स्टीमर से छठ घाटों पर घूमे CM, लोगों को दी शुभकामनाएं

By Amit Verma Nov 7, 2016

उदीयमान सूर्य को अर्ध्य के साथ संपन्न हुआ छठ महापर्व

घर पर अर्ध्य देने के बाद विभिन्न छठ घाटों का सीएम ने किया भ्रमण




सीएम नीतीश कुमार ने लोगों को दी छठ की शुभकामनाएं

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सोमवार को सुबह के अर्ध्य के साथ ही चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन हो गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने आवास 1, अणे मार्ग स्थित तालाब में भगवान भाष्कर को अपने परिवार के निकट सदस्यों के साथ अर्घ्र्य अर्पित किया और राज्यवासियों के सुख, शांति, समृद्धि के लिये ईश्वर से प्रार्थना की.
अपने आवास में अर्ध्य अर्पित करने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री ने दानापुर के नासरीगंज घाट से गायघाट तक स्टीमर द्वारा पटना महानगर के गंगा नदी के विभिन्न छठ घाटों का भ्रमण किया और छठव्रतियों एवं राज्यवासियों को छठ की शुभकामनायें दी. लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा नदी के विभिन्न घाटों पर भगवान सूर्य को अर्ध्य अर्पित किया. घाटों पर उपस्थित श्रद्धालुओं ने मुख्यमंत्री का अभिवादन हाथ उठाकर किया. मुख्यमंत्री ने भी सभी लोगों का अभिवादन हाथ उठाकर स्वीकार किया. मुख्यमंत्री ने तमाम घाटों पर छठव्रतियों के लिये की गयी व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था, साफ-सफाई, विद्युत व्यवस्था इत्यादि का बारिकी से अवलोकन किया.
मुख्यमंत्री ने सभी को हार्दिक शुभकामनायें दी और कहा कि यह तो लोक आस्था का महापर्व है. यह एक ऐसा पर्व है, जिसमें आत्मानुशासन देखने को मिलता है और ऐसा जबरदस्त आत्मानुशासन कभी और देखने को नहीं मिलता.
दिल्ली में प्रदूषण स्तर बढ़ने के प्रष्न का उतर देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण बढ़ा है और मैं समझता हूॅ कि इस पर पहले से ध्यान देना चाहिये था। उन्होंने कहा कि दीपावली के अवसर पर जो टाखे छूटे किन्तु उसके लिये पहले से देशष भर में पटाखे न छोड़ने की अपील की जा रही थी. मैंने देखा कि बिहार के अंदर अपील का बहुत अच्छा असर रहा. अन्य वर्ष की तुलना में आधे से कम पटाखे चले, मैं समझता था कि दिल्ली में भी ऐसा ही कुछ होगा. उन्होंने कहा कि जनमत को जगाने के लिये और प्रयत्न करना चाहिये था. दूसरी बात यह है कि खेतों में फसल कटनी के बाद जो आग लगा देते हैं, वह ठीक नहीं है, उससे पर्यावरण पर बहुत असर पड़ता है. उन्होंने कहा कि यह सिलसिला पंजाब एवं हरियाणा से शुरू हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेतों में फसल कटनी के बाद आग लगाने से मिट्टी की उर्वरक क्षमता भी कम होती है.

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