मैट्रिक की कॉपियों के मूल्यांकन को लेकर एक ओर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति शिक्षकों पर हर रोज ज्यादा से ज्यादा कड़ाई बरतने के निर्देश दे रहा है. BSEB ने तो अब मूल्यांकन कार्य समय पर पूरा करने के लिए प्राथमिक शिक्षकों को भी लगाने का निर्देश जारी कर दिया है. इधर बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ अपने सत्याग्रह के फैसले पर अड़ा हुआ है. बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ और वित्तरहित शिक्षकों ने साफ कर दिया है कि वे मूल्यांकन कार्य से दूर रहेंगे. माध्यमिक शिक्षक संघ ने तो सरकार को चेतावनी भी दे दी है.
बता दें कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के निर्देश पर विभिन्न जिलों में मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार और बाधा पहुंचाने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की गई है.
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BSEB के निर्देश पर DM और DEO ने कार्रवाई करते हुए सैकड़ों शिक्षकों के खिलाफ FIR दर्ज करने के साथ हजारों शिक्षकों का वेतन भी रोक दिया है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने सभी DM और DEO को 30 अप्रैल तक मैट्रिक और इंटर के मूल्यांकन कार्य को सुनिश्चित कराने का निर्देश भी दिया है.
BSEB के मुताबिक, राज्य के कुल 7 हजार 625 शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया है. जबकि कुल 8 हजार 950 शिक्षकों को शो क़ॉज किया गया है. जमुई के 712 और पटना के 40 शिक्षकों पर FIR दर्ज की गई है.
इधर प्राथमिक शिक्षक संघ ने साफ कर दिया है कि वे किसी भी हालत में मैट्रिक की कॉपियों की जांच नहीं करेंगे. प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष ने कहा कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति नियमों के विरुद्ध काम कर रहा है. मैट्रिक के सिलेबस से अंजान शिक्षकों को कॉपी जांचने को कहा जा रहा है. पढ़ें- https://goo.gl/yWwrxs
इधर माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदार पांडे ने सरकार को उग्र आन्दोलन की चेतावनी दी है. केदार पांडे ने कहा कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति शिक्षकों को फंसाने का काम कर रही है. सत्याग्रह कर रहे शिक्षकों को जबरदस्ती जेल भेजा जा रहा है. अगर सरकार ने जल्द हस्तक्षेप नहीं किया तो शिक्षक उग्र आन्दोलन के लिए बाध्य होंगे.