‘मूल्यांकन कार्य में बाधा डालने वालों पर होगी कार्रवाई’

By Amit Verma Apr 4, 2017

इंटर और मैट्रिक परीक्षा के कॉपियों की जांच को लेकर आखिरकार सरकार की नींद खुल गई है. बता दें कि वित्त रहित और नियोजित शिक्षक पिछले कई दिनों से शिक्षा सत्याग्रह आन्दोलन पर हैं. समान काम के लिए समान वेतन देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को बिहार में लागू करने की मांग को लेकर शिक्षकों ने मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार कर रखा है.  इसके कारण 15 मार्च से शुरू इंटर परीक्षा का मूल्यांकन और 1 अप्रैल से शुरू मैट्रिक परीक्षा का मूल्यांकन कार्य बुरी तरह प्रभावित हुआ है.




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मूल्यांकन ठप, सरकार बेफिक्र

कॉपियों के मूल्यांकन में देरी का सीधा असर दोनों परीक्षाओं के रिजल्ट पर पड़ेगा. रिजल्ट में देरी से छात्रों को कहीं भी एडमिशन लेने में परेशानी हो सकती है. इसे देखते हुए बिहार के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने बिहार के सभी डीएम, SSP और SP को निर्देश दिया है कि सभी मूल्यांकन केन्द्रों पर पर्याप्त संख्या में पुलिस की प्रतिनियुक्ति की जाए ताकि मूल्यांकन कार्य में लगे शिक्षकों को कोई परेशानी ना हो.

मुख्य सचिव के आदेश की मुख्य बातें-

  • मुख्य सचिव ने सभी DM, SSP/SP को लिखे अपने पत्र में कहा है कि इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा, 2017 के परीक्षाफल का प्रकाशन समय पर किया जाना एक अति संवेदनशील मामला है और इसमें किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न करने से न सिर्फ समिति, बल्कि हजारों परीक्षार्थियों के लिए गंभीर समस्या एवं अवांछनीय स्थिति उत्पन्न हो सकती है.
  • यदि किसी संघ अथवा शिक्षक द्वारा शांतिपूर्ण रूप से धरना का आयोजन किया जाता है अथवा मूल्यांकन कार्य से अनुपस्थित रह जाता है तो इससे अन्य शिक्षकों द्वारा किए जाने वाले मूल्यांकन कार्य में कोई समस्या उत्पन्न नहीं होनी चाहिए.
  • ऐसी स्थिति में वैसे शिक्षकों, जो किसी संघ से संबंधित नहीं हैं या जो मूल्यांकन कार्य करना चाहते हैं, उनसे उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन निश्चित रूप से कराया जाना चाहिए.
  • यदि किसी भी व्यक्ति या समूह द्वारा मूल्यांकन कार्य में व्यवधान डाला जाता है अथवा अन्य शिक्षकों को मूल्यांकन करने से रोका जाता है या गेट इत्यादि अवरूद्ध किया जाता है तो वैसी स्थिति में अविलंब उन व्यक्तियों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करते हुए उनके विरूद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए. साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाए कि ऐसे व्यक्तियों के कारण उन शिक्षकों के द्वारा मूल्यांकन करने में कोई व्यवधान उत्पन्न नहीं हो.

बता दें कि इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा, 2017 की कॉपियों का मूल्यांकन राज्य के 73 मूल्यांकन केन्द्रों पर हो रहा है. साथ ही, मैट्रिक परीक्षा, 2017 की कॉपियों का मूल्यांकन दिनांक 1 अप्रैल, 2017 से राज्य के 101 मूल्यांकन केन्द्रों पर हो रहा है.

इस मामले में शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आर के महाजन और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने राज्य के सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि मान्यता प्राप्त वित्त रहित माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षण संस्थानों के मूल्यांकन कार्य में प्रतिनियुक्त किए गए शिक्षकों का योगदान संबंधित मूल्यांकन केन्द्रोें पर कराएं. साथ ही  जो प्रतिनियुक्त शिक्षक मूल्यांकन कार्य नहीं करते हैं तो उनको राज्य सरकार से प्राप्त अनुदान की राशि रोकने के निर्देश दिए हैं.

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