बच्चों के नाटक ने दर्शकों को किया रोमांचित

20 दिवसीय अभिनय कार्यशाला के समापम के अवसर पर बच्चों ने नाटक कोलाज का मंचन किया

जगजीवन कॉलेज सभागार में हुई प्रस्तुति




आरा। अभिनव एवं  ऐक्ट  द्वारा प्रस्तुत नाटक कोलाज की प्रस्तुति सोमवार को जगजीवन कॉलेज के सभागार में की गई। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। संस्था की संरक्षिका स्व. नंदनी सिन्हा की स्मृति में आयोजिय कार्यक्रम का मंच संचालन ओ पी कश्यप और मंगलेश तिवारी ने किया।

प्राचार्य प्रभाकर लाल बच्चों को सम्मानित करते हुए

इस अवसर पर जगजीवन कॉलेज के प्राचार्य जवाहर लाल ने कहा कि कॉलेज में पहली बार ऐसा कार्यक्रम हुआ है। मैं चाहता हूं कि कॉलेज और अभिनय एक्ट के एक्टर दोनों ही मिलकर एक प्रस्तुति करें। उन्होंने कहा कि नाटक जीवन को सिखाता है। नाटक वर्तमान समस्याओं से जुड़ा हुआ रहता है। पीछे बीती हुई बातों को नाटक के द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। उन्होंने कहा कि बच्चों ने कोरोना का दृश्य प्रस्तुत किया गया है जो हकीकत में मजदूरों का पलायन का दर्द समेटे हुए था।उन्होंने अपने जीवन काल को याद करते हुए प्राचार्य ने कहा कि मैं भी नाटक किया करता था। मैं जब छोटा था, सांस्कृतिक कार्यक्रम में रुचि रखता था। मैं जब बहुत छोटा था तो, मैं राजा हरिशचंद के बेटे का अभिनय करता था। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग आएं और अपना नाम रोशन करें।

कार्यक्रम का उद्घाटन करते प्राचार्य और अन्य अतिथि

कार्यक्रम की शुरुआत वरिष्ठ संगीतकार और गायक सतीश मुन्ना ने दो गीतों की बेहतरीन प्रस्तुति की गई ।उनके चिट्ठी आई है गाने से उपस्थित लोगों की आंखे नम हो आई । कार्यशाला में बतौर कलाकार शिरकत कर रही खुशी गुप्ता ने एक राधा एक मीरा की गीतों को ऑडियंस के सामने प्रस्तुत किया जिसे लोगों ने बहुत पसंद किया। जब लोक गीतों की बारी आई तो नागेंद्र पांडेय ने अपने गीत से सबकी वाहवाही लूटी ।

डॉ संगीता गुप्ता को सम्मानित करते अतिथि

प्रसिद्ध कोरियोग्राफर बब्बू के निर्देशन में एक दिन में तैयार गणेश वंदना प्रस्तुत कर सभी का दिल जीत लिया।
20 दिवसीय अभिनय नाट्य कार्यशाला के समापन पर कार्यशाला में कई कहानियों को एक सूत्र में पिरो कर बच्चों ने प्रेमचंद लिखित नमक का दारोगा, भीष्म साहनी द्वारा लिखित शरीफन, लॉकडाउन की स्थिति पर अभिराम, अनिल सिंह पल्लवी ,आकांक्षा अदिति, ऋतु ,शुभम व अन्य बच्चों के द्वारा नाटक प्रस्तुत किया। इस नाटक में बच्चों अपनी बेहतरीन संवाद अदायगी से दर्शकों में रोमांच भर दिया । कार्यशाला में तैयार मनोशारीरिक शिल्प में नाटक में बच्चों के बाल गीत से नाटक की शुरुआत हुई ।उसके बाद बच्चों ने बड़ी सफाई से कई दृश्यों को सजीव बना दिया।लोगों को तिलती उड़ी, माई माई हंसुआ द गीत पर भी अच्छा दृश्य बनाया ।कोरोना काल में मजदूरों की के बीच लॉक डाउन और पैदल घर वापसी के दृश्य को बड़ी ही मार्मिक तरीके से जीवंत बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

उपस्थित दर्शकों ने कम समय में इस तरह की प्रस्तुति करने को खूब सराहा । बच्चों के इस नाट्य प्रदर्शन में शैलेन्द्र सच्चु,ओपी पांडेय ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। इस मौके पर विशिष्ठ अतिथि डॉ विजय गुप्ता ने कहा कि बच्चों में बहुत बढ़िया काम किया मुझसे जहां तक हो सकेगा बच्चों को हर सम्भव सहायता दूंगा वहीं डॉ संगीता गुप्ता ने कहा कि कोरोना काल के बाद बच्चों को अपनी प्रतिभाएं दिखाने का बढ़िया अवसर मिला और बच्चों ने दिल खोलकर काम किया।वरिष्ठ रंगकर्मी चंद्रभूषण पांडेय ने कहा कि बच्चों ने बहुत मेहनत किया है। 20 दिनों के वर्कशॉप में यह नाटक केवल आठ दिनों में ही पूरा किया है। जो बहुत ही सराहनीय है। कार्यशाला के निर्देशक रवींद्र भारती ने कहा की भोजपुर और आस पास के जिलों से आये कलाकारों ने सीखने की कुशाग्रता के साथ मंच पर अपनी अमिट छाप छोड़ी।डॉ विजय कुमार गुप्ता और डॉ संगीता गुप्ता को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया । लोक गायक नागेंद्र पांडेय ,वरिष्ठ संगीतकार सतीश मुन्ना ,प्रसिद्ध तबला वादक अंजनी कुमार वरिष्ठ रंगकर्मी अशोक मानव ,कोरियोग्राफर बब्बू को भी संस्था के अधिकारियों ने सम्मानित किया । इसके बाद उपस्थित अथितियों द्वारा सभी मौजूद कलाकारों को मोमेंटो और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। मोमेंटो का वितरण पंकज कुमार सूरज स्टील के सौजन्य से प्रतिभागियों को दिया गया। इस अवसर पर यूनिसेफ की कंसलटेंट मोनिषा दुबे ,संस्था के संरक्षक तारकेश्वर शरण सिन्हा, डॉ हीराजी राय , शैलेन्द्र सच्चु,ओपी पांडेय,कार्यशाला निर्देशक रविन्द्र भारती,सतीश मुन्ना ,अंजनी सिंह,अशोक मानव,समाजसेवी डॉ जितेंद्र शुक्ला मनोज श्रीवास्तव समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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