शिक्षकों को मिला भरोसा; सहरसा को दी सौगात
पटना,बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गांधी में राष्ट्रीय ध्वज फहराया. रिकॉर्ड 17वीं बार उन्होंने गांधी मैदान में बिहार के सीएम के तौर पर तिरंगे को सलामी दी. खास बात यह रही कि 18 साल बाद गांधी मैदान में राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव भी गांधी मैदान पहुंचे. हालांकि, लालू प्रसाद ने राबड़ी आवास में झंडोत्तोलन किया. वहीं गांधी मैदान में आयोजित समारोह में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव समेत कई मंत्री और वरीय नेता शामिल हुए . इस बार गांधी मैदान में स्वतंत्रता दिवस समारोह के परेड में 16 टुकड़ियां कर रही थी.
वहीं समारोह में 13 विभागों की झांकियां निकाली गई. विधि व्यवस्था को लेकर पटना जिला प्रशासन ने चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की थी. 51 स्थानों पर 87 दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई. अपने संबोधन के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने नियोजित शिक्षकों को भी मैसेज दिया. उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसे ही बोलते रहते हैं, उन्हें बोलने दीजिए. बीपीएससी के जरिए जो शिक्षक भर्ती परीक्षा हो रही है, उसे हो जाने दीजिए. आगे आप लोगों (नियोजित शिक्षक) के बारे में सरकार बहुत कुछ करने वाली है. सीएम नीतीश कुमार कहा कि जो शिक्षक स्कूल में नहीं पढ़ाएंगे, उनपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. सीएम ने कहा कि 1,50,563 सरकारी नौकरी दे दी गई. 362104 नए पद सृजित किए गए और 286461 प्रक्रिया के अधीन है. 5 लाख लोगों को रोजगार मिल चुका है. अगले वर्ष तक 5 लाख लगभग 10 लाख को नौकरियां पूरी कर ली जाएगी.
इधर, सहरसा में लगातार उठ रहे एम्स की मांग को देखते हुए सीएम नीतीश कुमार ने यहां को लोगों को बड़ी सौगात दी है. सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि सहरसा में बिहार सरकार मेडिकल कॉलेज अस्पताल की स्थापना करवाएगी. इसके अलावा राज्य के अन्य मेडिकल कॉलेज में भी बेडों की संख्या बढ़ाई जाएगी. किसान को संबोधित करते हुए कहा कि जुलाई और अगस्त में कम बारिश होने के कारण खेती में दिक्कत हो रही थी. बिहार सरकार किसानों को मदद पहुंचाएगी.
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दरभंगा एम्स से संबंधित पूछे गए सवाल पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार में पटना में एम्स बनना तय हुआ और वहां पर उसका निर्माण हुआ. वर्ष 2015 में जब दूसरे एम्स के बनने की बात आई तो हमने उनलोगों से कहा कि एक एम्स तो पटना में बना ही हुआ है, यह उनलोगों को पता नहीं था. सबसे पहले मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल पटना में पीएमसीएच और दूसरा दरभंगा में डीएमसीएच बना. हमने उनलोगों को कहा कि पटना में एम्स बन गया है और पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल का हम विस्तार करने वाले हैं. इस देश में उतना बड़ा कोई अस्पताल नहीं है, 5000 से भी ज्यादा मरीजों के लिए वहां बेड बनाए जा रहे हैं. हमने उनलोगों से आग्रह किया कि अगर बिहार में दूसरा एम्स बनाना चाहते हैं तो दरंभगा का जो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल है वहीं पर बना दीजिए. पहले इसको स्वीकार कर लिया गया और अब कहा जा रहा है कि वहां पर नहीं बनाएंगे, अलग कहीं पर बनाएंगे. समाधान यात्रा के दौरान दरभंगा के डीएम ने एम्स निर्माण को लेकर शोभन बाईपास की जमीन दिखाई थी. वह जमीन काफी अच्छी है. वहां पर फोर लेन सड़क निर्माण करने का हमने निर्देश दिया है. वहां पर एम्स बनने से दरभंगा का काफी विस्तार होता. सभी जगहों से वहां पहुंचना आसान है. पता नहीं क्यों वे लोग वहां पर एम्स का निर्माण नहीं कराना चाहते हैं. मेरी इच्छा है कि वहीं पर एम्स बने एम्स निर्माण को लेकर राज्य सरकार जमीन और रास्ता बनाकर देगी. दरभंगा में एम्स बने, यह हमारी इच्छा है. कुछ लोग इधर-उधर की बातें बोलते रहते हैं. इसका कोई मतलब नहीं है.
गांधी मैदान में दिवस के मौके पर सीएम के संबोधन के बीच कोई बाहरी नागरिक आचनक से प्रवेश कर गया. इसके बाद सीएम की सुरक्षा में मौजूद कर्मियों ने उसे सीएम के पास जाने से रोक लिया. यह युवक अपनी मांगों को लेकर सीएम के स्टेज के पास जा रहा था.हालांकि, इस दौरान सीएम ने मंच से यह जरूर कहा कि- यह सबकुछ देख रहे हैं और सबके लिए काम कर रहे हैं और सबके बारे में बात करेंगे.
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