जानबूझकर आवेदन अस्वीकृत करनेवाले सीओ की होगी पहचान

पटना।। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा कई प्रकार की ऑनलाइन सेवाएं दी जा रही हैं. इनमें से कई सेवाओं में अस्वीकृति की दर काफी अधिक है.कई बार अस्वीकृति का यह निर्णय जल्दबाजी में या निहित स्वार्थवश लिया जाता है. इससे निर्दोष लोगों के साथ अन्याय होता है. यह नहीं होना चाहिए. कई बार डीसीएलआर, एडीएम या डीएम के स्तर पर सुनवाई में पता चलता है कि आपका निर्णय गलत था. तबतक नुकसान हो चुका होता है. कई मामलों में वरीय पदाधिकारियों का आदेश लेकर रैयत भटकता रहता है, अंचल अधिकारी ध्यान नहीं देते हैं. लोग सालों तक दौड़ते रहते हैं. ये आपराधिक कृत्य हैं, जिनको नजर अंदाज नहीं किया जा सकता.

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री डॉ दिलीप कुमार जायसवाल आज दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन संस्थान में अंचल अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे. डॉ जायसवाल ने जानबूझकर आवेदनों को अस्वीकृत करनेवाले अंचल अधिकारियों की पहचान करके उनके खिलाफ कार्रवाई करने का निदेश विभाग के अधिकारियों को दिया.




आज की बैठक में म्युटेशन के मामलों की विस्तार से समीक्षा की गई. दाखिल-खारिज के सर्वाधिक 47.93 फीसदी अस्वीकृति के मामले सीतामढ़ी के सुप्पी अंचल में पाए गए. 44 फीसदी अस्वीकृति के साथ पटना का पंडारक दूसरे जबकि 39.9 फीसदी अस्वीकृति के साथ बेगूसराय का साम्हो अखा कुरहा तीसरे स्थान पर था.
निर्धारित समय सीमा के बाद लंबित आवेदनों की संख्या सर्वाधिक 7018 रोहतास के सदर अंचल में पाई गई जबकि 6748 लंबित आवेदनों के साथ पटना सदर अंचल दूसरे स्थान पर और 6428 लंबित आवेदनों के साथ पटना का संपतचक अंचल तीसरे स्थान पर रहा.
पटना सदर अंचल अधिकांश मापदंडों पर फिसड्डी रहा और अंचल अधिकारियों की मासिक रैंकिंग में पटना सदर को अगस्त माह में सबसे नीचे यानि 534वां स्थान प्राप्त हुआ. सदर अंचल अधिकारी ने मात्र 2 फीसदी दस्तावेजों पर डिजिटल हस्ताक्षर किए जबकि वहां मात्र 25 फीसदी सरकारी जमीन की इंट्री की गई. इन्हीं मामलों में जिला का स्कोर क्रमशः 35 फीसदी एवं 90 फीसदी रहा.

आज की बैठक में म्युटेशन प्लस के अलावे परिमार्जन प्लस की प्रगति की समीक्षा की गई. परिमार्जन प्लस में डिजिटाइज्ड जमाबंदी एवं छूटी हुई जमाबंदी की अलग-अलग समीक्षा की गई. दोनों में प्रगति को असंताषजनक पाया गया. यह तथ्य भी सामने आया कि 86 अंचल अधिकारियों ने जून माह से अबतक परिमार्जन प्लस में आए एक भी आवेदन का निष्पादन नहीं किया था.
अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सभी अंचल अधिकारियों को अक्टूबर तक अपने प्रदर्शन में सुधार करने की चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि परिमार्जन प्लस पोर्टल पर दिए गए आवेदनों में से 50 फीसदी आवेदनों का निष्पादन हर हाल में अक्टूबर माह के आखिर तक हो जाना चांहिए. इसी तरह उन्होंने म्युटेशन के 6 लाख लंबित मामलों को घटाकर 2 लाख लाने की लक्ष्य दिया है.
अपर मुख्य सचिव ने विभागीय अधिकारियों को म्युटेशन एवं परिमार्जन के रिजेक्टेड एवं रिवर्टेड मामलों की रैंडमली यानि बेतरतीब ढंग से जांच करने का आदेश विभागीय अधिकारियों को दिया ताकि यह स्पष्ट हो सके कि अस्वीकृति के पीछे कोई वाजिब कारण है या उसके पीछे अंचल अधिकारियों की मनमानी है.
अपर मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि जिन अंचल अधिकारियों की मासिक रैंकिंग लगातार खराब रहेगी, वह उनके खिलाफ कार्रवाई का सबसे मजबूत आधार बनेगी. उन्होंने आईटी मैनेजर को कहा कि अक्टूबर माह से हरेक अंचल अधिकारी का पिछले 6 माह का रैंकिंग भी तैयार करें.
सचिव श्री जय सिंह ने कहा कि अंचल अधिकारी दैनिक और साप्ताहिक आधार पर अपने कर्मचारियों के साथ बैठक करें. लंबित मामलों की रोज प्रगति देखें. जिन मामलों में कागजी साक्ष्य कम हैं उनका फील्ड विजिट कर सत्यापन कर लें.
आज की बैठक में पूरे बिहार से 170 अंचल अधिकारियों को बुलाया गया था. बाढ़ के कारण बेगूसराय एवं भागलपुर के अंचल अधिकारी बैठक में शामिल नहीं हुए. बैठक का उद्देश्य ऑनलाइन सेवाओं में जोड़ी गई नई विशेषताओं के बारे में अंचल अधिकारियों को जानकारी देना और उनके फीडबैक के आधार पर इन सेवाओं में और सुधार करना है. बैठक में विभाग के अपर सचिव अरूण कुमार सिंह समेत विशेष सचिव, संयुक्त सचिव एवं अन्य सभी पदाधिकारी मौजूद थे.

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