छः दिनों के बाद BEd छात्रों का टूटा अनशन, विवि ने मानी सभी शर्ते
वार्तालाप में चला कहानियों का दौर, तीरों की तरह चुभते रहे छात्रों के सवाल
छः दिनों तक डटे रहे 15 अनशनकारी छात्र, आधे से अधिक की बिगड़ी थी हालत
6ठे दिन जुटे 3 विधायक और 1 केंद्रीय मंत्री
BEd में नामांकन को लेकर छात्र राजद और AISA द्वारा जारी आमरण अनशन,छठे दिन नाटकीय वार्तालाप के बाद समाप्त हुआ. बताते चलें B.ed में नामांकन शुल्क वृद्धि को लेकर छात्र संगठन ने आपति जताई थी और 15 छात्रों ने इस फीस वृद्धि वापस को ले आमरण अनशन किया था,जिसके समर्थन में एक के बाद एक सभी संगठन सामने आ गए और विश्वविद्यालय की खटिया खड़ी कर दी. छात्रों के घोर विरोध और आंदोलन के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन की नींद नहीं खुली.
विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों से वार्तालाप कर बेतहाशा बढ़ाए गये फीस वृद्धि को कम करने की बजाय अपने अड़ियल मिजाज पर कायम रहा. विश्वविद्यालय के इस रवैए पर छात्रों का गुस्सा बढ़ता गया और अनशन का कार्यक्रम एक के बाद दूसरे और तीसरे दिन तक लगातार चलता रहा. तीसरे दिन जब 5 छात्रों की हालत बिगड़ी तो छात्रों की नाराजगी और भी बढ़ गई. चौथे दिन छात्रों ने विश्वविद्यालय कैंपस के अंदर पुतला दहन के साथ-साथ प्रशासनिक भवन में ताला बंदी कर सबको अंदर ही बन्द कर दिया. चौथे दिन पुनः 8 छात्रों की हालत बिगड़ गई जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. इधर विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर डॉ अनवर इमाम ने यह कहा कि अगर रविवार तक छात्रों ने अनशन नहीं तोड़ा उनपर पुलिसिया करवाई की आएगी. इस बीच रजिस्ट्रार, प्रॉक्टर और प्रभारी VC ने छात्रों का अनशन तुड़वाने के लिए हर हथकंडे आपनाये, लेकिन इनकी दाल नहीं गल पाई. छात्र नेताओं की मानें तो रात में प्रॉक्टर अनवर इमाम ने आंदोलनरत छात्रों से आंदोलन समाप्त करने के एवज में उन्हें और उनके साथियों का नामांकन करने तक की लुभावन पेशकश की.
छात्रों के आंदोलन को देख रहे भोजपुर के लोगों और छात्रों के साथ छठे दिन 3 वर्तमान तीन विधायकों और एक पूर्व केंद्रीय मंत्री का साथ मिला. तरारी विधायक सुदामा प्रसाद, जगदीशपुर विधायक राम विशुन लोहिया और सन्देश विधायक अरुण यादव सहित राजद की पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति सिंह अनशन कर रहे छात्रों के साथ आ डटे. इसके बाद मजबूरी में प्रभारी VC को वार्ता लिए आना पड़ा और और लगभग 5 घंटे की मशक्कत के बाद आखिरकार छात्रों की 4 सूत्री मांगों को विवि को मानना पड़ा. जिसके बाद अनशनकारियों का अनशन समाप्त हुआ.
तो क्या VC को जेल जाने से लगता है डर?
