ब्लैक पिक माउन्टेन 6387 फीट को किया सबमिट
पहले ही माउंट एवरेस्ट बेस कैंप पर लहरा लिया है तिरंगा
अफ्रीका की सबसे ऊंची किलिमंजारो पर्वत पर लहराया तिरंगा
तुर्की की सबसे ऊंची अरारत पर्वत पर तिरंगा फहराकर देश का नाम किया है रौशन
मैं आज जिस मुकाम पर पहुंची उसका सारा श्रेय आर के सिन्हा सर का है: लक्ष्मी झा
पूर्व सांसद आर के सिन्हा संवाददाता सम्मेलन में
पटना, कहते हैं कि अगर किसी के सपनों को को पंख देने वाला मिल जाए तो उसके सपने जल्द सच होते है ऐसा ही कुछ कर दिखाने जा रही हैं सहरसा की बेटी लक्ष्मी झा जो माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहरायेंगी. तब बिहार को और ख़ास कर मुझे गर्व होगा कि सरकार के बिना सहयोग से एक बेटी एक नया कीर्तिमान रचेगी. ये बातें भूतपूर्व सांसद आरके सिन्हा ने एक संवाददाता सम्मलेन में कही. उन्होंने कहा कि बिहार के सहरसा जिले के बनगांव की रहने वाली लक्ष्मी झा मेरे पास कुछ साल पहले आई और पर्वतारोहण की इच्छा जताई. मैंने हरसंभव मदद की तब उसके अंदर के टैलेंट ने काम करना शुरू किया और एक के बाद एक अभियान में आज वो सफलता प्राप्त कर रही हैं. आर के सिन्हा ने कहा कि पिछले दिनों तुर्की की सबसे ऊंची चोटी (16854 फीट) अरारत पर्वत पर तिरंगा फहराकर देश का नाम रोशन करने का काम किया है. उसके पहले अफ्रीका की सबसे ऊंची किलिमंजारो पर्वत पर तिरंगा लहराया है.
आर के सिन्हा ने सिन्हा ने कहा कि एवरेस्ट की 8,850 फीट की चढ़ाई करना कोई साधारण काम नहीं है और इसके लिए लक्ष्मी का ट्रेनिंग सेशन नेहरु इंस्टीट्यूट उत्तर काशी से अभी भी चल रहा है. मुझे पूरा विश्वास है कि लक्ष्मी एवरेस्ट पर सफलतापूर्वक चढ़ाई कर दुनिया में बिहार का नाम रौशन करेंगी. आर के सिन्हा ने कहा कि बिहार में ऐसे कई बच्चे हैं जिन्हें अभिभावक जैसा प्यार मिले आगे बढ़ने का अवसर मिले तो बिहार का नाम दुनिया भर में और रौशन होगा. बिहार का अपना खोया हुआ गौरव ये युवा ही दिला सकते हैं माध्यम तो बनना पड़ेगा न तो बिहार सरकार के भरोसे न जाने कितनी प्रतिभाओं को खिलने का अवसर नहीं मिला पाया.
पर्वतारोही लक्ष्मी झा ने कहा कि मैं आज जिस मुकाम पर पहुंची हूँ उसका सारा श्रेय मेरे अभिभावक और मोटिवेशनल गुरु आर के सिन्हा ने मुझे अफ्रीका, तुर्की समेत कई देशों में में जाने का अवसर दिलाया मुझे किसी चीज कि कभी कमी नहीं होने दी और पूरे लगन से मैंने सफलता हासिल की. अपने पिता के सामने मैं जो नहीं बोल पाई उसे आर के सिन्हा सर ने अभिभावक की तरह सुना और बड़ा सहयोग और प्यार दिया.कभी पिता की कमी महसूस नहीं होने दी. इसके लिए फिजिकल, मेंटल फिटनेस समेत कई ट्रेनिंग लगातार कर रही हूँ. पिछले दिनों मैंने ब्लैक पिक माउन्टेन 6,3 87 फीट के सबमिट को पूरा कर किया और अब मार्च से मई के बीच मेरा गोल एवरेस्ट है मुझे पूरा विश्वास है कि मैं बिहार और आर के सिन्हा सर का नाम दुनिया में रौशन करूंगी.