पटना।। बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तत्वावधान में राष्ट्रीय अंतर्देशीय नौवहन संस्थान में चलाए जा रहे ‘सुरक्षित तैराकी कार्यक्रम’ के 21वें बैच के पर्यवेक्षण और प्रशिक्षुओं का उत्साहवर्धन करने के लिए शुक्रवार को प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. उदय कांत और सदस्य पी. एन. राय, कौशल किशोर मिश्र, नरेंद्र सिंह, और प्रकाश कुमार ने प्रशिक्षण स्थल का दौरा किया.
प्राधिकरण द्वारा ‘सुरक्षित तैराकी’ कार्यक्रम के 21वें बैच (17-25 सितंबर) के अंतर्गत बेगूसराय जिले के बलिया, मटिहानी, साहेबपुर कमाल, और बछवारा प्रखंड के कुल 27 प्रशिक्षु 9 दिवसीय मास्टर ट्रेनर्स का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं. इस कार्यक्रम के तहत तैराकी न जानने वाले या तैराकी का अल्पज्ञान रखने वाले 6-18 वर्ष आयु वर्ग के बालक/बालिकाओं को तैराकी सिखाने और जीवनरक्षा कौशल विकसित करने हेतु “मास्टर ट्रेनर्स” के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है.
मास्टर ट्रेनर्स के प्रशिक्षण के लिए विभिन्न हितधारकों के सहयोग से तैयार किए गए प्रशिक्षण मॉड्यूल में तैराकी की विभिन्न तकनीकें, डूबते हुए व्यक्ति को बचाने के विभिन्न उपाय, जलवायु परिवर्तन, सर्पदंश प्रबंधन, प्राथमिक उपचार, सीपीआर, घरेलू संसाधनों से इम्प्रोवाइज्ड राफ्ट बनाने और उसके उपयोग की जानकारी दी जा रही है.
इस अवसर पर उपाध्यक्ष डॉ. उदय कांत ने कहा कि हमें प्रकृति से गहरा प्रेम करना चाहिए और जल हमारे जीवन का अनिवार्य हिस्सा है. इसलिए, जैसे नदियों में जल हमेशा प्रवाहित रहता है, वैसे ही आपको भी प्रवाहमान रहना चाहिए. उन्होंने प्रशिक्षण ले रहे सभी तैराकों से ‘बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय’ के सिद्धांत पर कार्य करने की अपील की और उन्हें यहाँ अर्जित ज्ञान के माध्यम से समाज की सहायता करने की प्रतिज्ञा दिलवाई. उन्होंने तैराकों को अपनी जिम्मेदारियों के प्रति सजग रहने का आह्वान किया और समाज में दूसरों की मदद करने का दायित्व सौंपा.
सदस्य पी. एन. राय ने प्रशिक्षणार्थियों से अपील की कि वे अपने क्षेत्रों में जाकर लोगों को सुरक्षित तैराकी के प्रति जागरूक करें. उन्होंने कहा, “आपकी जिम्मेदारी है कि डूबने जैसी घटनाओं में पहले स्वयं को सुरक्षित करें और फिर दूसरों को डूबने से बचाएं. आप स्कूलों, पंचायतों और स्थानीय संगठनों में जाकर जागरूकता फैलाएं. डूबने से बचाव के लिए यह आपकी प्रमुख जिम्मेदारी है.”
प्राधिकरण के सदस्य नरेंद्र सिंह ने कहा कि “आप जो प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, उसे गांव-गांव तक पहुंचाएं और लोगों को जागरूक करें. यह आपका दायित्व है कि समाज में डूबने की घटनाओं को कम करने में भागीदारी सुनिश्चित करें.”
कार्यक्रम का मंच संचालन प्राधिकरण के ‘सुरक्षित तैराकी’ कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. जीवन कुमार ने किया. इस अवसर पर कार्यक्रम में राष्ट्रीय अंतर्देशीय जलवाहन संस्थान के निदेशक और प्राचार्य सहित तैराकी प्रशिक्षक एवं प्राधिकरण के जनसम्पर्क पदाधिकारी उपस्थित रहे.
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