VC ने पूछा-“तो क्या जेल जाऊं? छात्रों ने कहा-“हाँ”
छ: दिनों से जारी अनशनकारियों के दल और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच वार्तालाप कर लंबा दौर चला जो काफी नाटकीय रहा. छात्र नेताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले aisa नेता मनोज मंजिल ने विश्वविद्यालय प्रशासन से बड़े विनम्र और सहज तरीके से सवालों पर सवाल दागा जिसका उत्तर देने में विश्वविद्यालय प्रशासन की पसीने छूट गए. विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से प्रभारी VC ने हर सवाल का जवाब एक कहानी सुना कर दिया. हर बार VC ने यह साबित करने की कोशिश की, कि वे मजबूर है, क्योंकि उनके फैसले लेने में उच्चतम न्यायालय का आदेश बाधा बन रहा है. VC ने यहां तक कहा कि वह राजद के युवराज पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से भी मिलने गए थे जहां उन्हें तेजस्वी ने सलाह दिया कि छात्रों के लिए बीच का रास्ता ऐसा निकालें जिसमें कानून की किसी भी रेखा का उल्लंघन नहीं हो वरना लालू यादव की तरह उन्हें भी जेल जाना पड़ेगा. VC ने इस कहानी को छात्रों के बीच सुना कर छात्रों से सहानुभूति लेनी चाहिए. उन्होंने अपने अधिकार क्षेत्र में रहकर आफडेविड देकर नामांकन लेने की बात को बीच का रास्ता निकाला बताया और सहानुभूति लेने के लिए जब मौजूद सैकड़ों छात्रों के बीच यह पूछा कि “क्या आप सब चाहते हैं कि मैं जेल चला जाऊं,” तो छात्रों का भीड़ से समवेत जवाब आया- हां हां हां… इसके बाद तो उनकी बोलती बंद हो गयी.
वार्ता लाप के इस लंबे दौर में कई दफा गरमा-गर्मी का माहौल बनते बिगड़ते रहा. इसी दरमियान VC द्वारा बार-बार उंगली दिखाकर बात करने के लहजे को संदेश विधायक अरुण यादव ने गंभीरता से लिया और उन्हें उंगली नीचे कर बात करने की नसीहत देते हुए कहा कि आप बदतमीजी से नहीं बल्कि तमीज से पेश आएं और हमारे बारे में थोड़ा पता कर लीजिये तब शायद ढंग से आप बात करेंगे. विधायक के इस नसीहत के बाद प्रभारी VC शांत हो गये और छात्रों के सभी मांगों पर विचार करने को राजी हो गए. VC द्वारा उंगली दिखाने के इस प्रकरण के बारे में जब पूछा गया उन्होंने बताया बातचीत के दौरान ऐसी बातें हो जाती है साथ ही उन्होंने कहा कि वे विज्ञान के विद्यार्थी रहे हैं और अभी विज्ञान के शिक्षक. वे विधायक जी के इतिहास जानकर क्या करेंगे? इस मामले पर जब सन्देश विधायक अरुण यादव ने कहा कि उन्होंने VC को इस जानकारी के लिए कहा कि क्योंकि उनका गांव आंदोलकारियों के लिए जाना जाता है. उन्होंने कहा कि बातचीत के दौरान गरम-नरम होना पड़ता है.
जाप छात्र संगठन ने किया विवि में तोड़फोड़
छठे दिन जारी आंदोलन के बीच छात्रों ने किया तोड़फोड़
पांचवें दिन छात्रों की बिगड़ी हालत के बाद भी विश्वविद्यालय की जब नींद नहीं खुली तो छठे दिन सुबह से ही छात्रों का हुजूम विश्वविद्यालय कैंपस में जुटना शुरू हो गया. छात्र संगठन जाप के एक हुजूम द्वारा विश्व विद्यालय कैंपस में तोड़फोड़ किया गया और अर्धनग्न हो विवि कैम्पस में प्रदर्शन किया गया. एकतरफ विवि कैम्पस में अनशनकारियों का दल बैठा था दूसरी ओर जाप छात्र संगठन के अर्धनग्न अवस्था में आंदोलनकारियों का दल विश्वविद्यालय के खिलाफ मोर्चा खोले खड़ा था. विश्वविद्यालय के अड़ियल रवैया के कारण अनशन पर बैठे छात्रों की बिगड़ी हालात पर भी सोए हुए विश्वविद्यालय को जगाने के लिए छात्रों ने प्रशासनिक भवन के मुख्य गेट पर वहां रखे गमलों को तोड़ दिया और जमकर नारे लगाए विश्वविद्यालय में हुये इस तोड़फोड़ के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने तोड़फोड़ में शामिल छात्रों पर कार्रवाई की बात कही. इस मामले में नवादा थानाध्यक्ष सुबोध कुमार ने बताया कि अभीतक थाने मे कोई लिखित शिकायत नही मिली है. शिकायत आने पर न्यायोचित कार्रवाई की जाएगी.
आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट