आहुति को अभिनंदन, मृतक के आश्रितों की करें देखभाल : ललन प्रसाद




दरभंगा में पुलिस संस्मरण दिवस समारोह

बीते एक साल में इंडिया में 189 पुलिस बल ड्यूटी करते हताहत

इसी अवधि में बिहार में 9 पुलिस कर्मी ने गंवाई जान

शौर्य और विवेक से कानून की रक्षा में कोई कीमत देने को रहें तैयार

संजय मिश्र,दरभंगा

स्वतंत्रता से लेकर अब तक कर्तव्य पथ पर बिहार के 1220 जवान की मौत हुई है. ये महज आंकड़ा नहीं है. ये हमारी तत्परता, शौर्य और विवेक के साथ कानून व्यवस्था को बनाए रखने की जिजीविषा का प्रतिबिंब है. परिस्थितियां कितनी भी प्रतिकूल हो हमें कर्तव्य पथ पर बने रहना है. जोखिम आते रहेंगे लेकिन डिगना नहीं है. इस तरह के सालाना आयोजन कर हम देश के लिए समर्पित जवान की आहुति का अभिनंदन करते हैं. वे प्रेरणा जगाते हैं.

ये बातें दरभंगा रेंज के आईजी ललन प्रसाद ने शनिवार 21 अक्टूबर को दरभंगा पुलिस लाइन में आयोजित पुलिस संस्मरण दिवस 2023 समारोह के अवसर पर कही.

उन्होंने कहा कि विभाग के ऐसे पीड़ित परिवार खुद को असहाय न समझें. उन्होंने जोर दिया कि पुलिस महकमा ऐसे परिवारों को हरसंभव सरकारी और निज मदद दिलाने में किसी प्रकार की कोताही न बरते. हर हाल में ध्यान रखना है कि उन परिवारों का आत्म विश्वास न डिगे.

उन्होंने याद दिलाया कि साल 1959 के 21 अक्टूबर को ही लद्दाख की बर्फीली चोटी के भारत चीन सीमा पर तैनात सीआरपीएफ टुकड़ी पर चीनी सेना ने अचानक हमला कर दिया. उस झड़प में पुलिस के 10 जवान लड़ते हुए वीर गति को प्राप्त हुए. बताया गया कि साल 1961 में देश के तमाम पुलिस महानिरीक्षकों के सम्मेलन में तय हुआ कि उन 10 जवानों की याद में हर साल पुलिस स्मरण दिवस मनाया जाए. इस आदर का निर्वहन अभी तक जारी है. आपको बता दें कि इस वर्ष के बिहार की 9 लोगों की लिस्ट में आखिरी जवान अमिता बच्चन इसी अक्टूबर महीने में ड्यूटी करते हुए मौत की आगोश में समा गए.

मोटे तौर पर पुलिस को समाज के बीच रह कर काम करना होता. कितना ही अच्छा होता कि ऐसे आयोजन में समझदार नागरिकों को बुलाया जाता ताकि वे पुलिस के बलिदान की अहमियत से सीधे जुड़ाव महसूस करते. पुलिस कितने विकट परिस्थितियों में काम करते उसे समझ पाते. पुलिस के प्रति तमाम तरह की नकारात्मक राय के बावजूद वे जान पाते कि उनके थाने को हाल हाल तक जरूरी वाश रूम नहीं हुआ करते थे. जान पाते कि पुलिस के वाहन चलने के लिए अपेक्षित तेल का कोटा पूरा नहीं हो पाता. वे समझ पाते कि पुलिस बल को नींद पूरी नहीं मिल पाती. जान सकते कि पुलिस विभाग में छुट्टी की किल्लत की वजह से बल के मानसिक स्वास्थ्य से समझौते की नौबत आती रहती है. इसका असर ड्यूटी पर पड़ता है. लोगों के प्रति अपेक्षित व्यवहार में बदलाव दिखता है. नागरिकों को तो हर थाने में टंगे आचरण संहिता पर ध्यान रहता है !

समारोह में जिले के एसएसपी अवकाश कुमार, सिटी एसपी सागर कुमार झा, जिले के सभी डीएसपी, कई इंस्पेक्टर, थाना प्रभारी और सलामी देने वाली पुलिस टीम शरीक हुई.

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By pnc

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