महासम्मेलन में सैकड़ों की संख्या में जुटे शिक्षक, नयी नियमावली और विसंगतियों को लेकर तय हुई आगे की रणनीति
पटना।। बिहार में नई विद्यालय अध्यापक नियमावली के विरोध में राज्य भर के शिक्षकों का जुटान पटना के आईएमए हॉल में हुआ. बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले हुए इस महासम्मेलन में कई विधायकों के साथ सैकड़ों की संख्या में शिक्षक मौजूद थे. महासम्मेलन में पहुंचे शिक्षकों ने नई विद्यालय अध्यापक नियमावली के प्रति नाराजगी जताई और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.
महासम्मेलन में संदीप सौरभ और महबूब आलम समेत कई विधायकों ने विभाग लिया. पालीगंज विधायक संदीप सौरभ ने कहा सरकार इस नयी नियमावली से क्या हासिल करना चाहती है, यह साफ नहीं हो रहा है.
विधायक ने कहा कि एसी में बैठे हुए चंद अधिकारियों से सरकार ने पॉलिसी बनवा ली है जबकि हकीकत में क्या जरूरत है इससे उनका बहुत मतलब नहीं है. संदीप सौरभ ने कहा कि सरकार इस पर पुनर्विचार करे और बिना शर्त पुराने शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दे. नई बहाली जो लेनी है उसमें भले ही कुछ नयी बात हो सकती है.
आगे की रणनीति तय
संदीप सौरभ ने कहा कि आगामी 13 और 14 मई को राज्य के सभी विधायकों के पास शिक्षक अभ्यर्थी जाएंगे और उनको मेमोरेंडम सौंपेंगे और उन विधायकों से लिखित में लिया जाएगा कि उनका इस मेमोरेंडम पर क्या मंतव्य है. उसके बाद 20 से लेकर 31 मई तक बिहार के सभी जिलों में कन्वेंशन होगा. जिला स्तर पर शिक्षकों की मीटिंग होगी. जुलाई के पहले सप्ताह में राजधानी पटना में विधानसभा के बाहर घेरा डालो और डेरा डालो अभियान होगा. इसके बाद भी अगर सरकार नहीं सुनती है तब शिक्षक हड़ताल करेंगे.
वही विधायक महबूब आलम ने कहा कि साढ़े चार लाख नियोजित शिक्षक से अब तक सरकार काम ले रही है. अब उनके पास काफी अनुभव है, इसलिए हमारी मांग है कि इन शिक्षकों को नियमित शिक्षक का दर्जा दिया जाए. उन्होंने कहा कि कई ऐसे शिक्षक हैं जिनकी अवधि 3 से लेकर 5 साल तक की बच गई है और इस वक्त उन्हें बीपीएससी की परीक्षा देने की बात कही जा रही है. फिर रखने और नहीं रखने की बात होगी. इसलिए सरकार की ये नई नियमावली हमें स्वीकार नहीं है.
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