“नीतीश की हिटलरशाही नहीं चलेगी” – भाकपा माले
माले ने कहा-“विधानसभा में पुलिस की गुण्डागर्दी लोकतंत्र के इतिहास में काला दिन”
विधायकों की पुलिस द्वारा पिटाई के खिलाफ माले का जिले भर में निकाल धिक्कार दिवस, मुख्यमंत्री का फूंका पुतला!
आरा, 24 मार्च . मंगलवार को हुए विधानसभा में सरकारी गुण्डागर्दी के खिलाफ भाकपा-माले ने बुधवार को राज्यव्यापी आह्वान कर सरकार के खिलाफ धिक्कार दिवस मनाया. इस अवसर पर आरा, सहार, तरारी, पवना, अजीमाबाद, तरारी, पीरो, गड़हनी, चरपोखरी, पीरो सहित भोजपुर के विभिन्न जगहों पर धिक्कार दिवस के तहत मार्च व मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया.
बिहार विधानसभा में विपक्षी दल के माननीय विधायकों की पिटाई और बिहार पुलिस विधेयक 2021 के खिलाफ भाकपा माले ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. माले ने राज्यव्यापी धिक्कार दिवस के अवसर पर आरा में भाकपा माले जिला कार्यालय श्रीटोला से जुलूस निकालकर बस स्टैंड शिवगंज, सदर अस्पताल, बड़ी मठिया, कर्मन टोला, नवादा होते हुए स्टेशन परिषद में पहुंचा. स्टेशन परिसर में माले कार्यकर्ताओं ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला फूँका और सभा आयोजित की.
जुलूस निकाल कर शहर में घूमने के दौरान बिहार विधानसभा में विपक्षी विधायकों पर गुंडागर्दी हमला क्यों? नीतीश कुमार जवाब दो….लोकतंत्र की हत्या बंद करो….नीतीश की हिटलरशाही नहीं चलेगी… नीतीश सरकार हो बर्बाद…. बिहार को योगी राज नहीं बनने देंगे…. जैसे कई नारों से शहर गूंज उठा. इस अवसर पर भाकपा माले महागठबंधन समर्थित आधार लोकसभा के प्रत्याशी राजू यादव अधिवक्ता अमित कुमार गुप्ता उर्फ बंटी दिलराज प्रीतम, कयामुद्दीन अंसारी,राजेंद्र यादव, निरंजन केसरी, बबलू गुप्ता,अभय सिंह, रोशन कुशवाहा, राजेंद्र यादव दीनानाथ सिंह, राजनाथ राम, लल्लू कुमार,शुभा, अजय गांधी, मुन्ना गुप्ता, रामानुज, लल्लन यादव, विशाल कुमार, विष्णु ठाकुर मंडल, रामपति देवी, शब्बीर, शिव प्रकाश रंजन समेत सैकड़ो कार्यकर्ता मौजूद थे.
सभा को सम्बोधित करते हुए माले नेताओं ने मंगलवार को विधानसभा से विपक्ष के माननीय विधायकों को पुलिस द्वारा घसीटते हुए बाहर निकालने और फिर लात-घूसों से उनकी बर्बर पिटाई की कड़ी निंदा की और इसे लोकतंत्र के इतिहास में एक काला दिन बताया. नेताओं ने कहा कि भाजपा-जदयू लोकतंत्र की हत्या करके बिहार को फासीवादी शासन की ओर धकेलना चाहती है.
बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक, 2021 में जो आशंकाएं जाहिर की जा रही थीं, उसका नजारा कल विधानसभा के अंदर ही देखने को मिल गया. जब जनता के चुने हुए प्रतिनधियों के साथ सरकार ऐसा व्यवहार कर सकती है तो सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा-जदयू बिहार को किस दिशा में ले जाना चाहते हैं?
पुलिस ने महिला विधायकों तक को नहीं छोड़ा. पुलिस के अलावा सिविल ड्रेस में और भी दूसरे लोग थे जो विपक्ष के विधायकों पर जानलेवा हमले कर रहे थे. पुलिस द्वारा विपक्ष के विधायकों को पिटवाकर विधेयक पास करवाना कौन सा लोकतंत्र है? बिहार की जनता सबकुछ देख रही है. इसके खिलाफ हमारी लड़ाई विधानसभा के अंदर व बाहर जारी रहेगी.
