बिहार को जल्द मिले विशेष राज्य का दर्जा
खुले में नमाज पर प्रतिबंध जैसी मांग बेकार
जनसुनवाई के दौरान छात्र पर झल्लाए सीएम
तीन साल का कोर्स छह साल में भी पूरा नहीं
फफक पड़े बुजुर्ग, बोले- ‘न बैठबो सरकार, 15 बरस हो गए
जनता दरबार में कई बार लगा दी अधिकारियों की क्लास
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को जनता दरबार में आम लोगों से शिकायतें सुनी. जनता दरबार में मुख्यमंत्री मिलने के लिए पूरे राज्य के लोग पहुंचे हुए थे. इस दौरान स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड से जुड़ी एक शिकायत के दौरान सीएम भड़क गए . सीएम नीतीश ने छात्र को शिक्षा विभाग के पास भेजा, लेकिन छात्र अपनी बता कहते ही जा रहा था. इस पर सीएम थोड़ा झल्ला गए और वे बोले- प्रवचन देने लगता है सब…हालांकि इसके तुरंत बाद उन्होंने अधिकारी को कहा कि इन शिकायतों को गंभीरता से सुनिए और छात्रों की परेशानी दूर कीजिए.
नीतीश ने कहा कि गोपालगंज से स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड की शिकायतें अधिक आ रही हैं इसको देख लीजिए. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से चिंता जताते हुए कहा कि मैट्रिक परीक्षा पास करने वाले छात्रों को प्रोत्साहन राशि नहीं मिलने की शिकायतें भी अधिक हैं. जनता दरबार में एक छात्र ने कहा कि पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में उसका तीन साल का कोर्स छह साल में भी पूरा नहीं हुआ. अधिकारी कहते हैं कि तुम्हें मुख्यमंत्री की वजह से ही योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं तुम्हें अधिकारी के पास भेजता हूं, वे सारी बात समझ लेंगे.छात्र बोलता रहा इससे मुख्यमंत्री थोड़ा झल्ला गए. वे बोले- प्रवचन देने लगता है सब.
राज्य के लोगों की समस्याएं सुनने के क्रम में दरबार में एक वृद्ध व्यक्ति पहुंचे. वहां अधिकारियों ने उन्हें सीएम के सामने लगी कुर्सी पर बैठने के लिए जैसे ही कहा, सज्जन फफक कर रो पड़े. बैठने के लिए कहने पर बुजुर्ग मना कर हैं. उनके हाथों में शिकायत के आवेदन हैं. उसे अधिकारियों को दिखते हुए वे स्थानीय भाषा में कहते हैं कि हम बइठे ला न अइले हा. ई पढ़ लS, हम बैठ जइबै. ना सरकार, दरबार में अइला 13 बरस हो गइलै. बस ये शिकायत देख लीजिए. मुख्यमंत्री ने उनकी शिकायत पर अधिकारियों को आदेश दिया .वहीँ मधुबनी में सरकारी भवन बनने के बाद भी निजी भवन में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र, मुख्यमंत्री ने ये जब बात सुनी तो हैरान रहे गये. इसके बाद सीएम ने तुरंत समाज कल्याण विभाग के अपर सचिव को फोन कर इसकी जानकारी दी और कहा कि ऐसे करने की हिम्मत कैसे हुई. इसके जल्दी पता कर इस पर कार्रवाई करिए.
बिहार में आंगनबाड़ी सेविका की बहाली में अनियमितता को लेकर अधिकारी को खूब सुनाई . नीतीश ने जनसुनवाई के दौरान एक मामले की सुनावई करते ही अधिकारी को फोन किया और अधिकारी से पूछा कि भाई आंगनबाड़ी सेविका बहाली में अनियमितता के बहुत मामले आ रहे हैं, ऐसे क्यों. उन्होंने इसको लेकर अधिकारियों को कार्रवाई के लिए भी निर्देश दिये.
पिछले साल कोरोना से डेथ होने पर भी अभी तक अनुग्रह राशि नहीं मिलने पर मृतका के पति ने जनता दरबार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से फरियाद की. मृतका आंगनबाड़ी सेवका है. अक्टूबर 2020 में उसकी कोरोना से मौत हो गयी. वहीं उसके परिवार को सरकारी अनुदान नहीं मिलने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनसुनवाई के दौरान समाज कल्याण विभाग को फोन कर तुरंत इस पर कार्रवाई को निर्देश दिये. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि कोरोना से मौत पर अनुदान नहीं मिलने का मामला सामने कैसे आ रहा है कोई अपनी पत्नी की कोरोना से मौत पर अनुदान राशि के लिए फरियाद कर रहा है, तो अपने पिता की मौत के पर सरकारी अनुदान की मांग कर रहा है.जनता दरबार में आने वाले मामलों पर मुख्यमंत्री ने त्वरित कारवाई का आदेश दिया.
सड़क पर नमाज पढ़ना बंद कराने की मांग पर पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सब बातों को कोई मतलब नहीं है. कहीं कोई पूजा करता है, कहीं कोई गाता है सबका अपना अपना विचार है. इन सब चीजों में हम ऐसा मानकर चलते हैं कि सबको अपने ढंग से करना चाहिये. अभी कोरोना को लेकर गाइडलाइन दिया गया था तो कोई बाहर नहीं जा रहा था. सभी लोग हमारे लिये एक समान हैं. सबको अपने ढंग से ध्यान रखना चाहिये. इन सब विषयों पर चर्चा करने का कोई मतलब नहीं है. सभी लोग अपने ढंग से करते हैं, लेकिन सभी धर्म के लोगों को इन सब चीजों का ध्यान रखना चाहिये. इन सब चीजों को मुद्दा बनाना हमलोगों के लिए इसका कोई मतलब नहीं है. अब फिर कोरोना का दौर बढ़ेगा तो फिर से गाइडलाइन जारी होगा. शादी ब्याहों में अभी भीड़ रहती है, लोगों से हमेषा अपील करते हैं कि मास्क का प्रयोग जरूर करें.
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