व्‍यापार मेला में बिजनेस फोरम और व्‍यापार परिषद् का आयोजन

By pnc Oct 3, 2016

12-14 अक्‍टूबर को नई दिल्‍ली में

आर्थिक साझेदारी के लिए ब्रिक्‍स रणनीति को मिलेगा बढ़ावा




 बिजनेस फोरम और व्‍यापार परिषद का भी आयोजन

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ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका की उभरती हुई अर्थव्‍यवस्था का समूह- ब्रिक्‍स अपने गठन के एक दशक के बाद आज एक शक्तिशाली वैश्विक आर्थिक गुट के रूप में उभरा है. वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों तथा चुनौतियों से निपटने में ब्रिक्‍स एक गंभीर, प्रतिस्‍पर्धी और जिम्‍मेदार समूह बन गया है. अनिवार्य रूप से आपसी हित के आर्थिक मुद्दों से शुरू हुई ब्रिक्‍स की बैठकों का एजेंडा पिछले वर्षों में सामयिक वैश्विक मुद्दों तक बढ़ गया है. ब्रिक्‍स देशों के शीर्ष नेताओं के साथ ही वित्‍त, व्‍यापार, स्‍वास्‍थ्‍य, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, शिक्षा, कृषि, संचार, श्रम मंत्रियों की बैठकों के जरिए आपसी हित के मुद्दों पर विचार-विमर्श तथा कार्य समूह/वरिष्‍ठ अधिकारियों की बैठकों के माध्‍यम से विभिन्‍न क्षेत्रों में व्‍यावहारिक सहयोग- ब्रिक्‍स सहयोग के दो स्‍तंभ हैं.

समय के साथ व्‍यापार प्रवाह के मामले में ब्रिक्‍स देशों के संबंध विश्‍व के दूसरे देशों से बढ़े हैं. विश्‍व से ब्रिक्‍स देशों में वस्‍तुओं का आयात 2012 के 2.95 ट्रिलियन डॉलर से बढकर 2014 में 3.03 ट्रिलियन डॉलर हो गया. इसी प्रकार ब्रिक्‍स देशों से वस्‍तुओं का निर्यात 2012 के 3.2 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 2014 में 3.47 ट्रिलियन डॉलर हो गया. ब्रिक्‍स देशों के बीच भी व्‍यापार में बढोत्‍तरी हुई है. 2012 में अंतर-ब्रिक्‍स व्‍यापार 281.4 बिलियन डॉलर था, जो 2014 में बढ़कर 297 बिलियन डॉलर तक बढ़ गया. इस उत्‍साहवर्धक प्रवाह को और सुदृढ़ करने की आवश्‍यकता है, क्‍योंकि ब्रिक्‍स देशों के बीच व्‍यापार उनके कुल वैश्विक व्‍यापार के पांच प्रतिशत से कम है.

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कई आपसी हित होने के कारण ब्रिक्‍स अर्थव्‍यवस्‍थाएं एकजुट हुई हैं. इस समूह का प्रमुख एजेंडा वैश्विक शासन ढांचे में सुधार करना है, जिसका प्रभाव बदलते हुए वैश्विक परिदृश्‍य पर पड़ेगा, जहां उभरती हुई अर्थव्‍यवस्‍थओं की बड़ी भूमिका है. ब्रिक्‍स अर्थव्‍यवस्‍थाओं का अन्‍य एजेंडा बहुपक्षीय व्‍यापारिक पद्धति को स्थिर बनाए रखने के लिए अंतर्राष्‍ट्रीय समुदाय के साथ कार्य करना है.

ब्रिक्‍स के अंतर्गत सबसे महत्‍वपूर्ण प्रयास न्‍यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) का गठन है, जिसका उद्देश्‍य विकासशील और उभरती अर्थव्‍यवस्‍थाओं की आवश्‍यकताओं को पूरा करने के लिए वित्‍तीय सहायता प्रदान करना है.इन उद्देश्‍यों को हासिल करने के लिए ब्रिक्‍स राष्‍ट्र मिलकर कार्य कर रहे हैं, लेकिन अभी भी अंतर ब्रिक्‍स आर्थिक संबंध, व्‍यापार और निवेश संबंधों को बढ़ाने के लिए अधिक प्रयास करने की आवश्‍यकता है. नई दिल्‍ली में ब्रिक्‍स व्‍यापार मेला (12-14 अक्‍टूबर, 2016), ब्रिक्‍स बिजनेस फोरम (13 अक्‍टूबर, 2016) और ब्रिक्‍स व्‍यापार परिषद (14 अक्‍टूबर, 2016) के आयोजन से ब्रिक्‍स देशों को इस दिशा में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी.

