कोरोना संक्रमण से मरे लोगों के शव के रख रखाव के लिए सरकार ने दिशा निर्देश बनाया है. सरकारी गाइड लाइन के अनुसार कोरोना से मरे व्यक्ति का शव मुर्दा घर में 4 डिग्री सेल्सियस पर अलग बैग में रखा जाएगा.
आईआईएमएस के इंडोक्रोनोलॉजी विभाग के प्रभारी डॉक्टर वेद प्रकाश ने बताया कि कोरोना इन्फेक्शन से मरे व्यक्ति के शव की देखभाल करने वाले कर्मचारियों के लिए पीपीई डेस अनिवार्य है.
डॉ वेद प्रकाश ने बताया कि पीपीई व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण के इस्तेमाल से संक्रमित होने का खतरा नहीं होता है.
कोरोना से मरे व्यक्ति के शव का चेहरा मुर्दा घर के कर्मचारी कुछ परिजनों को दिखाएंगे. कुछ सिमित परिजनों के साथ पीपीई ड्रेस पहने कर्मचारियों की देखरेख में शव का अंतिम संस्कार उनके धार्मिक रिति रिवाज के अनुसार किया जाएगा. शव को छूने, चूमने की बिलकुल इजाजत नहीं दी गई है.
वहीं आईआईएमएस के डॉक्टर वेद प्रकाश ने बताया कि कोरोना इंफेक्शन से मृत व्यक्ति के शव का दाह संस्कार सुरक्षित होगा. उन्होंने कहा कि दाह संस्कार होने से कोरोना के वायरस जल कर राख हो जाएंगे. दफनाने से संक्रमण का खतरा बना रहता है. डॉ वेद प्रकाश ने कहा कि चीन जैसे कई देशों में शव को दफनाया जाता है, वहां भी कोरोना से मरे लोगों का शव सुरक्षा के लिए जलाया जा रहा है. कोरोना वायरस से सावधानी हीं एकमात्र बचाव है.
हीरेश