25 दिनों से सऊदी अरब की जेल में बंद हैं बक्सर के दो सगे भाई
विदेश मंत्रालय को लिखे खत का नहीं मिला जवाब, परिजन परेशान
लम्हों ने खता की, सजा सदियों ने पायी है. ये पंक्तियां चंद रुपये कमाने के लालच में बक्सर के उन दो सगे भाईयों पर सटीक बैठती हैं. जो सऊदी अरब के दमाम शहर में फंस गए हैं. युवकों को कंपनी की बेरूखी ने गहरे संकट में डाल दिया है. उन्हें न समय से खाना मिल रहा है न वतन वापसी के लिए पैसे का भुगतान किया जा रहा है. इन्हें सात माह से वेतन नहीं मिल रहा है. वहां से भारत आने नहीं दिया जा रहा है. इसकी शिकायत दोनों ने सऊदी अरब के दूतावास से की है. परिजनों ने बताया कि दोनों भाई 3 साल पहले सऊदी के दमाम जिले के सफारी नामक कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम करने गए थे. दोनों युवक धनसोई थाने के कथराई गांव निवासी हैं. जिनका नाम भाई धर्मेंद्र सिंह व नरेंद्र सिंह है. कंपनी से कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद वे भारत वापस आना चाहते थे. लेकिन, कंपनी ने झूठे आरोप में फंसाकर उन्हें जेल भिजवा दिया है.
जेल में हैं दर्जनभर और युवक
धर्मेन्द्र व नरेन्द्र के छोटे भाई उपेंद्र ने बताया कि भारतीय दूतावास को दिसंबर माह में लिख कर दिया था. दूतावास से भी कोई आश्वासन इन लोगों को नहीं मिला है. इस मामले में विदेश मंत्रालय से लेकर बिहार के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है. जेल में बंद युवकों ने वहां से भेजे गये संदेश में कहा है कि उन लोगों के साथ कुछ युवक दिल्ली के भी हैं. सभी युवक करीब दो वर्षों से यहां विभिन्न निजी कंपनियों में काम कर रहे थे. युवकों ने परिजनों ने बताया कि वहां रह रहे लोगों की स्थिति ठीक नहीं है. खाने को पैसे भी नहीं हैं, जैसे तैसे काम चल रहा है.
मंत्री व सांसद से भी लगायी गुहार
धनसोई थाना क्षेत्र अंतर्गत कथराई निवासी दो भाई धर्मेंद्र सिंह तथा नरेंद्र सिंह तीन साल पहले एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम करने सऊदी अरब गए थे. वे वहां पिछले 25 दिनों से जेल में बंद हैं. दोनों की रिहाई के लिए तीसरा भाई उपेंद्र मदद की गुहार लगा रहा है. उपेंद्र ने बताया कि बक्सर के सांसद अश्विनी चौबे, केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा व एससी व एसटी कल्याण मंत्री संतोष निराला से भी गुहार लगायी है. लेकिन, रिहाई नहीं होने से परिजनों की चिंता बढ़ने लगी है. परिजन दोनों के सुरक्षित वापसी की प्रार्थना कर रहे हैं.
पत्नी व बच्चों का रो-रोकर हाल बुरा
सऊदी की जेल में बंद दोनो भाई शादी-शुदा हैं. उनके बच्चे भी घर लौटने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. धर्मेन्द्र की पत्नी सुनीता देवी बच्चियां आंचल व ब्यूटी का रो-रो कर हाल बुरा है. नरेन्द्र की पत्नी शोभा देवी अपनी बच्ची पायल के साथ मायके चली गयी हैं. बेटों की वतन वापसी के इंतेजार में बूढ़े पिता दूरनेश्वर सिंह व मां की आंखों के आंसू सुख चुके हैं. उन्होंने बताया कि गाजीपुर के दुल्लहपुर निवासी धनंजय नामक एजेंट के माध्यम से वे सऊदी गए थे. इसके लिए दोनों ने एक लाख 40 हजार रुपये भी दिए थे.
रिपोर्ट- बक्सर से ऋतुराज