गोवा में ब्रिक्‍स राजनीतिक शिखर सम्‍मेलन (15-16 अक्‍टूबर, 2016) के ठीक पहले, पहला ब्रिक्‍स व्‍यापार मेला और प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी. इस प्रमुख पहल का प्रस्‍ताव भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने पिछले साल उफा, रूस में ब्रिक्‍स व्‍यापार परिषद के सदस्‍यों को संबोधित करते हुए किया था. 2016 में ब्रिक्‍स के लिए महत्‍वपूर्ण विषय के अनुरूप व्‍यापार मेले का फोकस ‘ब्रिक्‍स का गठन-सहयोग के लिए नवाचार’ है. आशा है कि व्‍यापार मेले से अंतर ब्रिक्‍स आर्थिक संबंध और व्‍यापारिक समुदायों के बीच संपर्क बढ़ाने के लिये प्रोत्‍साहन मिलेगा.

  18067412_30320 महत्वपूर्ण क्षेत्र होंगे प्रदर्शित 

इनमें एयरो स्‍पेस, कृषि प्रसंस्‍करण, ऑटो और ऑटो उपकरणों, रसायनों, स्‍वच्‍छ ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा, स्वास्थ्य और औषधीय, रेलवे, कपड़ा तथा परिधान, बुनियादी ढांचा, सूचना प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग सामान, पर्यटन, रत्न एवं आभूषण और कौशल विकास शामिल है.ब्रिक्‍स व्‍यापार मेले से ब्रिक्‍स देशों को अपनी प्रौद्योगिकियों तथा औद्योगिक विकास में की गई प्रगति को प्रदर्शित करने का मंच मिलेगा. ब्रिक्‍स देशों की स्‍थापित कंपनियों के अलावा स्‍टार्ट अप और नई कंपनियों को भी अपनी क्षमता प्रदर्शित करने का मौका मिलेगा. इसका उद्देश्‍य स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल, शिक्षा, ऊर्जा दक्षता, अपशिष्‍ट प्रबंधन और शहरीकरण प्रबंधन जैसे क्षेत्रों की चुनौतियों से निपटने में ज्ञान और विशेषज्ञता साझा करने के लिए ब्रिक्‍स देशों के प्रौद्योगिकी प्रदात्‍ताओं की सहायता करना है.इसके अतिरिक्‍त व्‍यापार मेले में ब्रिक्‍स व्‍यापार प्रमुखों और कंपनियों के साथ बैठकें तथा विचार – विमर्श करने के लिए बिम्‍सटेक देशों (बांग्‍लादेश, भूटान, म्‍यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड) के नेताओं को भी आम‍ंत्रित किया गया है. यह दक्षिण-दक्षिण सहयोग को सुदृढ़ करने में सरकारों द्वारा किये जा रहे क्षेत्रीय प्रयासों का नया पहलू है.

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ब्रिक्‍स व्‍यापार मेले के अलावा 13 अक्‍टूबर, 2016 को ब्रिक्‍स बिजनेस फोरम आयोजित किया जाएगा. एक दिन के इस सम्‍मेलन में सभी ब्रिक्‍स देशों के 1000 से अधिक व्‍यापारिक प्रतिनिधिमंडल शामिल होंगे. भारत के उपराष्‍ट्रपति और सभी ब्रिक्‍स राष्‍ट्रों के व्‍यापार मंत्री ब्रिक्‍स बिजनेस फोरम में आर्थिक संबंधों पर अपने विचार साझा करेंगे. न्‍यू डेवलपमेंट बैंक के उपाध्‍यक्ष और वरिष्‍ठ टीम इस फोरम में ब्रिक्‍स देशों में सतत विकास परियोजनाओं को बढ़ावा देने के प्रयासों में निजी क्षेत्र के सहयोग के बारे में बताएंगे.इस दौरान विभिन्‍न कार्यक्रमों के जरिए आर्थिक साझेदारी के लिए ब्रिक्‍स रणनीति की कार्य योजना के बारे में कई सुझाव मिलने की उम्‍मीद है, जिन पर आगे कार्य किया जा सकता है.

 

फ़ाइल फोटो 

 

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