहुल कुमार, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (समेकित बाल विकास परियोजना) डॉ. रश्मि वर्मा के साथ-साथ दरभंगा, समाहरणालय के वरीय पदाधिकारीगण एवं कर्मी गण उपस्थित रहे.