दहेज दानवों का तांडव, पेट्रोल छिड़क ‘इंदू’ को जलाय
बुलेट और 5 लाख रुपये के लिए ‘बहु’ बनी ‘दहेज की बलि’
आरा, 16 जनवरी. एक तरफ बिहार में दहेज और बाल-विवाह को लेकर सूबे में सरकार मानव श्रृंखला के जरिए जनजागरण की तैयारी में है और दूसरी ओर दहेज दानवों का तांडव चरम पर है. जिले क्या प्रदेश में यह रुकने का नाम नही ले रहा है. 1961 में बने दहेज उन्मूलन ऐक्ट और 1973 में बने बाल-विवाह अधिनियम का पालन नही होना ही ऐसी नित घट रही घटनाओं का प्रमाण है.
ताजा मामला भोजपुर जिले के धोबहा थाना के इजरी पिपरा गांव का है जहाँ दहेज के लिये एक विवाहिता की हत्या कर दी गई. RPF में कार्यरत रामधारी राम की बेटी मृतका इंदु की शादी 2011 में बड़े ही धूमधाम से धोबंहा थाना के पिपरा सलेमपुर गांव में की थी. मगर कुछ समय बीतने के बाद इंदु के ससुराल वालों ने प्रताड़ित करना शुरु कर दिया. शादी के बाद इन छह साल में इंदु को एक बेटा आर्यन और एक बेटी सलोनी हुई. लेकिन आये दिन उसके साथ मारपीट की घटना होने लगी. मृतका के भाई सुनील पासवान ने बताया कि इंदु का पति उसपर बार-बार एक बुलेट और 5 लाख अपने पिता से मांगने का दबाव बना रह था. दहेज की ये प्रताड़ना जैसे हर रोज की आदत बन गयी थी. इंदु मार खाकर भी शांत ही रहती थी. लेकिन
सोमवार की देर रात इंदु को उसके पति और ससुरालवालों ने पेट्रोल डालकर जला दिया और भाग खड़े हुए. इस घटना के बाद मृतका के मायके वालों का रो-रो कर बुरा हाल है. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने शव को कब्जे में ले पोस्टमार्टम के लिए आरा के सदर अस्पताल में भेजा. विवाहिता के मायकेवालों ने जब अपनी लड़की की हाल देखा तो कुछ देर तक अस्पताल में हंगामा भी मचाया. जब पुलिस धटना स्थल पर पहूँची तो लड़के के परिजनों ने बताया कि लड़की ने किरोसिन तेल डाल कर आत्म हत्या कर ली है. फिलहाल पुलिस जांच में जुटी है कि मामले की सच्चाई क्या है.
देखना यह दिलचस्प होगा कि दहेज विरोधी अभियान को अमलीजामा पहनाने में सरकार जितना खर्च और हाड़तोड़ मेहनत रिकॉर्ड बनाने के लिए कर रही है, क्या उसका 50% भी दहेज और बाल-विवाह के दानवों को रोकने के लिए, अपने तंत्र का सही उपयोग करती है?
आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट