अंजुमन इस्लामिया हॉल को 5064.36 लाख
त्रिवेणी नहर में विकसित किये गए बोट सफारी का उद्घाटन
बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के वाल्मीकि नगर में आयोजित साल 2021 की आखिरी कैबिनेट बैठक संपन्न हो गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 13 एजेंडों पर मुहर लगी है. इनमें शिक्षा, पशुपालन, उद्योग और पंचायती राज विभाग के फैसले अहम हैं. अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अंतर्गत बिहार राज्य वक्फ विकास योजना के अंतर्गत अंजुमन इस्लामिया हॉल, मुरादपुर, अशोक राज पथ, पटना वक्फ स्टेट संख्या-2146 के पुनर्निर्माण के लिए कार्यकारी एजेंसी बिहार राज्य भवन निगम लिमिटेड, पटना से प्राप्त पुनरीक्षित प्राक्कलन 5064.36 लाख रुपये (पचास करोड़ चौसठ लाख छत्तीस हजार रुपये) की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई. उद्योग विभाग के तहत विभिन्न योजनाओं की पूर्ति के लिए 446 करोड़ से भी अधिक की राशि सशर्त स्वीकृत की गई है.
- नगर विकास एवं आवास विभाग के अंतर्गत ” बिहार नगरपालिका नगर योजना ( टाउन प्लानिंग) पर्यवेक्षक संवर्ग (संशोधन) नियमावली 2021″ की स्वीकृति और दीघा घाट स्थित भूखंड पर भारतीय खाद्य निगम के क्षेत्रीय कार्यालय भवन और अन्य संरचना के निर्माण के लिए बिहार भवन उपविधि 2014 की कंडिका- 22 (1) के प्रावधानों को शिथिल करने की स्वीकृति प्रदान की गई है.
- पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के अंतर्गत चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में बिहार राज्य के लिए “प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना” के लिए केंद्र सरकार के केन्द्रांश 24.4590 करोड़ (चौबीस करोड़ पैंतालीस लाख नब्बे हजार) और राज्याश 16:3060 करोड़ (सोलह करोड़ तीस लाख साठ हजार) यानि कुल 407650 करोड़ (चालीस करोड़ छिहत्तर लाख पचास हजार) की लागत पर योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई.
- शिक्षा विभाग के अंतर्गत माध्यमिक विद्यालय विहीन पंचायतों में प्रथम चरण में माध्यमिक विद्यालयों से उत्क्रमित 677 उच्च माध्यमिक विद्यालय में वर्ग-11 और 12 के लिए जरूरी आधारभूत संरचना निर्माण के लिए कुल 82417.98 लाख (आठ अरब चौबीस करोड़ सत्रह लाख अनठान्वे हजार) रुपये मात्र की स्वीकृति और तत्काल 35000.00 लाख (तीन अरब पचास करोड़) रूपये की विमुक्ति और व्यय की स्वीकृति दी गई .
- पंचायती राज 2021-22 से 2025-26 तक 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा विभाग के तहत वित्तीय वर्ष के आलोक में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए भारत सरकार से प्राप्त होने वाली हेल्थ सेक्टर ग्रांट की कुल 48.02,88,00,000,00 (अड़तालीस अरब दो करोड़ अठासी लाख रुपये) मात्र की राशि का संलेख की कंडिका-4 के अनुरूप वितरण, अंतरण, व्यय और योजना का क्रियान्वयन किए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई. इन सभी के अतिरिक्त अन्य विभागों से जुड़े अहम फैसले लिए गए हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वाल्मीकिनगर (पश्चिमी चंपारण) में जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत पुरानी त्रिवेणी नहर में विकसित किये गए बोट सफारी का फीता काटकर लोकार्पण किया. पर्यटकों को बोट सफारी समर्पित करने के पश्चात् मुख्यमंत्री ने बोट सफारी के अंतर्गत नौकायान कर पुरानी त्रिवेणी नहर का मुआयना भी किया. मुख्यमंत्री ने पुरानी त्रिवेणी नहर (डेड कैनाल) के प्रारंभ एवं अंतिम छोर का स्थलीय निरीक्षण भी किया. इस दरम्यान मुख्यमंत्री ने डेड कैनाल के आखिरी छोर (एंड पॉइंट) को दोन कैनाल से जोड़ने का निर्देश दिया ताकि बोट सफारी हेतु डेड कैनाल में जलस्तर मेंटेन रहे. वही डेड कैनाल के प्रारंभिक छोर (स्टार्ट पॉइंट) को सड़क के नीचे से गंडक नदी से जोड़ दें ताकि पानी का फ्लो होता रहे.
