रिटायर्ड शिक्षक को वेतन रोकने का नोटिस
दो रिटायर्ड शिक्षकों से मांगा स्पष्टीकरण
जिला शिक्षा विभाग की लापरवाही का फोटो हुआ वायरल
मामला हाइलाइट हुआ तो शुरू हुआ आरोप-प्रत्यारोप
इस पत्र से सबकुछ जाहिर है. आपको जानकारी सिर्फ इतनी दे दें कि 16 फरवरी को जारी ये पत्र जिसे भेजा गया है, वे पिछले महीने ही रिटायर हो चुके हैं.
मामला बक्सर जिला शिक्षा विभाग का है. जिला प्रभारी शिक्षा पदाधिकारी कृष्णा प्रसाद के हस्ताक्षर से जारी पत्र रिटायर हो चुके शिक्षकों के नाम से भी निर्गत किये गए हैं. इस तरह के पत्र निर्गत होने की सूचना पर जहां एक ओर विभाग हास्यास्पद बना हुआ है. वहीं इस पत्र के बाद विभागीय अधिकारियों की बेचैनी भी बढ़ गयी है. इस बवंडर के बीच अब एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल पड़ा है. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि रिटायर्ड शिक्षकों की सूची स्थापना शाखा के पास होती है. इसी को लेकर स्थापना के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को आवश्यक कार्रवाई हेतु सूचनार्थ प्रेषित किया गया है. इधर स्थापना शाखा के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी विनायक पांडेय ने कहा कि पत्र निर्गत करने से पूर्व इस बाबत सूचना मांगी जानी चाहिए थी. इधर, नगर में दिनभर इस बात की चर्चा होती रही कि सेवानिवृत शिक्षकों के वेतन भुगतान को रोकने का पत्र जारी करना अधिकारियों की लापरवाही साबित करता है. वहीं कुछ लोगों का मानना है कि लिपिकीय भूल से भी इस तरह के पत्र निर्गत हो गए होंगे.
सोशल मिडिया पर वायरल हुआ पत्र
रिटायर्ड शिक्षकों के वेतन भुगतान का पत्र जारी होने के बाद यह सोशल मीडिया में वायरल हो गया. देखते ही देखते कई व्हाट्स एप्प ग्रुप में पत्र की प्रति वायरल हो गयी. लोगों में इस बात को लेकर बहस छिड़ गयी कि ऐसा कैसे हो सकता है. गौरतलब हो कि वेतन पर रोक संबंधी पत्र 16 फ़रवरी को निर्गत हुआ है. पत्र में बीते 8 दिसंबर को जिला पदाधिकारी के आदेश से जिले के सभी विद्यालयों में एकसाथ औचक निरीक्षण किया गया था. उसके बाद अनियमितता पाए जाने पर वेतन भुगतान रोकने व स्पष्टीकरण मांगने का आदेश डीएम रमण कुमार ने दिया था.
दो रिटायर्ड शिक्षकों के नाम निर्गत हुआ पत्र
जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय से जारी पत्र के अनुसार बक्सर अनुमंडल के सारिमपुर जासो स्थित उर्दू मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक हरिश्चन्द्र मिश्र व डुमरांव अनुमंडल के मध्य विद्यालय पुराना भोजपुर, कदीम के प्रधानाध्यापक शिवदयाल सिंह को पदाधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान पायी गयी अनियमितता के लिए कार्रवाई का आदेश दिया है. इधर दोनों शिक्षकों ने बताया कि वे बीते 31 जनवरी को ही सेवानिवृत हो चुके हैं. उनका वेतन भुगतान पूर्व से ही बंद ही चुका है. ऐसे में स्पष्टीकरण और वेतन पर रोक की कार्रवाई का कोई मतलब नहीं है. हालांकि, पत्र का जवाब वे जरूर देंगे.
रिपोर्ट- बक्सर से कुमार करुणेश