मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया स्वीकार
‘राष्ट्रीय जनता दल के साथ अब कोई दोस्ती नहीं‘
पटना।। बिहार में पिछले कुछ वक्त से जारी सियासी आशंका के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा बयान दिया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के साथ एक कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि उन्होंने दो बार गलती की जब वे राष्ट्रीय जनता दल के साथ चले गए, लेकिन अब आगे ऐसी गलती नहीं करेंगे. उन्होंने साफ कहा कि वह अब बीजेपी के साथ ही मिलकर काम करेंगे.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने आज इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आई०जी०आई०एम०एस०) परिसर में 188 करोड़ रुपये की लागत से नवनिर्मित क्षेत्रीय चक्षु संस्थान का शिलापट्ट अनावरण कर एवं फीता काटकर उद्घाटन किया. उद्घाटन के पश्चात् मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित क्षेत्रीय चक्षु संस्थान का निरीक्षण किया. इस दौरान प्रथम तल पर जाकर ओ०पी०डी०, वार्ड एरिया, ऑपरेशन थियेटर रूम, जेनरल वार्ड आदि का निरीक्षण किया और वहां की व्यवस्थाओं की जानकारी ली.
मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने आई०जी०आई०एम०एस० परिसर में आयोजित कार्यक्रम में रिमोट के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत 850 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न परियोजनाओं का रिमोट के माध्यम से उद्घाटन एवं शिलान्यास किया.
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान परिसर में आज क्षेत्रीय चक्षु संस्थान का उद्घाटन हुआ है. इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे०पी० नड्डा पधारे हैं, उनका मैं अभिनंदन और स्वागत करता हूं. मुख्यमंत्री ने कहा कि आई०जी०आई०एम०एस० में पहले दवाई एवं जाँच के लिए कुछ राशि देनी पड़ती थी लेकिन अब यहाँ पर मुफ्त दवा एवं जाँच की व्यवस्था की गयी है.
बेहतर सुविधाओं के चलते अब यहाँ पर अच्छी खासी संख्या में अपना इलाज करवाने आ रहे हैं जिसके कारण यहाँ पर काफी भीड़ रहती है. उन्होंने कहा कि पहले आई०जी०आई०एम०एस० में बेड की संख्या 770 थी, फिर हमने इसके अतिरिक्त यहाँ पर 2 हजार 500 बेड और बढ़ाने का निर्णय लिया. इस पर तेजी से काम कराया जा रहा है जिससे अब बेड की संख्या 1 हजार 370 हो गयी है. काम लगातार जारी है, 500 बेड पर काम इस वर्ष के अंत तक पूरा हो जायेगा तथा 1200 बेड का सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल का निर्माण अगले वर्ष तक पूरा कर दिया जायेगा. इस प्रकार यहाँ पर बेड की संख्या तीन हजार से ज्यादा हो जायेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग शुरू से ही स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार में लगे हुये हैं. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में तो इलाज के लिए प्रतिमाह मात्र 39 मरीज ही आते थे यानी प्रतिदिन 1 या 2 मरीज आते थे. वर्ष 2006 से अस्पतालों में मरीजों को मुफ्त दवा देने की शुरूआत की गयी जिसे शुभारंभ के लिए तत्कालीन उप-राष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत जी पटना आये थे. साथ ही डॉक्टरों की बहाली की गयी और अस्पतालों में डॉक्टरों की उपस्थिति सुनिश्चित करवाई गयी और मुफ्त स्वास्थ्य जाँच एवं एम्बुलेंस की सुविधा दी गई. अब सुविधाएँ काफी अच्छी हो गयी है जिससे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हर महीने औसतन 11 हजार से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले राज्य में केवल 6 सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल थे, इसकी कमी के कारण यहाँ के छात्र मेडिकल कॉलेज की पढ़ाई करने राज्य के बाहर जाया करते थे और डॉक्टर की कमी होने के कारण यहाँ के लोग इलाज के लिए भी राज्य के बाहर जाते थे इसलिए सरकार ने राज्य में नये मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कराया जिससे अब मेडिकल कॉलेज की संख्या 6 से बढ़कर 11 हो गयी है. इसके अतिरिक्त 15 और नये मेडिकल कॉलेज का निर्माण किया जा रहा है. 8 मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के निर्माण में केन्द्र सरकार का सहयोग मिल रहा है. इसके अलावे 9 जिलों में मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल बनाने का प्रस्ताव है. पटना मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल को 5 हजार 462 बेड की क्षमता वाले आधुनिक विश्वस्तरीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल बनाया जा रहा है. पुराने सभी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में बेड की संख्या भी बढ़ायी जा रही है. इसके अतिरिक्त नालन्दा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, पटना, दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, दरभंगा, श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, मुजफ्फरपुर, जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, भागलपुर तथा अनुग्रह नारायण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, गया को भी 2500 बेड के मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के रूप में विकसित किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी के समय में पटना में एम्स के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई. आज वह काफी अच्छा बन गया है. यहां पर अच्छी सुविधाओं के साथ मरीजों का बेहतर इलाज हो रहा है. इसके अलावा वर्तमान केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2015 में दरभंगा में दूसरे एम्स की स्वीकृति दी गई. इसका निर्माण जल्द शुरू हो रहा है. मुझे खुशी है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे०पी० नड्डा जी दरभंगा एम्स के लिए चिह्नित जमीन देखने जा रहे हैं. उसके लिए मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं. हमलोगों ने दरभंगा में एम्स के निर्माण के लिए 150 एकड़ भूमि चिह्नित कर ली है. वह दरभंगा एम्स के लिए अच्छी जगह है. यहां पर एम्स के निर्माण के बाद दरभंगा का और विस्तार हो जाएगा.
pncb