गंगा की स्थिति को देखकर रोना आता है. फरक्का बराज के कारण गंगा नदी में सिल्ट बढ़ता जा रहा है. और इसके कारण बिहार में हर साल बाढ़ से तबाही झेलनी पड़ रही है. ये कहना है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का.
पटना के एक होटल में गंगा की अविरलता पर आयोजित सेमिनार में सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि फरक्का रहे या टूटे. लेकिन इस बारे में राष्ट्रव्यापी चर्चा होना चाहिए और विशेषज्ञों की राय मानी जानी चाहिये.
सीएम ने कहा कि उन्होंने पिछली UPA सरकार से पश्चिम बंगाल में फरक्का बराज को बंद करने की मांग की थी. वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी कहा है कि फरक्का बांध से गंगा नदी में भारी गाद जमा हो रहा है और यह बिहार में हर साल भारी बाढ़ की बड़ी वजह है.
कार्यक्रम में जलपुरूष राजेंद्र सिंह ने भी फरक्का बराज पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसकी वजह से ही बिहार में हर साल बाढ़ आती है. उन्होंने कहा कि फरक्का बराज से बिहार को खतरा है. कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ सभी अतिथियों ने गंगा की अविरलता स्मारिका का विमोचन किया.
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सभी अतिथियों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया. इससे पहले जल संसाधन विभाग की तरफ से जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिह्न भेंट किया.