बीएसडीएवी में विजयादशमी पूर्व सांस्कृतिक आयोजन
आरा।
आज स्थानीय बी.एस.डीएवी.प.स्कूल में दशहरा अवकाश से पूर्व बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों
का आयोजन किया गया।
सुबह की प्रार्थना सभा के साथ हीं सांस्कृतिक कार्यक्रम आरंभ हुए । कार्यक्रम का शुभारंभ पूर्व प्राचार्य श्री दीपक कुमार और वर्तमान प्राचार्या श्रीमती नीशू जायसवाल द्वारा संयुक्त रूप से वैदिक मंत्रोच्चार व दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
हमारे पर्व-त्योहार ही है हमारी सांस्कृतिक पहचान : प्राचार्या डॉ नीशू जायसवाल
इस दौरान बच्चों को संबोधित करती हुई प्राचार्या श्रीमती जायसवाल ने विद्यालय परिवार की ओर से सभी बच्चों और उनके परिजनों को विजयादशमी की शुभकामनाएँ दी। उन्होंने कहा कि हमारे त्योहार हम भारतीयों की सांस्कृतिक पहचान हैं। हमें इनका महत्व समझना होगा। आधुनिकताओं व पाश्चात्य संस्कृति के हमलों से हमें अपनी संस्कृति को बचाना होगा। पूर्व प्राचार्य श्री दीपक कुमार ने सबको बधाई देते हुए कहा कि असत्य पर सत्य के विजय का प्रतीक यह त्योहार हमारे समाज व देश में बढ़ते अन्याय-अत्याचार जैसी बुराइयों का नाशक बने, यहीं मेरी कामना है।
दो सत्रों में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सबसे पहले कक्षा एल.के.जी. तथा यू.के.जी. के बच्चों ने रामायण आधारित स्वांग व झाँकियाँ प्रस्तुत की। इस अवसर पर छोटे-छोटे राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, हनुमान, केवट , वशिष्ठ आदि के साथ-साथ सीता और सबरी को देखना काफी सुखद लग रहा था। सभी भक्त जनों की ओर से आश्वी दूबे व सहेलियों ने मंच पर उपस्थित देव गणों की सप्रेम आरती की। छात्राओं ने ‘सुखी बसे संसार सब दुखिया रहे न कोय’ भजन गाकर सबके सुख-शांति की कामना की।
दूसरे सत्र में छठी से आठवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं द्वारा गरबा, डांडिया तथा कलश नृत्य प्रस्तुत किया गया। साक्षी, कृति तथा सौरवी की टोलियों ने अलग-अलग गीतों पर नृत्य प्रस्तुत कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर आठवीं कक्षा के छात्र तेजप्रताप अकेला (हिंदी में)तथा आर्य श्रीवास्तव(अंग्रेजी )ने भाषण भी दिये ।
कार्यक्रम का निर्देशन व संचालन संगीत शिक्षिका प्रभा सिन्हा ने किया और धन्यवाद ज्ञापन शिक्षक सुमन कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर विद्यालय के सभी शिक्षक-शिक्षिका व शिक्षकेत्तर कर्मी उपस्थित रहे। आनंदमय वातावरण में कार्यक्रम संपन्न हुआ।