25 दिसंबर को होने वाला क्रिसमस खुशियों की सौगात लेकर आने वाला है.बच्चे बड़े सभी अभी से क्रिसमस की खरीदारी में लग गए हैं. राजधानी के बाजारों में क्रिसमस से जुड़े सामानों की बिक्री होने लगी है . पटना मार्केट ,बोरिंग रोड से लेकर शॉपिंग मॉल्स में क्रिसमस से जुड़े सामान बिकने शुरू हो गए हैं दुकानों का डिसप्ले भी लाल, हरे और सफेद रंग में होने लगा है. घरों में क्रिसमस की खरीदारी शुरू हो गई है. बड़े बाजारों की दुकानों पर क्रिसमस का सजावटी सामान, क्रिसमस ट्री, उपहार, सांता क्लॉज की ड्रेस सज गई है.
इस बार सांता क्लॉज हर रंग में है उपलब्ध
बाजार में सांता क्लॉज सभी रंगों और आकर में बिक रहे है 5रुपये से लेकर पांच हजार तक के सांता उपलब्ध हैं. छोटे से लेकर बड़े आकार सांता स्टीकर, सांता क्लॉज मुखौटा, लटकाने वाले सांता क्लॉज, विंड चाइम में सांता क्लॉज, सीढ़ी पर लटका सांता क्लॉज, मुलायम खिलौने में सांता क्लॉज से लेकर स्टैंडिंग और बैठा हुआ सांता क्लॉज भी है.इसका हर रूप बच्चों के आकर्षण का केंद्र बना है.
सुनहरे रंग की है बहार
क्रिसमस का रंग सांता क्लॉज के लिए लाल और सफेद है. क्रिसमस ट्री के लिए हरा है, लेकिन देवदूतों के लिए सुनहरे और चांदी के रंग की बहार है.क्रिसमस ट्री पर सजाने वाले अधिकांश आइटम और नन्हें उपहार, लट्टू, जिंगल बेल्स, क्राउन सभी में सुनहरे रंग की चमक बिखेर रही है. चांदी सा चमकदार सफेद रंग का आइटम भी दुकानों पर चमक रहा है, जो क्रिसमस ट्री को और शोभा बढ़ाएंगे.
सजावटी सामान पर चाइनीज़ बाजार हावी
क्रिसमस के बाजार पर चाइनीज़ आइटम हावी हैं. दरवाजों पर सजाने वाली हरियाली बेल, क्रिसमस ट्री से लेकर दूसरे छोटे सजावटी सामान मेड इन चाइना के आ रहे हैं. क्रिसमस ट्री पर सजने वाली स्टिक, सांता के दस्ताने, पोटली, सांता क्लॉज का मुखौटा, पेंड पौधे, नकली बेलें, फूलों के नकली गुलदस्तों से लेकर, छोटे लटकाने वाले उपहार, जिंगल बेल्स और दूसरे सभी सजावटी आइटम मेड इन चाइना के हैं जो बाजार में छाए हुए हैं.
नोटबंदी के कारण हो रही परेशानी
क्रिसमस का बाजार भी नोटबंदी से प्रभावित हो रहा है. उपहार, सजावटी सामान की दुकानें सज चुकी हैं, लेकिन दुकानों पर ग्राहक कम हैं. जो ग्राहक आ रहे हैं वो छोटी खरीदारी कर रही है. खुलकर खरीदारी करना अभी भी शुरू नहीं हुआ है. सजावटी सामान ही नहीं क्रिसमस पर बनने वाले प्लम केक, वाइन केक पर भी नोटंबदी का असर है. बेकरीज पर केक का ऑर्डर पिछले साल की तुलना में अभी 25 फीसदी ही पहुंचा है. हाथ में खुले पैसे और नगदी कम होने के कारण खरीददारी बेहद सोच समझकर कर रहे हैं.दुकानदारों ने तो सामान मंगा लिए हैं पर माल नहीं बिकने की आशंका भी उन्हें परेशान कर रही है .