नेताओंने ने कहा कि नीतीश का यह काला कानून भाजपा के दबाव में फासीवादी एजेंडा को लागू करवा रहें हैं. अगर विपक्ष कमजोर हुआ तो एक समय इस कानून का हमला इनके ऊपर ही भाजपा वाले करेंगे. आखिर सरकार पुलिस को इतना अधिकार देने में बेचैन क्यों हैं? क्योंकि सरकार के पास छात्र-नौजवानों को शिक्षा-रोजगार , किसानों को फसल के दाम, देने का कुछ रह गया है? यही कारण है कि आज छात्र – नौजवान, किसान – मजदूर सभी लोग सड़कों पर है. इसीलिए आज बिहार सरकार ने सोशल मिडिया और आंदोलन करने पर प्रतिबंध लगाने का तुगलकी फरमान जारी किया है.
आरा में यह मार्च भाकपा – माले जिला कार्यालय श्री टोला से निकल कर शहर के विभिन्न मार्गों से शिवगंज मोड़, कर्मन टोला, नवादा, होते हुए रेलवे परिसर पहुंचा जहां एक छोटी सभा की गई। जिसका भाकपा – माले केंद्रीय कमिटी सदस्य राजू यादव, राज्य कमेटी सदस्य क्यामुद्दीन अंसारी,आइसा राज्य सचिव शब्बीर कुमार,इंनौस जिला संयोजक शिवप्रकाश रंजन,जिला कमेटी सदस्य गोपाल प्रसाद,राजनाथ राम, ऐपवा नगर सचिव शोभा मंड़ल, चंदन कुमार,बिष्णु ठाकुर,रामानुज जी,अजय गांधी, निरंजन केशरी,नंदजी,बालमुकुंद चौधरी,हरिनाथ राम,ललन यादव,सुरेश पासवान,राजेंद्र यादव,अभय सिंह,रौशन कुशवाहा,धीरेंद्र आर्यन,रमीता देवी,अमीत बंटी,लल्लू यादव, चंदेश्वर राम,विकास कुमार,नेहा कुमारी,पिंकी कुमारी, बब्लू गुप्ता,संतविलास राम,राजू प्रसाद,प्रमोद रजक,देवानंद पासवान,गुड़िया देवी आदि शामिल थे!सभा का संचालन आरा नगर सचिव दिलराज प्रीतम ने किया! अंत मे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला फूंका गया.
जगदीशपुर में भाकपा – माले केंद्रीय कमिटी सदस्य जिला सचिव जवाहरलाल सिंह, विजय, कमलेश यादव, रघुवर पासवान, इंदु सिंह, बिनोद कुशवाहा, गणेश कुशवाह ने नेतृत्व किया.
वही संदेश में माले कार्यालय से निकल कर संदेश चौक पर पुतला फूंका गया और सभा की गयी. जिसका नेतृत्व प्रखंड सचिव जित्तन चौधरी, मेघनाथ पासवान, संजय गुप्ता, भरत सिंह, धर्मेंद्र सिंह, ने किया.
अगिआंव के पवना में जिसका नेतृत्व भोला यादव, विजय दास, विनोद केसरी, विष्णु मोहन, आदि ने किया. अजीमाबाद में दसई राम, सुनील पासवान, आशकरण,डॉक्टर लाल मोहर सिंह, कामेश्वर रजक,
सहार में प्रखंड सचिव उपेंद्र भारती, राम किशोर राय, मदन सिंह, रामदत्त राम, रामानंद ठाकुर, गड़हनी में प्रखंड सचिव छपित राम, रामायण यादव, अवधेश पासवान, तो चरपोखरी में चरपोखरी प्रखंड सचिव महेश प्रसाद, कैलाश पाठक, मकबूल अंसारी, टेंगर राम ने जुलूस निकाल कर धिक्कार दिवस मनाया.
पीरो में धिक्कार दिवस मनाने वालों में संजय कुमार, चन्द्रदीप सिंह, मनीर आलम,दुधनाथ राम,दुदुन सिंह, दिनेश्वर राम,अरूण कुमार सिंह, सन्नी पासवान, गोपीचंद राम,शिव कुमार राम,नन्दकिशोर गुप्ता, मुना राम ,विनोद कुमार निराला आदि शामिल थे.
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