टॉपर घोटाले के बाद एक बार फिर देशभर में बिहार चर्चा में है. इस बार चर्चा के केन्द्र में है बिहार कर्मचारी चयन आयोग. ग्रुप सी (इंटर लेवल) बहाली परीक्षा के पहले फेज में ही भयानक गड़बड़ियां सामने आई हैं. पहले 29 जनवरी और उसके बाद फिर 5 फरवरी को परीक्षा से पहले ही सवालों के उत्तर मार्केट में आने की खबर ने बिहार की किरकिरी कर दी है. परीक्षा देकर निकले छात्रों ने इस बात की पुष्टि भी कर दी कि पहले से मार्केट में मिल रहे उत्तर बिल्कुल सही हैं और इसी के सवाल परीक्षा में पूछे गए थे
दरअसल टॉपर घोटाले के बाद बिहार की शिक्षा व्यवस्था की पूरे देश में जबरदस्त बदनामी हुई थी. इसके बाद सरकार ने कई कदम उठाए और कई लोगों को गिरफ्तार किया गया. BSEB में भी भारी फेरबदल हुआ. यहां ये बात दीगर है कि मैट्रिक की परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र बिहार के ही थे. लेकिन इस भारी भरकम बहाली परीक्षा (जिसमें साढ़े 13 हजार पदों पर नियुक्ति होनी है) में पूरे देश के 18.5 लाख छात्र शामिल हो रहे हैं. तो ये समझना मुश्किल नहीं कि इस तरह की परीक्षा से पूरे देश में बिहार कर्मचारी चयन आयोग की कितनी भद्द पिट रही है. ईमानदारी से परीक्षा में पास होकर नौकरी की आस लगाए लाखों छात्र आज रो रहे हैं. उनकी पीड़ा कौन सुनेगा.
इनसबके बावजूद छात्रों का गुस्सा तब और भड़क गया जब BSSC सचिव मीडिया और छात्रों को लगातार कहते रहे कि प्रश्नपत्र आउट होने और उत्तर पहले से मार्केट में बिकने की खबर अफवाह है. सोमवार को गुस्साए अभ्यर्थियों ने बिहार कर्मचारी चयन आयोग के बाहर जमकर हंगामा किया. आयोग का मेन गेट तोड़ दिया और BSSC सचिव परमेश्वर राम की जमकर पिटाई कर दी. इस दौरान कुछ छात्रों को भी चोट लगी है.
देखिए किस तरह छात्रों का गुस्सा सामने आया BSSC गेट पर.
गुस्साये छात्रों ने एक कर्मचारी की पिटाई भी कर दी.
छात्रों की मांग है कि आयोग को तुरंत परीक्षा कैंसिल करनी चाहिए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. आदम्य अदिति गुरुकुल के गुरू रहमान ने कहा कि पर्ची लीक मामले में जो भी संलिप्त हो चाहे कोई कोचिंग संचालक, कोई रसूखदार या बिहार कर्मचारी चयन आयोग का कोई अधिकारी, उसे कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. रहमान ने कहा कि गरीब, अनाथ, बेरोजगार और दिव्यांग छात्रों के साथ बेइमानी करना किसी भी तरह से देशद्रोह से कम नहीं है.
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