पटना/रांची, 7 जनवरी. सुषमा बड़ाईक पर गोलीबारी का मुख्य आरोपी HAM (हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा) नेता दानिश रिजवान को लेकर झारखंड पुलिस आज प्रेस कांफ्रेंस कर मामले से जुड़े सभी तथ्यों को प्रेस के सामने रखेगी. इतने बड़े और चर्चित मामले में अपने प्रवक्ता सह नेता के नाम आने के बाद भी HAM पार्टी की ओर से इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नही आया है.
HAM (हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा) के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव सह राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान को झारखंड पुलिस ने सुषमा बड़ाइक पर गोलीबारी करवाने के जुर्म में गिरफ्तार किया है. झारखण्ड पुलिस ने भोजपुर पुलिस के सहयोग से दानिश रिजवान को 5 जनवरी को उस वक्त गिरफ्तार किया जब वह आरा सिविल कोर्ट में कृष्णा सिंह हत्याकांड केस में पेशी के लिए कोर्ट आया हुआ था. कोर्ट के बाहर इंतजार कर रही पुलिस ने दानिश को कोर्ट से बाहर आते हीं गिरफ्तार किया और कागजी कार्रवाई के बाद ट्रांजिट रिमांड पर रांची लेकर चली गई. सुषमा बड़ाईक पर गोली चलवाने के मुख्य आरोपी दानिश रिजवान के साथ पुलिस ने दो और शूटरों फरहान और सोनू को गिरफ्तार किया है. जिसने फरहान दानिश का सगा साला बताया जा रहा है. इस मामले में पुलिस चार और आरोपियों को खोज रही है जिसके लिए लगातार छापेमारी चल रही है.
पुलिस की मानें तो उसके प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि सुषमा बड़ाइक को दानिश के साले फरहान ने हीं गोली मारी थी. दरअसल सुषमा बड़ाइक ने हम(HAM) के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव सह राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान के ऊपर उत्पीड़न का केस किया था और डीएनए टेस्ट करवाने के लिए बार-बार दबाव डाल रही थी. जिसके बाद दानिश ने उसे रास्ते से हटाने के लिए अपने साले के साथ मिलकर उक्त कांड को अंजाम दिया. फरहान ने इस घटना को अंजाम देने के लिए रांची के एक निजी होटल में अपने चार साथियों की मदद ली. जिसमें अपने तय किया कि सुषमा को गोली वही मारेगा. होटल में रहकर आरोपियों ने पहले सुषमा की रेकी की और फिर तय किया कि अरगोड़ा और सहजानन्द चौक के बीच उसे गोली मारी जाएगी. उसके बाद पहले से तय प्लानिंग के अनुसार 13 दिसंबर को सुषमा के घर से निकलते ही बाइक पर सवार फरहान,सोनू और एक अन्य आरोपी ने सुषमा का पीछा किया और मौका देखकर डॉ जितेंद्र सिंह के क्लीनिक के पास उसे गोली मार फरार हो गए. सुषमा को गोली मार सारे अपराधी उसी दिन उत्तर प्रदेश भाग शरण ले ली. इधर सुषमा को 2 गोलियां लगने के बाद सही समय पर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया जिसकी वजह से उसकी जिंदगी बच गयी और अपराधियों का पता पुलिस ने लगा लिया वर्ना सुषमा की मौत एक अज्ञात मौत की कहानी बनकर ही रह जाती.
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