चार साल में सोलह लाख को मुंह का कैंसर,कहां है सरकार





मां के दूध में भी आर्सेनिक के मामले कैंसर का मुख्य कारण
आर्सेनिक युक्त जल पीने से हो है बिमारियां
बिहार में कैंसर की डरावनी रफ्तार
महिलाओं में स्तन और गर्भाशय के कैंसर का बढ़ा खतरा


बिहार में कैंसर की रफ्तार लगातार डराने वाली बनी हुई है. वर्ष 2018 से 2022 में मुंह के कैंसर का आंकड़ा डराने वाला है. इस दौरान 16 लाख से अधिक लोगों को माउथ कैंसर ने जकड़ा है. महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में खतरा साल दर साल बढ़ा है. हालांकि महिलाओं में भी कैंसर के मामले बढ़े हैं, इसमें स्तन और गर्भाश्य का कैंसर प्रमुख है. महावीर कैंसर संस्थान के साथ इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में मरीजों की संख्या में हर साल मरीजों की संख्या बढ़ रही है.


महावीर कैंसर संस्थान में हर साल मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है. इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में भी मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है. पटना के पारस हॉस्पिटल में कैंसर के मरीज बढ़े तो समय से लीवर का कैंसर डिटेक्ट करने के लिए लीवर क्लीनिक तक बना दिया गया. महावीर कैंसर संस्थान में हो रहे कैंसर को लेकर रिसर्च में पानी में आर्सेनिक के साथ मां के दूध में आर्सेनिक के मामले कैंसर का कारण बन रहे हैं. इसके साथ हवा में घुलता प्रदूषण का जहर भी लंग्स कैंसर का बड़ा कारण बन रहा है. कोरोना काल में संक्रमण से कमजोर हुए फेफड़े पर प्रदूषण के कारण कैंसर का खतरा बढ़ा है. गुटखा और खैनी के कारण कैंसर के मामले बढ़े हैं, सरकार ने पांबदी भी बढ़ाई लेकिन रोगियों की संख्या कम नहीं हुई.


बिहार सरकार कैंसर के मामलों को डिटेक्ट करने के लिए घर-घर स्क्रीनिंग करा रही है. इसके लिए आशा को लगाया गया है. कैंसर के प्रति जागरूकता के लिए 30 साल और उससे अधिक उम्र की के लोगों को कैंसर की स्क्रीनिंग कराने के लिए प्रेरित कर रही हैं. राज्य के 38 जिले में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर और उप स्वास्थ्य केंद्र पर नि:शुल्क जांच की सुविधा के साथ कैंसर के मरीजों की स्क्रीनिंग से पहचान और इलाज की व्यवस्था को आसान बनाया जा रहा है. कैंसर की मुफ्त स्क्रीनिंग सभी 38 जिलों में कराई जा रही है. आशा घर – घर जाकर 30 साल से अधिक आयु के पुरुषों और महिलाओं को कैंसर के प्रति जागरूक करने के साथ जांच कराई जा रही है.

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By pnc

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