“आफत में भी मारामारी” नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति
दानापुर, प्रत्येक शनिवार को सोशल एक्शन फॉर डेवलपमेंट एंड अवेयरनेस की ओर से आयोजित होने वाले नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति में आपदा में पीड़ितों की व्यथा और राहत में किए भेदभाव को दर्शाता है. उदय कुमार द्वारा लिखित एवं निर्देशित नुक्कड़ नाटक “आफत में भी मारामारी” की दमदार प्रस्तुति दानापुर रेलवे स्टेशन के बाहरी परिसर में की गई. नाटक में एक उद्योगपति, एक नेता, एक अफसर और एक गरीब आदमी बाढ़ की चेतावनी सुन एक गाड़ी के पास पहुंचते है. यह उस इलाके से निकलने के लि उनकी आखिरी गाड़ी होती है. ड्राइवर कहता है कि इस गाड़ी में सिर्फ तीन लोग ही जा सकते है.चारों अपनी जान की दुहाई देते हुए गाड़ी में घूसने की कोशिश करते है. गरीब कहता है कि पहले वो आया है. नेता, उद्योगपति और अफसर अपनी जान देश के लिए महत्वपूर्ण बताते है. गरीब को कई तरह के लालच देते है. नेता इतिहास, देशप्रेम, त्याग-बलिदान, धर्म आदि का भाषण पिलाता है. गरीब आदमी उनके झांसे में आ जाता है और वह रूकने के लिए तैयार हो जाता है. तीनों गरीब को बाय-बाय करते वहां से निकल जाते है. गरीब आदमी त्याग-बलिदान की भावना में फंसा रह जाता है. बाढ़ का पानी आकर उसे निगल लेता है. नाटक में कई जगह बाढ़ से बेहाल लोगों की पीड़ा और भेदभाव उभरती है जो समाज को सोचने पर मजबूर कर देता है. नाटक के कलाकारों में प्रेमराज, रामनाथ, रोहित, उदय कुमार, मनोज सिन्हा, शोएब कुरैशी, शशीकांत, विजय, दीपक विश्वकर्मा, कबीर श्रीवास्तव मौजूद थे.