कविता
शीर्षक – आजादी का जश्न
आजादी का जश्न मनाएं।
घूम के नाचे झूम के गायें।
तोड़कर नफरत की दीवारें ।
सबको अपने गले लगाएं।
मान भी, शान भी, अभिमान भी। तिरंगे की खातिर कुर्बान जान भी कहीं किसी पल झुकने ना पाए तिरंगा
तीन रंगों में ही पलता हिंदुस्तान भी।
केसरिया रंग है वीर बहादुर का हरियाली है विश्वास की
सफेद रंग में लिपटा सत्य अहिंसा सरपट दौड़ता चक्र विकास का
आजादी का यही तो है संदेश
हर पल हर दम ऊंचा रहे देश
खेत खलिहान में ,खेल मैदान में शिक्षा में, विज्ञान में अव्वल हो देश
आओ यह संकल्प उठाएं। मिलकर हम भारत को सजाएं। आजादी के दीवानों को करें याद झूम झूम कर तिरंगा लहरायें
जय हिंद!
अलीना रशीद
कक्षा 4,क्लाउड 9 स्कूल, पटना सिटी