बिहार में चल रही थी इंडिया को खत्म करने की मुहिम
15 हजार युवाओं को आतंकी ट्रेनिंग,12 जिलों में खोले थे दहशत के दफ्तर
गिरफ्तार आतंकियों ने किए सनसनीखेज खुलासे
पटना के फुलवारी शरीफ में रची गई आतंकी साजिश की परतें एक-एक कर रही हैं. और अब इस घटना की जांच के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने केंद्र सरकार से जांच करने की मांग है क्योंकि पूछताछ व जांच में पता चला है कि आतंकी मरगूब ने आतंकी संगठन ‘गजवा-ए-हिंद’ के स्लीपर सेल बना रखे थे. 2023 में देश के खिलाफ जिहाद की साजिश रची गई थी. बिहार के 12 जिलों में पी आईएफ द्वारा दफ्तर खोल वहां शारीरिक शिक्षा देने के नाम पर भटके हुए युवाओं को आतंक की ट्रेनिंग दी जा रही थी. पता चला है कि इन ठकानों पर अभी तक 15 हजार युवकों को प्रशिक्षण दिया गया है . देश विरोधी गतिविधियों की इस बड़ी साजिश की जांच अब एनआइए व प्रवर्तन निदेशालय आदेश मिलने पर कर सकते हैं.
फुलवारीशरीफ से प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और राजनीतिक संगठन सोशल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ इंडिया के दो सक्रिय सदस्यों अतहर परवेज और जलालुद्दीन को गिरफ्तार किया गया था. वे फुलवारीशरीफ में शारीरिक प्रशिक्षण की आड़ में आतंकी प्रशिक्षण देते तथा भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश से संलग्न पाए गए. इसके बाद पुलिस जांच में उनका आतंक का प्लान डिकोड होता चला गया. इस मामले में 26 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. आरोपियों में से पांच को गिरफ्तार किया जा चुका है. उनसे मिली जानकारियों के आधार पर जांच चल रही है। मिली जानकारी के अनुसार अतहर एवं अरमान ने पूछताछ में केरल और कर्नाटक से आने वाले आतंक के प्रशिक्षकों के नाम उजागर किए हैं। उन्होंने पीएफआई की आड़ में दो अन्य विंग और सिमी के पूर्व सदस्यों को संगठन में जोड़ने का उद्देश्य भी पुलिस को बताए हैं।
पूछताछ व जांच में हुए खुलासों पर विश्वास करें तो पटना सहित पूरे बिहार में आतंकियों के स्लीपर सेल बन चुके हैं। पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार आतंकी मरगूब ने बताया कि आतंकी संगठन ‘गजवा-ए-हिंद’ के बैनर तले 2023 में देश के खिलाफ जिहाद की साजिश रची गई थी। इसके लिए पूर्णिया को मुख्यालय बनाकर 12 जिलों में पीएफआई ने दफ्तर खोले। वहां शारीरिक शिक्षा देने के नाम पर समुदाय विशेष के युवकों को आतंक की ट्रेनिंग दी जा रही थी। सनसनीखेज खुलासा तो यह है कि अभी तक 15 हजार युवाओं को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। अब आतंक की ट्रेनिंग पाए इन युवकों के स्लीपर सेल की शिनाख्त बड़ी चुनौती है।
आतंकी संगठन गजवा-ए-हिन्द से जुड़े रहे मरगूब के इंटरनेट मीडिया पर ‘इंडिया खत्म हो जाएगा’ मुहिम का हिस्सा था। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ भी उसे प्रश्रय दे रही थी। वह ‘गजवा-ए-हिंद’ वाट्सऐप ग्रुप बनाकर पाकिस्तान के कई लोगों को ग्रुप से जोड़ चुका था। वॉट्सऐप और मैसेंजर के जरिए पाकिस्तान और बांग्लादेश में बात भी करता था।उसके पास मिले मोबाइल से मशकूर नामक एक पाकिस्तानी का नंबर मिला है, जिसने चैटिंग में खुद को आईएसआई का एजेंट बताया है।
अजीत