पटना (ब्यूरो रिपोर्ट) | नीतीश के खिलाफ सीबीआई जांच की खबर गलत साबित हुई. शनिवार को अचानक मीडिया के माध्यम एक खबर फैली. इस खबर में यह बताया गया कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित दो आईएएस अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई ने जांच के आदेश दिए हैं. यह आदेश इस केस को देख रही विशेष पोक्सो कोर्ट द्वारा सीबीआई को दिया गया.
बाद में यह मामला महज एक कन्फूजन निकला ( देखें ऊपर का वीडियो…… ……) जब केस में आरोपी के मुजफ्फरपुर कोर्ट के अधिवक्ता शरद सिन्हा ने इस मामले को विस्तार से बताया.
अधिवक्ता शरद सिन्हा के अनुसार विशेष पोक्सो कोर्ट इस तरह का आदेश जारी कर ही नहीं सकता है. बात दरअसल यह थी कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में गिरफ्तार आरोपी डॉ. अश्विनी ने अपने वकील के जरिए शेल्टर होम के संचालन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भूमिका की जांच के लिए अर्जी दाखिल की थी. अश्विनी ने आरोप लगाया कि मामले में सीबीआई तथ्यों को दबाने की कोशिश कर रही थी, जिसमें मुजफ्फरपुर के पूर्व डीएम धर्मेंद्र सिंह, वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अतुल कुमार सिंह समेत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भूमिका पर जांच होनी थी. गौरतलब है, नाबालिग लड़कियों को ड्रग्स का इंजेक्शन देने के आरोप में डॉ०अश्विनी को पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार किया गया था.