दरभंगा एम्स ने बढ़ाई सियासी दलों की धड़कन




सकपकाए सत्तारूढ़ दलों के नेता उतरे सड़क पर

केंद्र पर लगाया एम्स प्रोजेक्ट को लटकाने का आरोप

दरभंगा सांसद के खिलाफ लगे नारे

संजय मिश्र,दरभंगा

सीएम नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार पर लगाए आरोप

सीएम नीतीश ने मामले में कहा कि हमने एम्स का सारा काम करा दिया था. केंद्र से मिलकर सारी बात हो गई थी. पहले DMCH में निर्माण की बात थी पर वहां बनाने की स्थिति नहीं थी तो शोभन में जगह देखा गया. शोभन में स्थित जगह सबसे बेहतर है. सीएम नीतीश ने कहा कि केंद्र सरकार के दिमाग में कुछ और बात होगी. कुछ अच्छा काम करने की बात कहेंगे तो कुछ सुनेंगे नहीं. नीतीश कुमार ने 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि आगे ये लोग हटेंगे तब जाकर अच्छा काम होगा. उन्होंने कहा कि उस जगह को मीडिया भी जाकर देखे. वहां रास्ते को फोरलेन करने की भी तैयारी चल रही है. दरभंगा के अस्पताल को भी बेहतर किया जाएगा.

कुछ ही समय पहले डीएमसीएच परिसर में हो रहे दरभंगा एम्स के निर्माण को रूकवाने में सफल होने पर जिनके होठों पर मुस्की आई वे आज सड़कों पर हैं. सियासी नफा नुकसान से ओत प्रोत होकर जिनने दरभंगा नगर को मिले स्वर्णिम अवसर को गंवाने जैसे आत्मघाती कदम उठाए उन्हें क्या मालूम कि उनकी उस समय की कुटिल सियासी मुस्कान इतने कम दिनों तक बरकरार रहेगी. सोमवार 12 जून 2023 को वे प्रखर प्रदर्शन तो करते दिखे लेकिन उनके चेहरे की श्रीहीन कांति बताती रही कि वे सांसत में हैं और उनकी मनोदशा हताश खिलाड़ी सी है.

और वे लोग जो तब तक दरभंगा एम्स निर्माण की उपलब्धि बटोरने को अपने प्रयास का स्वाभाविक हकदार मानते रहे वे अमूल्य चीज हाथ से फिसल जाने पर मन मसोस कर रह गए.. आज वे कुटिल सियासी मुस्कान से सराबोर हुए जा रहे. दरभंगा के नागरिक सदमे के गर्त में समा गए ये देख कर कि इस सियासत के स्थानीय पात्र इतने निष्ठुर हुए कि अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार लेने में कोई संकोच नहीं आई. बरास्ते एपीएम … शोभन के गहरे नदी क्षेत्र में तब एम्स बनाना भाग्य विधाताओं ने तय माना.

शुरुआत आरजेडी के भोला यादव ने की. एपीएम परिसर की वकालत की. सिलसिला आगे बढ़ा. लेकिन वे सड़क पर उतरने को मजबूर हैं. सोमवार के प्रदर्शन का नेतृत्व सत्ताधारी जेडीयू के जिला अध्यक्ष गोपाल मंडल ने किया. उनका साथ आरजेडी के जिला अध्यक्ष उदय शंकर यादव ने दिया. तमाम वाम दल के नेता का संग उन्हें मिला. प्रदर्शनकारी अंबेडकर पार्क से लहेरियासराय टावर तक गए जहां मार्च सभा में तब्दील हो गई.

गोपाल मंडल ने कहा कि दरभंगा के शोभन में एम्स निर्माण पर केंद्रीय टीम ने जो रिपोर्ट सौंपी है उसमें प्रस्तावित स्थल को अनुपयुक्त बताया है. उन्होंने खीज उतारते हुए आरोप लगाया कि ये रिपोर्ट उस जगह पर एम्स निर्माण नहीं होने देने की साजिश है. उन्होंने बीजेपी को कोसते हुए कहा कि साजिश के पीछे एक केंद्रीय मंत्री का हाथ है. गोपाल मंडल ने उद्घोष किया कि एम्स निर्माण में आ रहे अरचन के खिलाफ दरभंगा जिले में राजनीतिक लड़ाई तेज की जाएगी.

आरजेडी जिला अध्यक्ष उदय शंकर यादव ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य विभाग के मंत्री ने शोभन में एम्स निर्माण के लिए 200 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने के साथ-साथ 309 करोड रुपए मिट्टी एवं घेराबंदी के लिए आवंटित किया. टेंडर भी निकला. उसके बावजूद एम्स निर्माण के लिए केंद्र सरकार स्थल को अनुपयोगी बता रही है. वाम नेताओं ने अपने चिर परिचित शैली में उद्गार व्यक्त किए. श्याम भारती ने कहा कि इस मुद्दे पर महागठबंधन में शामिल दलों की ओर से 15 जून को व्यापक स्तर पर प्रदर्शन होगा. बैजनाथ यादव ने मौके पर आरोप लगाया कि दरभंगा के सांसद शोभन में एम्स निर्माण में अड़ंगा डाल रहे हैं. सभा को संबोधित करने पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री अली अशरफ फातमी भी पहुंचे. दरभंगा से लोक सभा का टिकट पाने के लिए व्याकुल.. इन दिनों बागी तेवर अपनाने वाले फातमी को अपनी सिविल इंजिनियरिंग की पृष्ठभूमि याद आई. उन्होंने दावा किया कि शोभन का प्रस्तावित स्थल एम्स निर्माण के सभी मापदंडों को पूरा करता है.

सभा को सुभाष चौपाल, राम नरेश यादव, राजीव चौधरी, इस्मत जहां, मृदुला राय, उदय शंकर चौधरी, अमरेश यादव, भोलू यादव, यास्मीन खातून, दिनेश झा, गणेश महतो, नीरज कुमार, नंदलाल ठाकुर, नियाज अहमद, आर के सहनी आदि ने भी संबोधित किया.

ऐसा नहीं कि एम्स के मुद्दे पर मुख्य धारा के राजनीतिक दल ही रोटी सेंकते रहे हैं. हैरानी होगी कि शपथ खा कर चिकित्सक बनने वाले लोग भी इस हमाम में नंगे हो गए. डीएमसीएच के डाक्टरों का एक तबका एम्स विरोध की राजनीतिक धूरी का हितैषी बन गया. बजाप्ता प्रेस बयान जारी कर डीएमसीएच परिसर में एम्स निर्माण को रूकवाने और दूसरी जगह ले जाने की वकालत करने लगे. कहने लगे कि डीएमसीएच को बचाएंगे.. इसका उद्धार करवाएंगे. डीएमसीएच परिसर में एम्स निर्माण तो रुक गया लेकिन डीएमसीएच का कितना उद्धार हुआ? डीएमसीएच के नालियों में मृत नवजात क्यों मिलते हैं?

लोगों में आम चर्चा है कि ताकतवर जमीन माफिया लॉबी और चिकित्सा व्यवसाय लॉबी डीएमसीएच परिसर में एम्स निर्माण रूकवाने खातिर सत्ताधीशों पर असर डालने में कामयाब रहा. इनकी नजर डीएमसीएच परिसर की जमीन अतिक्रमण करने पर बनी रहती है. नेताओं के उद्गार सियासी खलबली की वजह बता रहे. आम जन की चुप्पी उन्हें सता रही. जाहिर है सियासतदां गोलबंदी करेंगे.. पर गम में डूबे और व्यग्र आम जन क्या सोच रहे ?

By pnc

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