दरभंगा एम्स के मुद्दे ने बिगाड़ा सियासी बिरादरी का स्वाद




गांधी जयंती के दिन दरभंगा सांसद बैठे अनशन पर

सीएम नीतीश सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप

कहा शोभन चिन्हित स्थल के 24 किसानों ने किया है केस

सत्ताधारी जमात के स्थानीय नेताओं में खलबली

संजय मिश्र,दरभंगा

इंडिया में गांधी जयंती के दिन सादे समारोह होते.. रश्मि आयोजन का चलन है. वातावरण में सहज शांति की अनुभूति होती है. दरभंगा में सोमवार को प्रशासनिक और सामाजिक स्तर पर हुए समारोहों में ऐसी शीतलता तो रही. लेकिन बिहार के सत्तारूढ़ सियासी जमात के लोग जब लहेरियासराय टावर पर स्थापित गांधी प्रतिमा के पास पहुंचे तो शांत.. सौम्य अभिव्यक्त होने की जगह उनके बॉडी लैंग्वेज में आवेश नजर आया. नीरव हो गांधी के योगदान को याद करने के बदले दरभंगा एम्स का मुद्दा उनके बोल वचन से रह रह कर निः सृत होता रहा. ये कैसी बेचैनी? विस्मय होना स्वाभाविक!

उधर इसी जगह से कमोबेश 10 किलोमीटर दूर शोभन के बाई पास से नीचे धसते.. नदी की तरफ कहीं पानी तो कहीं दलदल से दिखने वाले खेतों के बाध के बीच बने मंच पर बिहार के विरोधी दल बीजेपी के नेता अनशन पर बैठ गए. लोगों में कौतुक है पर वे चुप्पी साधे हैं. उन्होंने जाना है कि ये अनशन दरभंगा एम्स के लिए है.

फिसलते शोभन एम्स स्थल पर ही अनशन की ठानी दरभंगा सांसद गोपालजी ठाकुर ने. वे कहते दुनिया देखेगी कि महत्वाकांक्षी एम्स निर्माण प्रोजेक्ट के लिए गढ्ढे वाली जमीन दे दी है नीतीश सरकार ने. जाने या अनजाने गोपालजी ठाकुर का ये निर्णय क्या शोभन स्थल को अहमियत और पवित्रता तो नहीं दे रहा! लड़खड़ाते बोल.. डीएमसीएच एम्स स्थल पर ज़िद्द से पीछे हटते कदम तो नहीं! शोभन एम्स स्थल के 24 किसानों का डीएम कोर्ट में केस करने से बंधी आस में ओज कितना! सवाल ही सवाल. नागरिकों के मन में मची हलचल से जुड़े सवाल.. बीजेपी से और उससे बढ़ कर बिहार के सत्तारूढ़ खेमा से. बीजेपी का राज्य सरकार से और बिहार सरकार के दलों के केंद्र सरकार और दरभंगा सांसद से त्वरित पलटवार. मीडिया का दोनों सियासी खेमों से. कभी मीडिया सवाल में उलझ जाता कि अभियंता समंदर और नदी में बड़े पुल बना लेते तो शोभन में एम्स क्यों नहीं ! नागरिकों की सिसकी पूछते पूछते रुक सी जाती कि वही अभियंता डीएमसीएच के मिट्टी भरे हुए स्थल पर एम्स निर्माण क्यों नहीं कर सकते ? ये सवाल मीडिया राज्य के सरकारी नेताओं से नहीं पूछता. पहले बीजेपी पूछती थी पर वो.. कहीं बन जाए.. से बढ़ते हुए .. शोभन में उपयुक्त और विकसित स्थल देने की मांग पर आ टिकी है. ऐसा कौन सा वेस्टेड इंटरेस्ट जुड़ा है शोभन एम्स स्थल से जो सब अपस्यांत हो रहे हैं.

नागरिकों के मन में कौंधते सवाल अपनी जगह.. लेकिन दरभंगा सांसद ने गांधी जयंती के अवसर पर गड्ढे वाले स्थल पर अनशन शुरू कर दिया है. उनका साथ देने बड़े बड़े इलाकाई नेता पहुंचे. इस खबर की एक तस्वीर में खाली खेत है जहां दूर में कम से कम तीन बिजली के खंभे दिख रहे बायपास सड़क की ऊंचाई से कम ऊंचे प्रतीत हो रहे. अनशन स्थल पर मंच के सामने बैठी अधिकांश महिलाओं वाली तस्वीर के ऊपरी हिस्से से दूर क्षितिज में आपको धार दिख रहा होगा.

