पटना में शुरू हुआ देश का पहला क्लाइमेट चेंज लर्निंग लैब

देशभर में जलवायु परिवर्तन पर हो रहे प्रयासों में बिहार ने एकबार फिर सबसे आगे बढ़कर पहला क्लाइमेट चेंज लर्निंग लैब स्थापित किया है. पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान में देश के ऐसे पहले लैब का उद्घाटन पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री नीरज कुमार सिंह ने किया.

जलवायु परिवर्तन पर सन् 2015 में हुए परिस समझौता परियोजना के कार्यान्वयन के सहत देश के 4 राज्यों हरियाणा, गुजरात, केरल एवं बिहार में जलवायु परिवर्तन अध्ययन प्रयोगशाला (Climate Change [Learning Lab) की स्थापना की जानी थी. पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान परिसर के गेट संख्या 2 के समीप स्थित Z00 EDUCATIONAL HALL” में यूरोपियन यूनियन एवं जर्मनी की एक संस्था 617 द्वारा देश का पहला जलवायु परिवर्तन के संबंध में सीखने की प्रयोगशाला (Climate Change Learning (Laboratory) स्थापित की गई है, जिसका उ‌द्घाटन मंत्री, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, बिहार नीरज कुमार सिंह द्वारा किया गया.




यह प्रयोगशाला जलवायु परिवर्तन के विभिन्न पहलुओं पर दृश्य-श्रव्य (Audio Visual) मीडिया के साथ आम जनता को विशेष कर स्कूली बच्चों को आकर्षित करेगा तथा जागरूक करेगा यह सुविधा बिहार में पहली बार स्थापित किया गया है.

उ‌द्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए मंत्री, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, बिहार नीरज कुमार सिंह ने कहा कि जलवायु में परिवर्तन होना न सिर्फ बिहार के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए चिन्ता का विषय है बिहार एक गरीब राज्य जरूर है पर यह एक जागरूक राज्य है. जलवायु परिवर्तन की आहट सुनते ही राज्य में जल-जीवन-हरियाली कार्यक्रम का प्रारंभ होना इसका बेहतर उदाहरण है. उन्होंने इस सुविधा की स्थापना का वर्णन करते हुए बताया कि इसमें कई कठिनाइयां आई पर अंततः यह स्थापित हुआ. इसके लिए उन्होने यूरोपियन यूनियन, जर्मनी सरकार जर्मनी की संस्था जी.आई.जेड को कोटिश धन्यवाद दिया. उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन के बारे में हमे जानना क्यों जरूरी है? इसके क्या दुस्प्रभाव है? इससे कैसे बचा जा सकता है? यह सब हम यहा सौख सकते हैं हम यह जान सकते हैं कि हम कहां दोषी है, हमें कहां सुधारना है इस अपनी आदतों में परिवर्तन लाकर व्यक्तिगत स्तर पर इसके दुष्प्रभावों को कम करने का प्रयास कर सकते हैं। इस अवसर पर डॉ. अशोक कुमार घोष, अध्यक्ष, बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद् अपने संबोधन में कड़ा कि देश के अन्य राज्यों की तुलना में बिहार जलवायु परिवर्तन से ज्यादा ही प्रभावित राज्य है. जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने हेतु जन-जन को सहयोग की जरूरत है. बिहान एक कृषि आधारित राज्य है. ऐसे में जलवायु परिवर्तन के कारण अतिवृष्टि अनावृष्टि से राज्य की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इस बारे में जागरूकता प्रभावी होगी.

उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए प्रधान सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार सरकार अरविन्द कुमार चौधरी, म.प्र. में राज्य में देश के पहले जलवायु परिवर्तन के संबंध में सीखने की प्रयोगशाला की स्थापन पर हर्ष व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि सन् 2040 तक राज्य में शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जाए. उन्होंने बताया कि जल निकाय कार्बन को सोखने का बेहतर विकल्प है। जलवायु परिवर्तन का विषय अय अखबारों में पढ़ने तक सीमित नहीं रहा, अब लोग इसे महसूस भी कर रहे हैं. लंबे समय तक वर्षा का न होना और अचानक महीनों की वर्षा के बराबर वर्षापात हो जाए यही तो है जलवायु परिवर्तन का दुष्प्रभाव! इस सुविधा के बेहतर उपयोग से प्रभावी रूप से जागृति लाई जा सकेगी.

जी.आई.जेड (भारत) के वरीय सलाहकार जय कुमार गौरव ने बताया कि जलवायु परिवर्तन पर सन् 2015 में हुए पेरिस समझौता परियोजना के तहत बिहार में देश का पहला जलवायु परिवर्तन लर्निंग लैब की स्थापना की गई है. उन्होंने कहा कि राज्य के लोग इससे सीख प्राप्त कर जलवायु परिवर्तन की चुनीतियों से निपटने हेतु व्यक्तिगत स्तर पारिवारिक स्तर तथा सामाजिक स्तर पर पहल कर पायेंगे. उन्होंने बताया कि राज्य में यूरोपियन यूनियन के सहयोग से अपशिष्ट प्रबंधन पर भी कार्य किया जाना प्रस्तावित है.

उद्घाटन कार्यक्रम में ऑनलाईन जुड़े भारत में यूरोपियन यूनियन संघ के प्रतिनिधि मंडल के प्रथम कांउसलर एडविन कोएक्कोएक ने अपने संबोधन में बिहार में जलवायु परिवर्तन के संबंध में सीखने की प्रयोगशाला की स्थापना पर हर्ष व्यक्त किया. इस कार्यक्रम में विडियो संवाद से जुड़े भारत में यूरोपियन यूनियन के राजदूत महामहिम यूगो एस्टुटो ने बताया कि यूरोपियन यूनियन 27 सदस्य राष्ट्रों के सहयोग से कार्बन उत्सर्जन में कटौती पर कार्यरत है.

उद्घाटन कार्यक्रम में ऑनलाईन जुडी पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार की उप-सचिव रूचिका दाल ने बताया किया जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक के साथ राष्ट्रीय चुनौती है. उन्होंने आशा व्यक्त किया कि राज्य के •जागरूक नागरिक, छात्र-छात्राएं इस सीखने की प्रयोगशाला से जलवायु परिवर्तन की गूढ बातों को समझकर अपने स्तर से अनुकूलन हेतु उचित प्रयास करेंगे.

उद्घाटन समारोह में जुओलाजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय निदेशक विहार, डॉ. गोपाल शर्मा, निदेशक पारिस्थितिकी, बिहार सुरेन्द्र सिंह मुख्य वन्य प्राणी प्रतिपालक, बिहार पी.के.गुप्ता निर्देशक संजय गांधी जैविक उद्यान पटना सत्यजीत आईजेड (भारत) के सलाहकार एवं राज्य समन्वयक उत्तम कुमार के अतिरिक्त बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के वरीय अधिकारीगण उपस्थित थे.

उद्घाटन समारोह में उपस्थित गणमान्य अतिथियों का स्वागत तथा समारोह के समापन पर सभी का धन्यवाद ज्ञापन बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद् के सदस्य सचिव एस. चन्द्रशेखर. भा.व.से. द्वारा किया गया.

pncb

By dnv md

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