‘बाल मजदूरी है दंडनीय अपराध, बच्चों को भेजें स्कूल’

सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक लाभ से बढ़ेगा श्रमिकों का आत्मबल: प्रधान सचिव

श्रम-कल्याण दिवस का उद्देश्य श्रमिकों के सामाजिक जीवन की उन्नति




कारखाना निरिक्षणालय द्वारा 11 कारखानों के 105 कामगारों को किया गया सम्मानित

पटना, विश्वकर्मा पूजा के पूर्व संध्या पर दशरथ मांझी, श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान, पटना में श्रम कल्याण दिवस का शुभारंभ मंत्री श्रम संसाधान विभाग, सुरेन्द्र राम, बिहार राज्य बाल श्रमिक आयोग के अध्यक्ष, डॉ. चक्रपाणि हिंमाशु  एवं प्रधान सचिव डॉ. बी. राजेन्दर ने किया . उक्त अवसर पर विशेष सचिव, राजीव रंजन, अलोक कुमार, निदेशक नियोजन एवं प्रशिक्षण, श्याम बिहारी मीणा, संयुक्त श्रमायुक्त, अरविंद कुमार, मुख्य कारखाना निरीक्षक, संजय कुमार पाल, उप श्रमायुक्त, विजय कुमार के साथ विभाग के वरीय पदाधिकारी एवं राज्य के विभिन्न कारखाना प्रबंधक, श्रमिक और असंगठित क्षेत्र के कामगार उपस्थित रहे. इस अवसर पर मंत्री ने राज्य के श्रमिकों को श्रम कल्याण दिवस की शुभकामना देते हुए कहा कि सरकार द्वारा बाल श्रम उन्मूलन, न्यूनतम मजदूरी, बंधुआ मजदूरी व अंतरराज्यीय प्रवासी कर्मकार हेतु विभाग के द्वारा योजनायें संचालित की जा रही हैं. बिहार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा असंगठित क्षेत्र के कामगारों को लाभ दिया जा रहा है. 

मंत्री सुरेंद्र राम ने कहा कि जब जब दुनिया पर संकट आया है, उस वक्त श्रमिक लोग सबसे आगे रहकर दुनिया को संकट से निकालते हैं. आपदा के समय में हमारे श्रमिक बढ़ चढ़ कर भाग लेते है, दशरथ मांझी जी याद करते हुए कहा कि अगर मजदुर चाह ले तो पहाड़ को चीर कर रास्ता बना देते हैं. श्रमिकों के लिए पारदर्शी तरीके से सरकार योजनाएं चली रही हैं, ऑनलाइन माध्यम से बिचौलिया को खात्मा कर दिया गया है. मंत्री ने कहा विभाग के द्वारा श्रमिकों को प्रशिक्षण देकर उन्हें दक्ष बनाया जा रहा है. सभी श्रमिक भाइयों से निवेदन है कि श्रम विभाग से जुड़कर सभी योजनाओं को लाभ लें, उन्होंने कहा प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार बिहार को विशेष राज्य दिलाने की लड़ाई लड़ रहे हैं.

प्रधानमंत्री से आग्रह है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दे, जिसे श्रमिकों को बिहार में रोजगार दिया जा सकें. बिहार राज्य बाल श्रमिक आयोग के अध्यक्ष डॉ. चक्रपाणि हिमांशु ने कहा है कि श्रमिक हमारे भविष्य हैं, श्रमिक के बगैर राष्ट्र की कल्पना नहीं की जा सकती है. श्रम विभाग श्रमिकों को कल्याण करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं. श्रम संसाधन के सभी लाभकारी योजनाओं का लाभ श्रमिकों को मिले इसके लिए हम सभी को मिशन मोड में काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार बाल श्रम के खात्मे के लिए प्रतिबद्धित हैं. मौके पर विभाग के सचिव डॉ. बी. राजेन्दर ने श्रम कल्याण दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि श्रमिक कल्याण का अर्थ – नियोक्ता द्वारा अपने स्वयं के उद्योगों में रोजगार की बेहतर स्थिति प्रदान करने के लिए किया गया स्वैच्छिक प्रयास है. इसका मुख्य उद्देश्य श्रमिकों के जीवन स्तर में सुधार करना है, जिसका उनके मनोविज्ञान पर प्रभाव पड़ता है और उनके उत्पादक क्षमता में वृद्धि होती है. श्रमिक कल्याण, श्रमिकों की शारीरिक, मानसिक और नैतिक स्थितियों में सुधार करता है.

उन्होंने कहा कि जब श्रमिक के पास पूरी सुविधाएं होंगी, तो वह चिंताओं से मुक्त होगा और इसलिए पूरे प्रयासों और रुचि के साथ कारखाने में काम करेगा. श्रमिकों को ये सुविधाएं प्रदान करने से दक्षता में वृद्धि के साथ विश्वास पैदा होता है और वे पहले से अधिक क्षमता व रुचि से काम करते हैं. बीमा सुविधा और अच्छी कामकाजी परिस्थितियाँ सुरक्षा का वातावरण बनाती हैं और श्रमिक के मन से असुरक्षा की भावना दूर होती है. अगर हम सब मिलकर उनके हितार्थ केंद्र और राज्य सरकार द्वारा सभी संचालित योजनाओं से जोड़कर उन्हें सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक लाभ पहुचाएंगे तो निश्चित रूप से उनका आत्मबल बढेगा और वे पूरी तरह से अपना श्रम देकर प्रदेश और देश के विकास में सहभागी बनेंगे. कार्यक्रम के पूर्व माननीय मंत्री और प्रधान सचिव महोदय के द्वारा कटहल और शरीफा का पौधा भी लगाया गया. कार्यक्रम के दौरान  कारखाना निरिक्षणालय, बिहार द्वारा 11 कारखाना प्रबंधकों के उत्कृष्ट कार्य करने वाले 105 कामगारों को माननीय मंत्री, प्रधान सचिव और विशिष्ट अतिथियों द्वारा सम्मानित  किया गया. साथ ही बिहार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के तहत लाभार्थियों को अनुदान वितरित किया गया. धन्यवाद ज्ञापन सहायक श्रमायुक्त राजेश कुमार ने और मंच संचालन शिशिर भारती के द्वारा किया गया.

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By pnc

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