एक दिन भूखे को भोजन देने का किया प्लान, लेकिन मिला दोस्तों के साथ तो महीने दिन का बना प्लान
आरा,26 अप्रैल. कोरोना के संक्रमण के कारण देश दुनिया मे हाहाकार मचा हुआ है और लोग लॉकडाउन में अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं. इस लॉकडाउन में कोई किसी राज्य में तो कोई किसी दूसरे शहरों में फँस गया है. यहाँ तक कि कई विदेशों में फँसे हुए हैं. क्या देश, क्या विदेश, हर जगह की हालात बिगड़ रही है. ऐसे में मानव के अंदर परोपकार की बैठी भावना इस संकट काल में स्वाभाविक तौर पर बाहर आ गयी है. जिसको लेकर भोजपुर जिले में कई लोग व्यक्तिगत और सामुहिक तौर पर जरूरतमन्दों के लिए खड़े नजर आ रहे हैं.
ये सभी संकट मोचन है कोरोना काल के. आज बात करेंगे वैसे ही संकट मोचन की. यह समूह है सिविल कोर्ट आरा के कर्मचारियों का. लॉकडाउन के बाद लोगों की समस्याओं का जब ध्यान आया तो युवा कर्मचारियों ने एक दिन भूखे लोगों को खाना खिलाने का प्लान किया. सिविल कोर्ट में कार्यरत उज्ज्वल नारायण और उनके साथियों ने इसे धारातल पर लाने के लिए ज्ञान कुमार पांडेय से चर्चा की जो लॉकडाउन से पहले सदर अस्पताल के सामने पास्ता का दुकान चलाता था. ज्ञान ने जब इस नेक काम के बारे में सुना तो उसने खाना बनाने का जिम्मा अपने दुकान के चंद कर्मचारियों के संग ले लिया और 3 अप्रैल को सदर अस्पताल के सामने ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए फ्री भोजन का वितरण किया. इस बात की जानकारी जब जिला न्यायाधीश फूलचंद चौधरी को चली तो उन्होंने इस कार्य को प्रोत्साहित करते हुए इसे निरन्तर 1 महीने तक चालू रखने के लिए कहा.
मास्क बाँटते सिविल कोर्ट परिवार के सदस्य
फिर क्या था इस भूखों को भोजन देने का कार्य प्रारंभ हो गया. सिविल कोर्ट के कर्मचारियों ने जब इस नेक काम के बारे में सुना तो सभी ने सहयोग करना शुरू किया और यह सिलसिला निरन्तर चालू है. यहाँ हर रोज मेन्यू चेंज कर राहगीरों, ठेलेवालों, रिक्शेवाले, व गरीबों के साथ उन सभी को खिलाया जाता है जो कोरोना संकट के इस दौर में एक जगह से दूसरे जगह जा रहे होते हैं.
सोशल डिस्टेंसिग का हर सदस्य रखते हैं ख्याल
फ्री भोजन वितरण के इस कार्य मे लगभग 15 लोगों की टीम है. सभी का अपना अलग-अलग काम है. खाना बनाने में ज्ञान कुमार पांडेय, मिश्राजी, ध्यानु, ज्ञानू के साथ उनके घर के सदस्य सहयोग देते हैं. वही सामान का कलेक्शन कुछ लोग करते हैं तो बाजार से सामान लाने का काम कुछ सदस्य. 10 बजे तक भोजन तैयार होने के बाद उसे वितरण करने के लिए खास सदस्य हैं जो वितरण से पहले सभी को 1 मीटर की दूरी पर खड़ा करते हैं और हाथ मे ग्लब्स और मास्क लगा कर भोजन को वितरित किया जाता है. भोजन वितरण कर लोगों की क्षुधा तृप्त करने वाले इस संकट मोचन समूह में सिविल कोर्ट के क्लर्क सुधाकर चौबे, नयाब नाजिर सुभाष सिंह, अनिल कुमार सिन्हा, सुशील, संदीप, सौरभ, जितेंद्र, सन्तोष गिरी, प्रवीण और आशुतोष की अहम भूमिका दिखी. भोजन के साथ हर रोज लोगों को मास्क भी वितरित किया जाता है. नेक कार्य के साथ सोशल डिस्टेंसिग का पाठ पढ़ाता यह समूह निश्चय ही एक मिसाल है लोगों के लिए इस कठिन दौर में खड़े रहने के लिए.
आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट