सांस्कृतिक- सामाजिक संस्था ‘बयार’ ने नाटक ‘चरित्र-वध’ का किया मंचन

प्रेमचंद रंगशाला के प्रेक्षागृह में सांस्कृतिक- सामाजिक संस्था ‘बयार’ द्वारा नाटक ‘चरित्र-वध’ का मंचन किया गया.
बयार की प्रस्तुति ‘चरित्र-वध’ समाज के विविध धराओं के विचार और उनाके टकराहट के बीच नकरात्मक और प्रगतिशील सोच के लुका-छिपी पर सीधा चोट है.

अभिनेता मनोज मानव सिंह का चरित्र प्रोफेसर ‘धार्मिक कट्टरपंथी सोच और मानवता, सामाजिक समभाव एवं समरसता’ के वजूद को ‘धर्म मनुष्य के लिए बनाया है या मनुष्य धर्म का गुलाम हो गया है’ जैसे सवाल से जहां एक तरफ सामाजिक-संस्कृतिक खाई को पाटने की कोशिश करता है वही दूसरा क ट्टरपंथी चरित्र धर्म के अफीमी सोच के खौफ से दूर मरने और मर मिटाने तक को वाजिब मानता है. सामाजिक सहिष्णुता के जीवन्तता की आखिरी सच के साथ ‘बयार’ की ये नई प्रस्तुति ‘चरित्र-वध’ प्रेक्षागृह के दर्शक के बीच में ज्वलंत सवाल छोड़ जाता है.




अभिनेता: मनोज मानव सिंह एवम गोपाल पांडे
मंच परे: प्रकाश परिकल्पना- राजीव रॉय/ पार्श्व-संगीत एवं ध्वनि-प्रभाव- धीरज कुमार / वस्त्र-विन्यास- ममता, राहुल/ मंच-शिल्प- राजीव नयन एवं अंशुमन(बाल कलाकार)/ रूप-सज्जा-ज्योति/
उद्घोषणा- हरेंद्र बहादुर/ फोल्डर एवं मीडिया-प्रभारी -अनामिका सिंह.
नाट्यकार: मनोज मानव
परिकल्पना एवं निर्देशन : मनोज प्रसाद सिंह

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By pnc

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