बिहार में प्राथमिक शिक्षक नियोजन को लेकर इस वक्त की सबसे बड़ी खबर पटना से आ रही है, जहां पटना हाईकोर्ट में छठे चरण के प्रारंभिक शिक्षक नियोजन मामले में सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने आज सभी पक्षों को सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया है. छठे चरण के प्रारंभिक शिक्षक नियोजन मामले में सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने आज सभी पक्षों को सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया है.
इस मामले में फैसला अब 9 नवंबर को आएगा. यानी छठे चरण के प्रारंभिक शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया अब 9 नवंबर तक टल गई है. छठे चरण में 94000 पदों पर प्रारंभिक शिक्षकों का नियोजन होना है और इसके लिए हजारों अभ्यर्थी आवेदन करने के बाद इंतजार में हैं कि कब उन्हें नियोजन पत्र मिलेगा. लेकिन दो मामलों को लेकर कुछ अभ्यर्थी कोर्ट चले गए जिसके बाद पटना हाईकोर्ट ने नियोजन की प्रक्रिया पर ही रोक लगा दी थी. एक मामला दिसंबर में सीटेट पास करने वाले अभ्यर्थियों का है जिन्होंने पटना हाईकोर्ट में गुहार लगाई है कि उन्हें भी छठे चरण के नियोजन में शामिल होने का मौका दिया जाए. दूसरी तरफ एक मामला प्राथमिकता से जुड़ा है जिसमें बीएड अभ्यर्थियों ने पटना हाईकोर्ट में मामला दायर किया है कि सरकार बहाली प्रक्रिया के बीच में नियम बदल रही है और यह कहा है कि पहले डीएलएड अभ्यर्थियों को लिया जाएगा और सीट बचने पर बीएड अभ्यर्थियों का नियोजन होगा.
इस मामले में इंटरवीनर के वकील प्रिंस कुमार मिश्र ने पटना नाउ को बताया कि आज दोनों मामलों को लेकर जोरदार बहस हुई है. जस्टिस अनिल कुमार उपाध्याय ने 19 अक्टूबर तक सभी पक्षों से लिखित जवाब मांगा है कि उनका क्या कहना है. इस पूरे मामले में सरकार से भी एक शपथ पत्र देने को कहा है कि कुल बीएड अभ्यर्थी और कुल डीएलएड अभ्यर्थी कितने हैं. कितने पदों पर बहाली होनी है और डीएलएड अभ्यर्थियों के नियोजन के बाद कितनी सीटें बीएड अभ्यर्थियों के लिए बच रही हैं. दिसंबर सीटेट मामले की सुनवाई मंगलवार को होगी.
राजेश तिवारी