पटना।। बिहार में बाढ़ का समय हो और सरकार की किरकिरी ना हो, ऐसा शायद संभव नहीं. कभी बांध टूटता है तो कभी चूहे बांध तोड़ देते हैं और अब लगातार पुल गिरने का सिलसिला सरकार के लिए मुसीबत का सबब बन गया है. राज्य में पिछले आधे महीने में करीब एक दर्जन पुल धराशाई हो गए. यह सिलसिला लगातार जारी है और पता नहीं आने वाले समय में किस पुल का नंबर आ जाए. विपक्ष सरकार पर हमलावर है. पुलों की स्थिति देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुल निर्माण से जुड़े विभागों की बैठक बुलाई और अब संबंधित विभाग के अधिकारी प्रेस के सामने पुल गिरने के मामले में कार्रवाई की रिपोर्ट पेश कर रहे हैं.
विकास आयुक्त चैतन्य प्रसाद और ग्रामीण कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों अधिकारियों ने बताया कि लापरवाही के चलते कई इंजीनियर्स को सस्पेंड कर दिया गया है जिसमें जल संसाधन विभाग के 11 और ग्रामीण कार्य विभाग के 4 इंजीनियर शामिल हैं. साथ ही दो से स्पष्टीकरण मांगा गया है.
चैतन्य प्रसाद ने बताया कि 9 पुल-पुलिया ध्वस्त हुए हैं. 6 पुराने और 3 निर्माणाधीन थे. उन्होंने बताया कि मार्च 2025 तक गंडक नदी उड़ाही (गाद साफ करना) पूरा करना था. उड़ाही के दौरान पुल के नजदीक मिट्टी हटा दी गई। 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट मांगी गई थी. चैतन्य प्रसाद ने कहा कि मातेश्वरी कंस्ट्रक्शन नदी उड़ाही में लगी हुई थी. इस कंपनी को आगे काम नहीं दिया जाएगा. ब्लैक लिस्टेड से आगे की कार्रवाई होगी. अब नए पुल का निर्माण कार्य पुल निर्माण निगम कराएगा.
ग्रामीण कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि ग्रामीण कार्य विभाग से बन रहे तीन पुल गिरे हैं. 18 जून को अररिया में बकरा नदी पर निर्माणाधीन पुल पिलर धंसने की वजह से गिर गया. यह पुल प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से बना था. उन्होंने बताया कि विभाग ने 6 इंजीनियर पर कार्रवाई की है. 4 सस्पेंड किए गये जबकि 2 पहले से सस्पेंड हैं. ठेकेदार को आगे काम नहीं दिया जाएगा. भुगतान पर रोक लगा दी गई है. डीपीआर बनाने वाली कंसलटेंट को भी आगे काम नहीं दिया जाएगा.
ग्रामीण कार्य का दूसरा निर्माणधीन पुल पूर्वी चंपारण में 23 जून को गिरा. अपर मुख्य सचिव ने बताया कि ठेकेदार ने एफआईआर दर्ज कराई है. विभाग ने संबंधित इंजीनियर को शो-कॉज किया है. पूछा गया है कि आखिर 15 जून के बाद ढलाई क्यों की गई। यह पुल 1.6 करोड़ रुपए से बनना है। अभी तक भुगतान नहीं किया गया है. दीपक कुमार सिंह ने ग्रामीण कार्य के तीसरे पुल के बारे में बताया कि 26 जून को मधुबनी जिले में भूतही नदी पर पुल का गार्डर गिर गया था. असिस्टेंट इंजीनियर ने ठेकेदार को ढलाई करने से रोका था. फिर भी ठेकेदार ने काम किया. यह 3.21 करोड़ रुपए से बन रहा था. 1.61 करोड़ रुपए ठेकेदार को भुगतान किया गया था. इंजीनियर और ठेकेदार को शो-कॉज किया गया है.
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