खलबली तो मची हुई है तमाम खेमों में. जो बातें पहले बयानबाजी तक सीमित थीं वो अब अनशन पर जा पहुंची है. नीतीश सरकार के खिलाफ बयानबाजी बीजेपी की तरफ से होती थी तो जवाब वाम दलों खास कर माले की तरफ से आता. आरजेडी और जेडीयू नेता आम तौर पर सुषुप्त रहते. उन्हें लगता कि ये मुद्दा प्रचंड मुद्दा बन पाएगा या नहीं. जैसे ही एमएसयू और मिथिलावादी पार्टी के नेताओं ने डीएमसीएच परिसर स्थित मेडिकल ग्राउंड (ओरिजनल एम्स निर्माण साइट) पर कई दिनों तक अनशन किया, सियासी दलों के कान खड़े हुए. एमएसयूओ के दो सदस्य जेल गए.. कइयों को नाजुक हालात में अस्पताल में भर्ती किया गया. इस अनशन के दौरान भाषणों में मेडिकल लॉबी पर प्रहार किए गए थे. अनशन समाप्त हुआ कि अगले ही दिन माले नेता नागरिक मंच के बैनर तले धरना पर बैठ गए. वाम दल एम्स मामले में इतने सक्रिय पाए जाते मानो बिहार महागठबंधन ने उन्हें इस मुद्दे की जिम्मेदारी आउटसोर्स कर दी हो. जैसे ही मेडिकल लॉबी की चर्चा होती है माले अतिशय सक्रिय हो जाती.

मुख्य धारा की पार्टियों को लगा कि एमएसयू ने आम लोगों का ध्यान खींचा है तो वे साकांक्ष हुए. सांसद गोपालजी ठाकुर ने प्रेस मीट कर 2 अक्टूबर से अनशन की घोषणा कर दी. घोषणा होते ही माले के भरोसे बैठे आरजेडी और जेडीयू के नेता सुरफुराए. गोपालजी ठाकुर के अनशन की ताप कम करने और उसके असर को प्री-एम्प्ट करने 1 अक्टूबर को ही शोभन के पास भरौल में अनशन करने गठबंधन के नेता पहुंच गए. इस दफा आरजेडी और जेडीयू के स्थानीय बड़े नेता उस अनशन में शरीक हुए. कांग्रेस के जिलाध्यक्ष भी पहुंचे जिनके बड़े नेता प्रेमचंद मिश्र शोभन एम्स स्थल का कड़ा विरोध करते रहे हैं. जेडीयू के विधायक भी पहुंचे जिस पार्टी के 20 सांसद एम्स को दरभंगा के बदले सहरसा की तरफ शिफ्ट करने की मांग से संबंधित पत्र पीएम मोदी को लिख चुके हैं.

गोपालजी ठाकुर ने बिहार सरकार के दरभंगा एम्स विरोधी नीति, वादाखिलाफी, दरभंगा एम्स निर्माण हेतु उपयुक्त जमीन उपलब्ध नही कराए जाने एवं बार बार स्थल बदल राजनीति करते हुए बाधा उत्पन्न करने के विरूद्ध राज्य सरकार द्वारा चिन्हित शोभन एकमी बायपास (मौजा-बलिया) में कथित 30 फीट गड्ढे वाली भूमि पर अनिश्चितकालीन अनशन प्रारंभ किया. बीजेपी के अनशन स्थल पर नेताओं ने नारे लिखी तख्तियां ले रखी थी. उनके संबोधन हुए.

सांसद ने कहा कि बिहार सरकार दरभंगा में एम्स निर्माण हेतु 200 एकड़ भार मुक्त जमीन, फोर लेन सड़क कनेक्टिविटी, बिजली, पानी, सीवरेज सहित कई अन्य बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने हेतु पूर्व में ही अधिकारिक सहमति दे चुकी है. जिसके बाद 15 सितंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 1264 करोड़ की लागत से 750 बेड वाले एम्स की कैबिनेट स्वीकृति दी गई. उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार गठबंधन के मुखिया नीतीश कुमार बिहार में दूसरा एम्स नही बने इसको लेकर षड्यंत्र रचते हुए वादाखिलाफी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज जनता को गड्ढे वाली जमीन की असलियत का पता चल गया है और राज्य सरकार की एम्स विरोधी मानसिकता उजागर हो गई है.

सांसद ने कहा कि एम्स के मानक अनुरूप जमीन भारत सरकार को दिए बिना ही गठबंधन के नेता एनओसी की बात कर रहे हैं. ये हास्यास्पद है, निम्न स्तर की राजनीति है. उन्होंने कहा कि महागठबंधन सरकार दरभंगा एम्स निर्माण में सबसे बड़ी बाधक है. बीते आठ वर्षों से आठ करोड़ मिथिलावासी को एम्स के नाम पर राज्य सरकार व उनके नुमाइंदों ने दिग्भ्रमित कर ठगने व गुमराह करने का कार्य किया है.

