बिहार बोर्ड का “जूता खौफ”

By om prakash pandey Feb 18, 2018

जूतों से डर रहा है बिहार माध्यमिक परीक्षा बोर्ड

पटना, 18 फरवरी. 21 फरवरी से राज्य भर में प्रारम्भ हो रही वार्षिक माध्यमिक परीक्षा में परीक्षार्थी इस बार जूते और मोजे पहनकर परीक्षा नही दे पाएंगे. जी हाँ चौकिये मत, पैरों में अभी से ही चप्पल पहनने की आदत डाल लीजिये क्योंकि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को जूतों का इतना डर सता रहा है कि उसने परीक्षा में सम्मिलित छात्र-छात्राओं को परीक्षा के दिन जूता और मोजा (Shoe & Socks) नहीं पहन कर आने का निर्देश जारी किया है. बोर्ड को विश्वास है कि जूते मोजे नही पहनने के बाद नकल के लिए चिट-पुर्जों पर लगाम लग सकेगा. परीक्षार्थियों को जूता और मोजा की जगह चप्पल (slipper) पहन कर आने का निर्देश निर्गत किया गया है.




परीक्षा में नकल से हुई प्रदेश की किरकिरी के बाद बिहार विद्यालय परीक्षा समिति तरह-तरह के हथकंडे आजमा रही है. कभी इंटर की परीक्षा में OMR शीट पर जवाब देने की तरकीब, तो देर से केंद्र पर आने से परहेज से नकल पर नकेल कसने के बाद अब बिहार विद्यालय समिति ने मैट्रिक में नकल पर लगाम लगाने के लिए जूते पहनकर आने पर ही लगाम लगा दिया है.

इस सम्बंध में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष, आनंद किशोर, ने आज बताया कि परीक्षा में जूता और मोजा नहीं पहनने सम्बंधित निर्देश बिहार राज्य में अयोजित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में दिया जाता रहा है, जिसे इस वर्ष से वार्षिक माध्यमिक परीक्षा में लागू करने का निर्णय लिया गया है. समिति इस सम्बन्ध में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी, केंद्राधीक्षक, परीक्षार्थी, अभिभावकों के लिए निर्देश जारी कर रही है.

वार्षिक माध्यमिक परीक्षा, 2018 का आयोजन राज्य के 1426 परीक्षा केंद्रों पर हो रही है, जो दो पालियों में दिनांक 21 से 28 फरवरी, 2018 के बीच चलेगी. इस साल इस परीक्षा में लगभग 17.70 लाख परीक्षार्थियों के भाग लेने की उम्मीद है. इस परीक्षा के लिए पटना जिला में कुल 74 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जिसपर दो पालियों में 82.50 हजार से भी अधिक परीक्षार्थी सम्मिलित होंगे.

देखना यह होगा कि बोर्ड के इस तुगलकी फरमान के बाद परीक्षा पर कितना असर पड़ता है.

पटना से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट

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