पटना, 01 जून।। बिहार में बड़े पैमाने पर बहाली की प्रक्रिया शुरू हो गई है. करीब तीस हजार पदों पर बहाली की ये प्रक्रिया 15 सितंबर तक पूरी कर लेने का लक्ष्य रखा गया है.
दरअसल बिहार में कोरोना महामारी ने स्वास्थ्य विभाग की तमाम खामियों को उजागर कर दिया है. कोविड की दूसरी लहर ने राज्य में जिस तरह की तबाही मचाई है, उसे देखते हुए बिहार सरकार ने संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है. इसी के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग के खाली पड़े करीब तीस हजार डॉक्टर, नर्स और पारा मेडिकल स्टाफ के पदों पर बहाली हो रही है.
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कोरोना के संभावित आने वाले तीसरे फेज से लड़ने के लिए विभाग के अपर मुख्य सचिव सहित उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर विस्तृत कार्ययोजना बनायी है. मंगल पांडेय ने बताया विभाग के द्वारा विभिन्न स्तरों पर सघन समीक्षा करते हुए भविष्य के लिए तैयारी की जा रही है। वर्ष 2021-22 में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कुल लगभग 30 हजार नियुक्तियां विभिन्न पदों पर की जाएंगीं.
मंगल पांडेय ने बताया कि व्यवस्थाओं को और बेहतर करने के लिए मानव बल की आवश्यकता है. इस क्रम में 6338 विशेषज्ञ एवं सामान्य चिकित्सक, 3270 आयुष चिकित्सक, जीएनएम (एनएचएम)- 4671 एवं एएनएम (एनएचएम)- 9233 की नियुक्ति 15 सितंबर 2021 तक कर लेने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही अन्य विभिन्न पदों पर लगभग 7 हजार नियुक्ति की प्रक्रिया को बिहार तकनीकी सेवा आयोग के माध्यम से पूरा करने का निर्देश दिया गया है. इसके अलावा विभिन्न मेडिकल काॅलेज सह अस्पतालों एवं सदर अस्पताल से प्राप्त नीकू, पीकू और एसएनसीयू के लिए आवश्यक उपकरणों की सूची बीएमएसआईसीएल को उपलब्ध करा कर शीघ्र आपूर्ति करने का निर्देश दिया गया है.
मंगल पांडेय ने बताया कि कोरोना के संभावित तीसरी लहर से बचाव के लिए राज्य के अस्पतालों में ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता हेतु विभिन्न संयंत्र, उपकरण एवं ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाने का निर्देश अधिकारियों को दिया गया है. इसके तहत सभी सीएचसी, रेफरल अस्पताल एवं पीएचसी पर 2-2 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर एवं सभी अनुमंडनलीय अस्पताल में 2-2 बाइपैप मशीन इस माह के अंदर भेजे जाएंगे. साथ ही 54 अनुमंडल एवं जिला अस्पतालों में पीएसए प्लांट एवं सभी मेडिकल काॅलेज सह अस्पतालों में अंंक्सीजन टैंक अगले तीन महीने में लगाना सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया है.
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