राष्ट्रीय जनता दल पर सीएम ने बुधवार को बड़ा हमला बोला. उनका इशारा तेजस्वी यादव पर था जो हर दिन ट्वीट करते हैं और कहते हैं कि सीएम ने चुप्पी साध रखी है. पटना में दलित-महादलित सम्मेलन में सीएम ने कहा कि जिनके पास काम ही नहीं वही लोग ऐसी बात करते हैं. हम काम में विश्वास रखते हैं ज्यादा बोलने में नहीं.
सम्मेलन में उपस्थित लोगों से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हर हाल में समाज में प्रेम, भाईचारा, सद्भाव, आपसी सौहार्द्र का माहौल बनाकर रखिये, तभी विकास का लाभ मिल सकेगा. उन्होंने कहा कि हमलोग झगड़े में नहीं प्रेम, सद्भाव और एक-दूसरे की इज्जत करने में यकीन रखते हैं. बहुत लोग जिन्होंने कोई काम नहीं किया, वे अनाप-शनाप बोलते रहते हैं क्योकि जो काम नहीं करता है वह जुबान अधिक चलाता है. ऐसे लोग हमारी खामोशी पर सवाल खड़े करते हैं.
जदयू के दलित-महादलित सम्मलेन में शामिल सीएम ने कहा कि जब तक अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को मुख्य धारा तक नहीं लायेंगे, तब तक हमारा लक्ष्य पूरा नहीं होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि नवम्बर 2005 से हमें जब काम करने की जिम्मेवारी मिली, तब से हर क्षेत्र में हम काम करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वर्ष 2004-05 में अनुसूचित जाति के लिए जितनी योजनायें चलती थीं, उसके लिए बजट में केवल 13 करोड़ 5 लाख 45 हजार रूपये का प्रावधान था. हमने अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण के लिए विभाग बनाया. शिक्षा विभाग के द्वारा छात्रवृत्ति का लाभ छात्रों तक पहुँचाया, इसके अतिरिक्त अन्य कई योजनायें अनुसूचित जातियों के कल्याणार्थ चलाई जा रही हैं, जिसका नतीजा है कि वर्ष 2018-19 में बजट में इन योजनाओं के लिए 1,224 करोड़ 56 लाख 28 हजार रूपये का प्रावधान किया गया है.
उन्होंने कहा कि हमने सर्वे कराया तो पता चला कि 12.5 प्रतिशत बच्चे स्कूलों से बाहर हैं, उसके बाद जो बच्चे स्कूलों से बाहर थे, उन्हें स्कूलों तक लाने की दिशा में कार्रवाई की गयी. कक्षाओं का निर्माण कराया गया, बड़े पैमाने पर शिक्षकों की बहाली की गयी. इसके बाद स्कूलों में लड़के-लड़कियों की संख्या में वृद्धि हुयी. तब हमने पुनः सर्वे कराया तो पता चला कि स्कूलों से बाहर रहने वाले बच्चे दलित, महादलित और अल्पसंख्यक समुदाय से थे. दलित-महादलित के बच्चों को पढ़ाने के लिए टोला सेवकों की बहाली शुरू की गयी और अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों के लिए तालीमी मरकज शुरू किया गया. उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में काम किया गया, कोई भी क्षेत्र विकास से अछूता नहीं है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति छात्रावास योजना के तहत आवासीय छात्रावास में रहने वाले छात्र-छात्राओं को जो सुविधाएं पहले से मिल रही हैं, उसके अलावा प्रति माह एक हजार रुपये अतिरिक्त अनुदान देने का निर्णय हमलोगों ने लिया. इसके साथ ही उनके खाने के लिए प्रति छात्र-छात्रा 15 किलो अनाज मुफ्त में उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी. सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत बिहार लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं को मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए 50 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि और संघ लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले छात्र-छात्राओं को मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए एक लाख रूपये की प्रोत्साहन राशि देने की व्यवस्था हमलोगों ने की है. उद्यमिता में रूचि रखने वाले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के युवाओं को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति उद्यमी योजना की शुरुआत की गयी. इसके लिए राज्य सरकार की ओर से 10 लाख रूपये की सहायता मुहैया करायी जाएगी, इसमें पाॅच लाख रुपये अनुदान जबकि पाॅच लाख रुपये ब्याज रहित होंगे.
जिनके पास जमीन नहीं, उन्हें सरकार देगी 60 हजार की सहायता
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना से जिनलोगों का नाम जुड़ा है और उनके पास अगर घर बनाने के लिए जमीन नहीं है तो ऐसे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति से जुड़े लाभुकों को राज्य सरकार जमीन खरीदने के लिए 60 हजार रुपये देगी. उन्होंने कहा कि जिनलोगों का घर 80 या 90 के दशक में बना हुआ है, जो जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है, उनको फिर से घर बनाने के लिए राज्य सरकार ने अपनी योजना मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण शुरू की है. उन्होंने कहा कि सात निश्चय योजना के तहत हर घर तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचाई जा रही हैं. ग्राम परिवहन योजना के जरिये प्रत्येक पंचायत में 5 वाहन मुहैया कराये जा रहे हैं, इसमें 3 वाहन अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और 2 अति पिछड़ा वर्ग से जुड़े बेरोजगार नौजवान को दिया जायेगा. दो लाख रूपये तक के वाहन की खरीद के लिए राज्य सरकार अपनी तरफ से एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी. उन्होंने कहा कि कल्याण और विकास कार्यों के लिए सभी प्रकार की योजनायें चलाने के लिए हमारी प्रतिबद्धता है.
बाबा साहब डाॅ भीमराव अम्बेडकर ने संविधान बनाया, जिसे अडॉप्ट कर लागू किया गया. उन्होंने कहा कि कोई ताकत नहीं है जो आरक्षण को बदल सके. बोलने वाले बोलते रहेंगे. आज कल सोशल मीडिया का जमाना है. कुछ लोग अनाप-शनाप बातें वायरल करते रहते हैं. हम हमेशा पूरी मजबूती से आपके साथ खड़े हैं. आपके अधिकारों का कोई हनन नहीं कर सकता. उन्होंने कहा कि जब तक अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को मुख्य धारा तक हम नहीं लायेंगे, तब तक हमारा लक्ष्य पूरा नहीं होगा. विकास का लाभ हर घर और हर व्यक्ति तक पहुँचे, इसको ध्यान में रखकर योजनायें बनायी जाती है. हमारी योजनायें यूनिवर्सल होती हैं, विकास का लाभ अगर चंद गिने-चुने लोगों तक पहुंचता है, उसका कोई मतलब नहीं है.