CBSE..कन्फ्यूजन बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन….
कैसे पटना से चतरा तक पहुंचा लीक प्रश्रपत्र का खेल
सीबीएसई पेपर लीक मामले में चतरा पुलिस ने एसआइटी का गठन कर जाँच की कार्रवाई लगभग पूरी कर ली है. कुल 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमे पटना से दो लोगों की गिरफ्तारी हुई है. मूल सूत्रधार बिहार गया जिले के बाराचट्टी थाना क्षेत्र का रहने वाला है,जो पटना मे रहकर 12 वीं की पढ़ाई कर रहा था. गिरफ्तार लोगो मे दो चतरा स्टडी विजन कोचिंग के संचालक सतीश पाण्डेय और पंकज सिंह है. इस सिलसिले मे छह छात्रो से पूछताछ करने के बाद चतरा सदर थाने की पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करते हुये हजारीबाग रिमांड होम बाल बंदी सुधार गृह भेज दिया है. इसमे चार नामजद और दो गैर प्राथमिकी अभियुक्त है. सभी छह छात्रो ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है. शेष दो आरोपी स्टडी विजन कोचिंग के संचालक सतीश पाण्डेय और पंकज सिंह को समेत अन्य को संभवतः आज जेल भेजा जायेगा. जिन छात्रों को हजारीबाग बाल बंदी सुधार गृह भेजा गया है,उनमे तीन डीएवी और एक नाजरथ विद्या निकेतन चतरा के छात्र है. इनके पास से पेपर लीक से जुड़े चिट और मोबाइल मिले थे. जवाहर नवोदय विद्यालय मे इनका सेंटर पड़ा था. नवोदय विद्यालय के प्राचार्य के बयान पर सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. चतरा मे संचालित स्टडी विजन नामक एक कोचिंग सेंटर मे हल हुए थे पेपर लीक के सारे सवाल. गणित का पेपर लीक होने के बाद उसके सारा उत्तर शहर के एक कोचिंग सेंटर में हल कराये गए थे. कोचिंग के संचालक सतीश पाण्डेय और पंकज सिंह दोनो ने मिलकर ही सारे प्रश्नों का उत्तर स्वयं तैयार करवाया था. दरअसल जो परीक्षार्थी पेपर लेकर आया था, वह उस कोचिंग सेंटर में पढ़ाई कर परीक्षा की तैयारी किया था. डीएवी का यह परीक्षार्थी कोचिंग के संचालक को अंधेरे मे रखा. कहा कि उसने स्वयं प्रश्नों का एक मॉडल तैयार किया है. इन प्रश्न को हल कर दीजिये। फिर क्या था कोचिंग संचालक उन सभी प्रश्नों को हल करवा दिया. प्रश्न हल होते ही सोशल मीडिया के जरिये उसे कई स्थानो पर भेजा गया .
रिश्तेदारी के चक्कर में चतरा पहुंचा लीक प्रश्न पत्र. चतरा जैसे पिछड़े व उग्रवाद प्रभावित जिले में सीबीएसई दसवीं का लीक प्रश्न पत्र पहुंच जाना किसी आश्चर्य से कम नहीं. वास्तव मे इसका सूत्र रिश्तेदारी मे छुपा हुआ है. बाराचट्टी, गया का एक छात्र पटना मे रहकर बारहवीं की पढ़ाई कर रहा था. उसके साथ ही छपरा का एक अन्य छात्र रहकर नौवीं कक्षा की पढ़ाई कर रहा था. बाराचट्टी के छात्र का फुफेरा भाई चतरा मे सीबीएसई दसवीं की परीक्षा दे रहा था. पटना मे नौवीं के छात्र के फोन पर कहीं से लीक प्रश्नपत्र पहुंचा तो बारहवी के छात्र ने उसे अपने चचेरे भाई के पास चतरा वाट्सएप पर फारवर्ड कर दिया. प्रश्नपत्र मिलने के बाद डीएवी का वह छात्र अपने कोचिंग संचालक के पास पहुंचा और बताया कि उसने प्रश्नों का एक मॉडल तैयार किया है,उसका हल करा दे. कोचिंग संचालक ने प्रश्नों को हल करा दिया लेकिन उसे यह समझते देर नहीं लगा कि ये मूल प्रश्नपत्र ही है. उसके बाद उक्त छात्र ने कई अन्य साथियो को प्रश्न व हल वाट्सएप किया. वहीं कोचिंग संचालक इसकी जानकारी पुलिस को न दे इसका आर्थिक लाभ उठाने मे जुट गये. पेपर लीक का राज 28 मार्च को जवाहर नवोदय विद्यालय परीक्षा केंद्र पर खुला. उस दिन दसवीं गणित की परीक्षा थी. कुछ छात्र चीट के साथ परीक्षा देने पहुंचे, चार परीक्षार्थियों के पास से वीक्षक ने चीट पकड़ा था. चीट मे तैयार किया गया जवाब प्रश्न पत्र से हूबहू मिलता था. वीक्षक ने इसकी जानकारी प्राचार्य को दी. प्राचार्य डॉ. देवेश नारायण ने उन बच्चों को परीक्षा देने दिया और बाद में सभी को सर्च किया. सर्च करने पर एक परीक्षार्थी के पास से एनड्राइड मोबाइल मिला. मोबाइल के वाट्सएप को खोलने के बाद प्राचार्य का दिमाग सन रह गया.
साभार- अमिताभ ओझा