आरा,13 जुलाई. मंगलवार को रेड क्रॉस के पूर्व वाइस चेयरमैन स्वर्गीय सुनील कुमार सिंह की प्रथम पुण्यतिथि उनके परिवार के सदस्यों द्वारा रेड क्रॉस भवन में आयोजित की गयी.कार्यक्रम की अध्यक्षता चेयरमैन डॉक्टर विवेकानंद यादव ने की. कार्यक्रम का शुभारंभ को-ऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन सत्येंद्र सिंह द्वारा माल्यार्पण कर किया गया. अपनी संवेदना श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि रेड क्रॉस भवन के सभागार का सौंदर्यीकरण तथा दो स्प्लिट एसी सुनील सिंह की याद में कॉपरेटिव बैंक की तरफ से अनुदानित किया जाएगा.
चेयरमैन डॉ बी एन यादव ने अपने संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि, हम सबों ने रेड क्रॉस के कर्णधार को खो दिया है, जिसकी भरपाई करनी करना मुश्किल है. वाइस चेयरमैन डॉ निर्मल कुमार सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा कि, स्वर्गीय सुनील जी के जीवन वृत्त को अपनाकर और उनके रेड क्रॉस में दिए हुए योगदान को याद कर पूरी निष्ठा की भावना, जो उनमें थी उसी के अनुरूप रेड क्रॉस में हमें समर्पण भाव से काम करना है.
इस अवसर पर डॉ दिनेश प्रसाद सिन्हा ने अपनी स्वरचित कविता के माध्यम से स्वर्गीय सुनील सिंह के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला. कार्यक्रम में स्वर्गीय सुनील कुमार सिंह के बड़े भाई अनिल कुमार सिंह ने आगत अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए स्वागत किया.
डॉ दिनेश प्रसाद सिन्हा की स्वरचित कविता:
श्रद्धेय सुनील बाबू को
प्रथम पुण्यतिथि पर समर्पित
शब्दांजलि
पटना
रात्रि का सूनापन
मुक्ति दायिनी का तट
प्रकृत का फैला आंचल
मां गंगा की गोद में
चिर निद्रा में सो गए
नैनों से ओझल हो गए
स्मृति शेष रह गए
ओह! सुनील बाबू नहीं रहे।
आरा
आज शहर सूना है
लोग स्तब्ध हैं
क्या हो गया
जो सुना वही रुक गया
कोरोना वायरस
एक कर्म योद्धा को
हरा दिया
सदा के लिए सुला दिया
हम आंसू बहाते रह गए
स्मृति शेष रह गए
ओह! सुनील बाबू नहीं रहे।
स्वभाव
हास्य थे विनोदी थे
सब के सहयोगी थे
समयनिष्ट, कर्तव्यनिष्ठा
पेशा में अति विशिष्ट
चिकित्सक तो सभी मित्र
फिर भी बचा न सके
आश्वासन का घूंट पिलाते रहे
विवश बनकर रह गए
स्मृति शेष रह गए
ओह !सुनील बाबू नहीं रहे ।
कार्य
ब्लड बैंक,स्थापना से लेकर समृद्ध बनाने तक
दिल दिमाग खपाते रहे
जिला प्रशासन से जन प्रतिनिधियों तक
जुगत भिड़ाते रहे
बिल्डिंग बढ़ाते रहें
मेडल से लेकर
सुर्खियां बटोरते रहे
हम पास रहकर भी
कुछ न कर सके
लाचार बनकर रह गए
स्मृति शेष रह गए
ओह!सुनील बाबू नहीं रहे।
क्या खोया
समाज ने वरीय अधिवक्ता
तो परिवार ने अपना आधार
रेडक्रॉस ने अपना कर्णधार
पुत्र ने पिता को,पत्नी ने सिंदूर को जनपद ने एक शख्सियत तो
सहयोगियों ने अपने चहेते को ।
जाने के ग़म में सबने रोया
समुह ने नेकदिल इंसान खोया
काल के थपेड़ों को सह नहीं सके स्मृति शेष रह गए
ओह! सुनील बाबू नहीं रहे।
रेड क्रॉस के संरक्षक डॉ एस के रूंगटा, डॉ विजय कुमार सिंह, उप संरक्षक डॉ अर्चना सिंह, भूपेंद्र सिंह, डॉक्टर राजेश सिंह ,डॉक्टर शशि सिंह ,डी राजन , सरदार गुरुचरण सिंह, राकेश तिवारी, डॉ कुमार जितेंद्र, डॉक्टर मधुकर प्रकाश, डा रामकृष्ण, डॉक्टर बी पी सिंह, डॉ बी के शुक्ला , डॉ कन्हैया सिंह, डॉक्टर के के सिंह, राम कुमार सिंह, अवधेश कुमार पांडे, जीतेंद्र शुक्ला आदि ने अपने अपने विचारों को व्यक्त करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किया.
डा शशि कुमार सिंह एवं डा बी के शुक्ला के द्वारा स्वर्गीय सुनील कुमार सिंह को मोमेंटो एव शाल भी समर्पित किया गया. श्रद्धांजलि सभा का समापन अंबरीश सिंह ,सिद्धार्थ सिंह, यशवंत कुमार,एवं आशुतोष कुमार के सामूहिक धन्यवाद ज्ञापन से हुआ.
इस अवसर पर पूर्ववर्ती छात्रसंघ हित नारायण क्षत्रिय स्कूल आरा के छात्रों ने अपने पूर्ववर्ती छात्र स्वर्गीय सुनील सिंह के याद में स्वैच्छिक रक्तदान भी किया. रक्तदान की शुरूआत सुनील सिंह के सुपुत्र सिद्धार्थ सिंह ने स्वयं रक्तदान देकर की. इसके अतिरिक्त अमरेंद्र कुमार, ओ पी पांडेय और राकेश कुमार धन्नू ने भी सुनील सिंह की याद में स्वैच्छिक रक्तदान किया. कार्यक्रम का संचालन रेड क्रॉस की सचिव डॉ विभा कुमारी के द्वारा किया गया.
PNCB