वर्ल्ड्स ग्रेटेस्ट रिकॉर्ड के बाद अब हावर्ड वर्ल्ड रेकॉर्ड, लंदन में भी दर्ज हुआ संजीव सिन्हा का नाम
सर्जना न्यास की टीम ने बनाया विश्व रिकॉर्ड
भोजपुर में गाँधी कार्यक्रम के दौरान बना था सबसे बड़ा यरवदा चरखा
आरा, 1मई. बिहार के एक कलाकार ने अपने हुनर का ऐसा कमाल चित्रकारी और क्राफ्ट तैयार कर दिखाया कि उसका नाम लंदन के हावर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो गया. विश्व का सबसे बड़ा चरखा बनाने वाले चित्रकार संजीव सिन्हा का नाम अब हावर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हो गया है. इसकी जानकारी हावर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड ने प्रमाण – पत्र और सम्मान भेजकर दिया है.
आरा शहर के मुखर्जी हाता में रहने वाले संजीव अपने लोक चित्रों की वजह से हमेशा चर्चित रहे हैं. सरल व्यक्तित्व के धनी चित्रकार संजीव सर्जना न्यास के अध्यक्ष हैं और अपनी कलाओं का प्रदर्शन इसी बैनर के जरिए वे समय समय पर करते रहते हैं.
बता दें कि पिछले वर्ष सर्जना न्यास ने भोजपुर में गांधी शताब्दी समारोह का आयोजन किया था जो कई चरणों में लगभग चार महीने तक विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के साथ चला था. बापू के भोजपुर आगमन के शताब्दी वर्ष के इस आयोजन में बापू से जुड़े तमाम यादों को लोगों के जेहन में फिर से जगाने के लिए दृश्य कला, चित्रकला, भाषण प्रतियोगिता, गीत संगीत आदि माध्यमों का प्रयोग किया गया था.
इसी आयोजन में बापू से जुड़े यारवादा चरखे का विशाल रूप बनाया गया था. जिसपर भोजपुरी लोक चित्रशैली में बापू व आजादी से जुड़े चित्रो को चित्रित किया गया था. 24 फीट लंबे और 8 फीट चौड़े इस चरखे को कही भी आसानी से खोल कर ले जाया जा सकता है. इस चरखे को की कल्पना और आकार संजीव सिन्हा की अपनी कल्पना थी. लेकिन संजीव का बड़ा दिल कहिए या बड़कपन इस रिकॉर्ड को बनाने का श्रेय वे पूरी टीम को देते हैं. वे बताते हैं कि उनके इस काम में उनका सहयोग सर्जना न्यास टीम के आशीष श्रीवास्तव, मदुरई, श्रील, दिपा श्रीवास्तव, रमन श्रीवास्तव, विष्णु शंकर आदी ने लगभग 15 दिन की कड़ी मेहनत कर उनके नेतृत्व में तैयार किया.
24 मार्च 2022 को हावर्ड वल्ड रेकॉर्ड, लंदन ने इसे विश्व के सबसे बड़ा यरवदा चरखा दर्ज किया और चरखे के निर्माण करने का प्रमाण पत्र जारी किया. इसके पहले वर्ल्ड्स ग्रेटेस्ट रिकॉर्ड ने इसे दुनिया के सबसे बड़े यरवाडा चरखे के रूप में दर्ज कर प्रमाण पत्र जारी किया था.
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हावर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड लंदन में चित्रकार संजीव सिन्हा का नाम दर्ज होने के बाद एक बार फिर से शहर के बुद्धिजीवियों, साहित्यकारों, कलाकारों, दोस्तों और परिवार वाले सर्जना न्यास और संजीव को बधाइयां देने में लगे हैं. एक बार फिर से पूरे जिले में इस रिकॉर्ड को लेकर खुशी की लहर है.
सर्जना परिवार ने इस सम्मान को भोजपुरीया माटी के दिवंगत कलाकारों को समर्पित किया है. संजीव ने बताया कि इसके निर्माण में सर्जना के संयोजक मनोज दुबे की अहम भूमिका रही. इस आयोजन में सबसे बड़ा सहयोग मनिषा दिवेदी पाठक, ओवरसीज ऑर्गेनाइजेशन फॉर बेटर बिहार (यूएसए) की रहीं, सम्भावना अवासीय विद्यालय के निदेशक कुमार द्विजेंद्र व प्राचार्या अर्चना सिंह, होटल पार्क व्यू कलार्क्स इन्न के जनार्दन सिंह व रोहित सिंह, प्रेम पंकज उर्फ ललन जी, का इस आयोजन को सफल बनाने में विशेष योगदान रहा. न्यास से जुड़े बृजम पाण्डेय व यशवंत मिश्रा पटना, शशि रंजन मिश्रा व अमृता दुबे दिल्ली, चंद्रभूषण पाण्डेय, अखौरी राजीव बैगलोर, संजीत सिन्हा राची, मालती देवी, अखौरी विजय कुमार, संस्कार कृष्णा, दीपेश कुमार, श्याम कुमार उर्फ राजन, विभूति कुमारी, छोटू कुमार और देश भर में सर्जना न्यास जुड़े सभी लोगों की अहम भूमिका रही हैं, हम उन सभी कलाकारों और कलाप्रेमीयो के आभारी हैं जिनके बजह से ये आयोजन सफल हो पाया.
आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट