आपदा प्रबंधन विभाग की बैठक में सीएम का सख्त निर्देश
बिना NOC के नहीं हो किसी बिल्डिंग का निर्माण
सभी भवनों में फायर सेफ्टी की हो नियमित जांच
सूबे में लगातार हो रहे अग्निकांड की घटनाओं की रोकथाम को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को समीक्षा की. इस दौरान आपदा प्रबंधन विभाग ने सीएम के सामने प्रजेंटेशन दिया.
क्या कहा मुख्यमंत्री ने-मुख्यमंत्री ने कहा है कि आग लग जाने पर दमकल भेजकर आग बुझा देना और पीड़ितों को राहत वितरण कर देने से काम नहीं चलेगा बल्कि आग लगने की घटनायें न हो, इसके लिये तंत्र को मजबूत करना होगा. सीएम ने कहा कि बड़े भवनों में ज्यादातर आग शॉट सर्किट के कारण लगती है. इनसे बचने के लिए ना सिर्फ निजी बल्कि सरकारी भवनों के लिए तंत्र को स्पीड अप करना होगा. उन्होंने अग्निशमन, नगर विकास विभाग, ऊर्जा विभाग, भवन निर्माण विभाग, स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया कि वे इसकी रोकथाम के लिये अविलंब एक्शन प्लान तैयार करें.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग बढ़ते जा रहे हैं. बिल्डिंग बायोलॉज में फायर सेफ्टी और इसकी नियमित जॉच आवश्यक है. उन्होंने कहा कि इसके लिये पर्याप्त मशीनरी को विकसित करना होगा और सिस्टम को बिल्डअप करना होगा. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग के निर्माताओं से फायर सेफ्टी के संबंध में किये गये उपायों के संबंध में स्वप्रमाणित प्रतिवेदन प्राप्त करें और इसकी नियमित जांच भी करायी जाय. उन्होंने कहा कि निजी भवनों में रहने वाले लेगों को भी फायर सेफ्टी के संबंध में जागरूक करना होगा. इसके साथ-साथ घनी आबादी में चल रहे पेट्रोल पंपों को शिफ्ट करने को लेकर भी सीएम ने निर्दश दिया.
इस अवसर पर मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व्यासजी, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पूर्व सदस्य डॉ उदय कांत मिश्र, प्रधान सचिव गृह आमिर सुबहानी, महानिदेशक अग्निशमन सेवायें पीएन राय, प्रधान सचिव स्वास्थ्य एवं शिक्षा आरके महाजन, प्रधान सचिव नगर विकास एवं आवास चैतन्य प्रसाद, प्रधान सचिव भवन निर्माण अमृत लाल मीणा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चन्द्रा, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के विषेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह सहित आपदा प्रबंधन विभाग के संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे.
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