मुख्यमंत्री ने वाल्मीकिनगर में गंडक नदी के तट पर प्रस्तावित वाल्मीकि सभागार के लिए चिन्हित भूमि का निरीक्षण किया. निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री ने वाल्मीकि सभागार के मास्टर प्लान, लोकेशन मैप, गेस्ट हाउस, फ्लोर प्लान का अवलोकन कर वाल्मीकि सभागार तक आवागमन हेतु लिंक पथ, पार्किंग, सिक्योरिटी बैरक, प्रवेश एवं निकास द्वार के संबंध में अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली. उन्होंने कहा कि यह स्थल महर्षि वाल्मीकि के नाम पर है, जिस प्रकार गया में भगवान बुद्ध के नाम पर महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र का निर्माण कराया गया है, ठीक उसी प्रकार यहां निर्मित होनेवाले 102 कमरों के सभागार का नामकरण वाल्मिकी सभागार किया गया है. इसके खुले हिस्से में वृक्षारोपण भी किया जाएगा.
मंत्रिपरिषद की बैठक में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के सभागार प्रांगण में स्वास्थ्य, जिला औद्योगिक नवप्रवर्तन योजना, स्टार्टअप ज़ोन, चनपटिया, जीविका, वाल्मीकि व्याघ्र आरक्ष आदि द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया. प्रदर्शनी अवलोकन के क्रम में मुख्यमंत्री ने सतत् जीविकोपार्जन योजना अंतर्गत जीविका समूहों के 1,506 लाभार्थियों को 2 करोड़ 40 लाख रुपये का सांकेतिक चेक प्रदान किया. उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक बेतिया क्षेत्र के सौजन्य से 4,500 जीविका स्वयं सहायता समूहों को वित्त पोषण हेतु मुख्यमंत्री द्वारा चेक सौंपा गया.
मुख्यमंत्री ने आज बाल्मीकि व्याघ्र परियोजना,जटाशंकर मंदिर एवं कौलेश्वर धाम मंदिर का दर्शन एवं परिक्रमा कर राज्य की सुख, शांति, समृद्धि के लिए ईश्वर से प्रार्थना की. कौलेश्वर धाम मंदिर के पास गंडक नदी रिवर फ्रंट का मुख्यमंत्री ने निरीक्षण कर उसके आस-पास के इलाकों को और अधिक विकसित एवं सौन्दर्यीकृत करने का निर्देश दिया. हमलोगों ने यहां ईको टूरिज्म की शुरुआत कराई है. ईको टूरिज्म को बढावा देने के लिये यह भी एक कदम है. यहां टूरिस्ट आयेंगे, उनके रहने के इंतजाम के साथ ही सारी व्यवस्थायें की जा रही है.
इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री संजय झा, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस, तिरहुत के प्रमंडलीय आयुक्त मिहिर कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि, बेतिया के जिलाधिकारी कुंदन कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, बगहा के पुलिस अधीक्षक किरण कुमार गोरख जाधव सहित अन्य वरीय अधिकारी एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.
निरीक्षण के पश्चात् पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गंडक नदी के जिस प्वाइंट पर त्रिवेणी नहर निकलती है और जहां इसका इण्ड प्वाइंट है वहां भी जाएंगे. 50 वर्ष पहले से इसका इरिगेशन के लिये उपयोग होता था, बाद में यह बंद हो गया. अधिक वर्षापात के कारण इसमें पानी रहता है, इसे देखते हुए इसकी शुरुआत कराई गयी है, यह ठीक है. पर्यटक भी इसका लाभ उठायेंगे विभिन्न जगहों से आकर लोग यहां रूक सकते हैं, किसी प्रकार की मीटिंग कर सकते हैं. परिवारवाले लोग भी यहां आयेंगे. अभी भी टूरिस्ट के रूकने के लिये यहां इंतजाम है. कुछ लोग यहां घूमने आयेंगे और चले जायेंगे, कुछ लोग रूकेंगे भी, सभी लोगों के लिये सारी व्यवस्थाएं की जा रही हैं. ईको टूरिज्म से रोजगार भी बढ़ेगा.
PNCDESK #biharkikhabarमांझी मानसिक दिवालियापन के शिकार : ब्राह्मण महासभा