बिहार में करीब 91000 प्राथमिक शिक्षकों के पद पर नियोजन को लेकर सोमवार को बड़ी खबर सामने आई है. शिक्षा विभाग के मुताबिक छठे चरण के तहत बिहार में प्राथमिक शिक्षकों के 91000 पदों पर जो नियोजन प्रक्रिया चल रही है उसे फिलहाल स्थगित कर दिया गया है. यहां यह बात स्पष्ट करना जरूरी है कि नियोजन को फिलहाल स्थगित किया गया है रद्द नहीं किया गया. पटना नाउ पर दी गई खबर पूरी तरह प्रमाणिक और तथ्यपरक होती है. पहले भी कई अवसरों पर पटना नाउ ने इस बात को सही साबित किया है.
यहां इस बात को समझना जरूरी है कि प्राथमिक शिक्षकों का नियोजन क्यों स्थगित हुआ है. दरअसल मामला नेशनल ब्लाइंड फेडरेशन की याचिका से जुड़ा है जो माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षक नियोजन के साथ तमाम अन्य बहाली प्रक्रिया के संबंध में पटना हाईकोर्ट में दायर की गई थी. इसमें यह कहा गया है कि बिहार में बहाली प्रक्रिया में नेत्रहीन दिव्यांगों के लिए आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं किया जा रहा. इसकी सुनवाई के दौरान पिछले साल जुलाई महीने में ही पटना हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था कि शिक्षक नियोजन समेत तमाम बहाली प्रक्रिया पर इस मामले का निष्पादन होने तक स्टे रहेगा. जानकारी के मुताबिक जब शिक्षा विभाग ने नियोजन की प्रक्रिया जारी रखी, तब नेशनल ब्लाइंड फेडरेशन ने प्राथमिक शिक्षा निदेशालय को कोर्ट की अवमानना का नोटिस भेज दिया. इसके बाद शिक्षा विभाग ने आनन-फानन में कोर्ट में जवाब देने की प्रक्रिया शुरू की है जिसके तहत यह बताया जा रहा है कि प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन में आरक्षण रोस्टर का पूरी तरह पालन किया जाएगा लेकिन इस दौरान सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कोर्ट का आदेश आने तक नियोजन की प्रक्रिया स्थगित रहेगी. इस बात की पुष्टि शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने भी की है. ऐसे में जब तक ब्लाइंड फेडरेशन याचिका पर सुनवाई से शिक्षा विभाग अलग नहीं होता तब तक नियोजन की प्रक्रिया आगे बढ़ना मुश्किल है.
राजेश तिवारी