सांसद ने आरोप लगाया कि 30 फीट गड्ढा वाले सिर्फ 113 एकड़ की घोषणा कर 150 एकड़ जमीन देने का ढिंढोरा पीटा जा रहा है. और बिना 36 एकड़ रैयती भूमि का अधिग्रहण किए हुए मिट्टीकरण एवं बाउंड्री के नाम पर राज्य सरकार द्वारा कागजी टेंडर का ढोंग किया गया है. उन्होंने कहा कि बीते दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम नीतीश कुमार को शोभन एकमी के बीच मौजूद गड्ढे वाली जमीन की हकीकत से दरभंगावासी को अवगत कराने का अनुरोध किया था परंतु नीतीश कुमार इस गड्ढे वाली जमीन से पूरी तरह अवगत हैं. इसीलिए वह खुद कई बार पत्रकार बंधु को आमंत्रण देने के वाबजूद भी इस स्थल पर आने की हिम्मत नही जुटा पा रहे हैं. उन्होंने कहा बिना किसी तथ्य पूर्ण जानकारी के महागठबंधन सरकार व उनके नेता, मंत्री और प्रवक्ता ओछी राजनीति व अनर्गल बयानबाजी कर अपनी राजनीतिक रोटी सेंक रहे हैं.

बिहार विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष हरी सहनी ने आरोप लगाया कि भू एवं मेडिकल माफिया को संरक्षण देने वाली सरकार दरभंगा एम्स को ठंडे बस्ते में डाल चुकी है.बीजेपी प्रदेश महामंत्री सह क्षेत्रीय प्रभारी शिवेश राम ने कहा कि दरभंगा एम्स को लेकर मुख्यमंत्री पलटी मार वाली भूमिका अपना रहे हैं.मधुबनी सांसद अशोक यादव ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार दरभंगा एम्स निर्माण नहीं चाह रहे है, ग्रीनफील्ड लैंड के नाम पर सिर्फ राजनीति हो रही है तथा दरभंगा एम्स को अटकाने, लटकाने एवं भटकाने का कार्य किया जा रहा है.

नगर विधायक संजय सरावगी ने कहा कि मोदी सरकार दरभंगा एम्स निर्माण हेतु प्रतिबद्ध है, उपयुक्त जमीन मिलने के साथ ही एम्स निर्माण शुरू हो जाएगा.केवटी विधायक मुरारी मोहन झा ने कहा कि बिहार के महगठबंधन सरकार के दरभंगा एम्स विरोधी मानसिकता को मिथिला की जनता जान चुकी है और आने वाले चुनाव में इन्हे सत्ता से उखाड़ फेंकेगी.

हायाघाट विधायक रामचंद्र प्रसाद ने कहा कि दरभंगा एम्स के लिए राज्य सरकार उपयुक्त जमीन दे और छलपूर्ण नीति को त्याग कर एम्स निर्माण में सहयोग करें.पूर्व मंत्री व राजनगर विधायक (मधुबनी) ने कहा कि दरभंगा एम्स निर्माण में राज्य सरकार सहयोगात्मक रवैया अपनाए और सभी बुनियादी सुविधा के साथ अविलंब जमीन दे.बिस्फी विधायक (मधुबनी) हरी भूषण ठाकुर बचौल ने कहा कि महागठबंधन सरकार के मुखिया नीतीश कुमार मिथिलावासी के प्रति संवेदनहीन है, विकास विरोधी नीति के साथ दरभंगा एम्स निर्माण के सबसे बड़े विरोधी हैं. पूर्व विधायक अमरनाथ गामी ने कहा कि नीतीश कुमार संवेदनहीनता की पराकाष्ठा पार चुके हैं. दरभंगा एम्स में बाधा बनकर आठ करोड़ मिथिलावासी के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं.बीजेपी जिलाध्यक्ष जीवछ सहनी ने कहा कि दरभंगा एम्स में बिहार सरकार की नीति के विरूद्ध जबरदस्त आक्रोश है और आम जनता इस अनिश्चितकालीन अनशन को ऐतिहासिक बना राज्य सरकार को करारा जवाब देगी.मधुबनी जिलाध्यक्ष शंकर झा ने दावा किया कि दरभंगा एम्स को लेकर राज्य सरकार की मानसिकता को मिथिला की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी, आने वाले चुनाव में महागठबंधन का सूपड़ा साफ होना तय है.

मौके पर विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव बैजनाथ चौधरी, पूर्व सैनिक परिषद दरभंगा के अध्यक्ष प्रेम झा, मिथिला राज्य निर्माण संघर्ष समिति के अध्यक्ष राम मोहन झा सहित कई समाजसेवियों ने दरभंगा सांसद गोपालजी ठाकुर द्वारा किए जा रहे अनशन का भरपूर समर्थन किया और लोगों से सहयोग हेतु सार्वजनिक अपील की. मौके पर पूर्व विधान पार्षद अर्जुन सहनी, लोकसभा प्रभारी रामकुमार झा, जिला प्रभारी अरुण कुशवाहा, झंझारपुर जिला (सांगठनिक) के जिलाध्यक्ष ऋषिकेश राघव सहित कई कार्यकर्ता और सैकड़ों लोग उपस्थित रहे. बीजेपी नेता प्रतिपक्ष के मेडिकल माफिया पर लगाए आरोप में दम है तो नागरिकों के मन को ये सवाल जरूर मथेगा कि मेडिकल लॉबी सरकार के अकबाल को इस तरह श्रीहीन बना सकता है क्या ?

By pnc

Related Post